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Don’t Do These 7 Things During Pitru Paksha: पितृ पक्ष में भूलकर भी ना करें ये 7 काम वरना पितृ हो जाएंगे नाराज।

Dont do these 7 things during pitru paksha

Don’t Do These 7 Things During Pitru Paksha: हिंदू धर्म में पितरों का बहुत महत्व माना जाता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार भाद्रपद यानी भादो साल का छठवां महीना है।हर साल भाद्रपद की पूर्णिमा से सर्व पितृ अमावस्या तक पितृ पक्ष मनाया जाता है। इस दौरान पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण,श्राद्ध और पिंडदान आदि किया जाता है।

Don't do these 7 things during pitru paksha

 

मान्यता है इससे पितरों का ऋण चुकाया जाता है और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है। 15 दिन चलने वाले पितृपक्ष के अंतिम दिन सर्व पितृ अमावस्या का सभी अमावस्या में सबसे ज्यादा महत्व होता है। पितृपक्ष की अवधि लगभग 15 दिन की होती है।जिसमें लोग अपने पूर्वजों को भोजन व अर्पण आदि कर उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं।

Don’t Do These 7 Things During Pitru Paksha: जानिए वो कौन से हैं काम जो पितृ पक्ष के समय नहीं करना चाहिए।

Don't do these 7 things during pitru paksha

1. पितृ पक्ष के दौरान शराब, मांसाहारी भोजन, पान, बैंगन, प्याज, लहसुन, बासी भोजन, सफेद तिल, लौकी, मूली, काला नमक, सत्तू, जीरा, मसूर की दाल, सरसों का साग आदि वर्जित माने गए हैं। अगर कोई भी व्यक्ति श्राद्ध के समय इन चीजों का सेवन या प्रयोग करता है तो उसके पितर नाराज हो जाते हैं।

2. पितृपक्ष के समय विवाह, गृह प्रवेश, दुकान खोलना आदि शुभ कार्य नहीं करने चाहिए। साथ ही इस दौरान कोई नया सामान भी नहीं खरीदना चाहिए।

3. पितृ पक्ष के दौरान किसी से झूठ नहीं बोलना चाहिए। इसके अलावा अपशब्दों का प्रयोग भी नहीं करना चाहिए। जुआ, ठगी या किसी से छल-कपट नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से पितृ नाराज होते हैं। साथ ही श्राद्ध पक्ष के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।

4. पितृ पक्ष में आपके दरवाजे पर यदि कोई भी जानवर, साधु आदि आता है। तो उनका अपमान ना करें। इन लोगों का अपमान करने से आपके पितृ आपसे नाराज हो सकते हैं।साथ ही घर की चौखट पर यदि कोई गाय, कुत्ता ,भिखारी आता है। तो उनका भी अपमान ना करें।

5. श्राद्ध करने वाले को श्राद्ध करने के पहले बाल, नाखून और दाढ़ी नहीं कटवानी चाहिए।

6. श्रद्धा के दौरान तर्पण के लिए काले तिल का प्रयोग किया जाता है।इस दौरान भूल कर भी लाल या सफेद तिल के इस्तेमाल न करें।

7. श्राद्ध करने के लिए लोहे के बर्तन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, ना ही स्टील के बर्तन का प्रयोग करना चाहिए।इस दौरान आप पीतल के बर्तन में भोजन कर सकते हैं और तांबे के बर्तन में पानी पीना चाहिए श्राद्ध के लिए आप जो भोजन बना रहे हैं। उसको ना तो चखना चाहिए ना ही पहले खुद खाना चाहिए।

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Pitru Paksha 2024 Start Date: जाने पितृ पक्ष कब से कब तक है और इसके महत्व के बारे में।

Pitru paksha 2024 start date

Pitru Paksha 2024 Start Date: शास्त्रों के अनुसार पितृपक्ष पितरों को समर्पित 15 ऐसे दिन होते हैं। जब पितरों को याद कर उनका तर्पण और श्राद्ध किया जाता है। पितृ पक्ष को श्राद्ध पक्ष के रूप में भी जाना जाता है। इस पक्ष में पितरों की पूजा पिंडदान और तर्पण का ही विशेष महत्व है।

