Zakir Hussain Passes Away: विश्व विख्यात तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन का 73 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। बताया जा रहा है कि मशहूर तबला वादक जाकिर हुसैन लंबे समय से बीमार चल रहे थे। आपको बता दे जाकिर हुसैन का इलाज अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को के एक अस्पताल में चल रहा था।
जाकिर हुसैन काफी लंबे समय से बीमार चल रहे थे और हालत ज्यादा खराब होने के कारण 15 दिसंबर 2024 की सुबह आईसीयू में एडमिट किया गया था जहां उन्होंने 73 वर्ष की उम्र में आखरी सांस ली।
Zakir Hussain Passes Away: लंबे समय से बीमारी से जूझ रहे थे उस्ताद हुसैन।
मशहूर तबला वादक जाकिर हुसैन के परिवार की ओर से एक बयान में कहा गया कि ” दुनिया के सबसे बेहतरीन संगीतकारों में से एक जाकिर हुसैन का 73 वर्ष की उम्र में सैन फ्रांसिस्को में निधन हो गया। उनका निधन इडियोपेथिक पलमोनरी फाइब्रोसिस नामक बीमारी की वजह से हुआ है। “वह अपने पीछे एक असाधारण विरासत छोड़ गए हैं जिसे दुनिया भर के अनगिनत संगीत प्रेमी संजोकर रखेंगे और इसका प्रभाव आने वाली कई पीढ़ियों तक रहेगा।”
उस्ताद जाकिर हुसैन की तबले के ज़रिए
कैलाश पर्वत पर भगवान शिव के डमरू बजाने की ये कल्पना दिव्य है , अद्भुत है , अलौकिक है #ZakirHussain #ZakirHussainPassesAway #zakir #जाकिर_हुसैन pic.twitter.com/tfdiB7Hsg7— suman (@suman_pakad) December 16, 2024
बता दे इडियोपेथिक पलमोनरी फाइब्रोसिस यानी IPF एक फेफड़ों से जुड़ी बीमारी है, जिसमें फेफड़ों में निशान पड़ जाते हैं और निशान बन जाने के कारण सांस लेने में कठिनाई होने लगती है।
इतना ही नहीं इस बीमारी से होने वाले फेफड़ों के नुकसान को कोई इलाज नहीं है और यह समय के साथ फेफड़ों को खराब कर देता है। हालांकि, समय रहते कुछ दवाओं के इस्तेमाल से इस बीमारी से होने वाले फेफड़ों के नुकसान की प्रगति को धीमा किया जा सकता है।
जाने कैसा रहा जाकिर हुसैन का जीवन।
आपको बता दें भारत के सबसे प्रसिद्ध तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन का जन्म 9 मार्च 1951 को मुंबई में हुआ था, वे उस्ताद अल्ला रखा के बेटे थे। मशहूर तबला वादक जाकिर हुसैन का बचपन मुंबई में ही बीता और 12 साल की उम्र से ही जाकिर हुसैन ने संगीत की दुनिया में अपनी तबले की आवाज को बिखेरना शुरू कर दिया था।
प्रारंभिक शिक्षा और कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद जाकिर हुसैन ने कला के क्षेत्र में अपने आप को स्थापित करना शुरू कर दिया था। साल 1973 में जाकिर हुसैन ने अपने पहले एल्बम ‘लिविंग इन द मैटेरियल वर्ल्ड’ के आने के बाद ठान लिया था कि वे अपनी तबले की आवाज को दुनिया भर में बिखरेंगे।
मशहूर तबला वादक जाकिर हुसैन के निधन पर नामचीन हस्तियों ने जताया शोक
सोशल मीडिया पर तमाम हस्तियों ने गमगीन शब्दों में दुख जताया और जाकिर हुसैन की कलाकारी को याद किया।#ZakirHussain | #ZakirHussainPassesAway | #TablaMaestro pic.twitter.com/uAjo3FxXyk
— RT Hindi (@RT_hindi_) December 16, 2024
उसके बाद से सन 1979 से लेकर 2007 तक जाकिर हुसैन ने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय समारोहों और एल्बमों में अपने तबले का जादू दिखाया। जाकिर हुसैन के तबले का जादू भारत में ही नहीं बल्कि विश्व के विभिन्न हिस्सों में भी बेहद लोकप्रिय है।
कई पुरस्कारों से सम्मानित हुए जाकिर हुसैन।
दुनिया भर में अपनी तबले की आवाज को बिखेरने वाले मशहूर उस्ताद जाकिर हुसैन न सिर्फ भारत में बल्कि दुनिया भर में बहुत प्रसिद्ध रहें। जाकिर हुसैन को भारत सरकार द्वारा कला के क्षेत्र में कई पुरस्कारों से सम्मानित भी किया गया। बता दे सन 1988 में महज 37 वर्ष की उम्र में मशहूर तबला वादक जाकिर हुसैन को पद्मश्री पुरस्कार मिला था।
The demise of tabla wizard Ustad Zakir Hussain is a great loss to the world of music. He was known for his extraordinary creativity and inventiveness. He mesmerised generations of music lovers across the world. He was a bridge between the musical traditions of India and the West.…
— President of India (@rashtrapatibhvn) December 16, 2024
इसके बाद साल 2002 में संगीत के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें पद्मभूषण का पुरस्कार दिया गया था। इतना ही नहीं जाकिर हुसैन को सन 1992 और 2009 में संगीत का सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार ग्रैमी अवार्ड से भी सम्मानित किया गया है। साथ ही साथ उस्ताद जाकिर हुसैन को 22 मार्च 2023 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया।
Image: Twitter
आखिर कहां गुम है 80 के दौर की ये खूबसूरत हसीनाएं !!
संस्कृति एक ब्लॉगर हैं। संस्कृति को ऑटोमोबाइल, फैक्ट्स, लाइफस्टाइल और ट्रेवल से जुडी पोस्ट लिखना पसंद है।