Pitru paksha 2024 start date

पंचांग के अनुसार पितृपक्ष की शुरुआत भाद्रपद पूर्णिमा होकर अश्विन अमावस्या पर इसका समापन होता है। मान्यता है कि पितृपक्ष में किए गए दान पुण्य से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। आईए जानते हैं साल 2024 में पितृपक्ष या श्राद्धपक्ष कब से कब तक हैं।

Pitru Paksha 2024 Start Date: जाने पितृपक्ष कब से कब तक है

पूर्वजों की आत्मा की शांति पूजा के लिए साल के 15 दिन बहुत खास माने जाते हैं। इन्हें पितृ पक्ष कहा जाता है। पितृपक्ष के दौरान हमारे पूर्वज पितृ लोक से धरती लोक पर आते हैं।

इसलिए इस दौरान निमित्त श्राद्ध करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार साल 2024 में पितृपक्ष का आरंभ 17 सितंबर 2024 से हो रहा है जिसका समापन 2 अक्टूबर के दिन सर्व पितृ अमावस्या पर होगा।

पितृपक्ष 2024 की प्रमुख तिथियां।

  • 17 सितंबर 2024 मंगलवार पूर्णिमा श्रद्धा।
  • 18 सितंबर 2024 बुधवार प्रतिपदा का श्राद्ध।
  • 19 सितंबर 2024 गुरुवार द्वितीया का श्राद्ध।
  • 20 सितंबर 2024 शुक्रवार की तृतीतया का श्राद्ध।
  • 21 सितंबर 2024 शनिवार चतुर्थी का श्राद्ध।
  • 22 सितंबर 2024 रविवार पंचमी का श्राद्ध।
  • 23 सितंबर 2024 सोमवार षष्ठी और सप्तमी का श्राद्ध।
  • 24 सितंबर 2024 मंगलवार अष्टमी का श्राद्ध।
  • 25 सितंबर 2024 बुधवार नवमी का श्राद्ध।
  • 26 सितंबर 2024 गुरुवार दशमी का श्राद्ध।
  • 27 सितंबर 2024 शुक्रवार एकादशी का श्राद्ध।
  • 29 सितंबर 2024 रविवार द्वादशी का श्राद्ध।
  • 30 सितंबर 2024 सोमवार त्रयोदशी का श्राद्ध।
  • 1 अक्टूबर 2024 मंगलवार चतुर्दशी का श्राद्ध।
  • 2 अक्टूबर 2024 बुधवार सर्वपितृ अमावस्या।

पितृपक्ष का महत्व।

धार्मिक दृष्टि से पितृपक्ष का बहुत महत्व है। यह समय पितरों के प्रति सम्मान और स्मरण प्रकट करने का माना गया है। मान्यता है कि इस अवधि में तर्पण श्राद्ध और पिंडदान करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है और व्यक्ती को पितृ दोष से भी छुटकारा मिलता है।

ऐसी मान्यता है की मृत्यु के बाद यमराज 15 दिनों के लिए मृतक व्यक्ति की आत्मा को मुक्त कर देते हैं जिससे वें अपने परिजनों के पास जाकर तर्पण ग्रहण कर सके। इन 15 दिनों में परिजनों के पिंडदान और श्राद्ध से पितर अपना भाग लेकर फिर वापस स्वर्ग लोक चले जाते हैं।

पितृपक्ष में क्या करे क्या ना करें।

Pitru paksha 2024 start date

मान्यता है कि पितृपक्ष के दौरान शुभ या मांगलिक कार्य नहीं करने चाहिए।पितृ पक्ष में तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए। इस दौरान घर पर आए किसी जीव, व्यक्ति या जरूरतमंद का अपमान ना करें।

इस समय पितृ धरती पर रहते हैं इसलिए पितृपक्ष पितरों का तर्पण श्राद्ध कर और दान आदि करना चाहिए। पितृपक्ष में गाय, कुत्ते और कौवे को भोजन कराना चाहिए।

श्राद्ध करने का समय।

शास्त्रों के अनुसार श्राद्ध करने का समय सुबह शाम देवी देवताओं की पूजा की जाती है। जबकि दोपहर का समय पितरों को समर्पित है।दोपहर में पितरों को याद करते हुए श्राद्ध कर्म करना चाहिए।

जिस प्रकार देवताओं के लिए यज्ञ किए जाते हैं वैसे ही पितरों को भोजन देने के लिए सूर्य की किरणों को जरिया माना गया है।

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