Youth Mobile Addiction: आज के इस टेक्नोलॉजी के युग में स्मार्टफोन का उपयोग दिन-ब-दिन बढ़ता ही जा है। ऐसे में आज के युवाओं में मोबाइल और लैपटॉप को ज्यादा देर तक इस्तेमाल करने की बुरी आदत लगती जा रही है। इस आदत को अगर समय रहते नहीं मैनेज किया गया तो एक उम्र के बाद इसका असर हमारे दिमाग और याददाश्त पर भी देखने को मिलता है।
हम सभी को मोबाइल और लैपटॉप को यूज़ करने का एक समय निश्चित करना चाहिए, जिससे हम अपने आस-पास के लोगों के साथ, अपनी फैमिली के साथ भी समय बिता सकें। इस पोस्ट में हम आपको कुछ ऐसे उपाय बतायेंगे, जिससे आप टेक्नोलॉजी का सही से उपयोग कर सकते हैं।
Youth Mobile Addiction को कम कैसे करें, जानें कुछ आसान उपाय
Mobile Addiction को कम किया जा सकता है। परन्तु ये सब एक दिन में या अचानक नहीं होगा। इसमें थोड़ा समय लग सकता है, इसलिए आपको धैर्य बनाये रखना होगा।
समय निर्धारित करें
Youth Mobile Addiction के उपायों में ये एक बेहद जरूरी उपाय है। हम सब जानते है कि एक दिन में सभी को 24 घंटे ही मिलते हैं। हमको इन 24 घंटो में ही अपने सभी काम को पूरा करना होता है। इसलिए हमें अपने समय को सेट करना ही चाहिए। स्टडी करने के साथ-साथ हमको घूमना भी चाहिए और लेटेस्ट टेक्नोलॉजी से अपडेट रहने के लिए अपने मोबाइल का इस्तेमाल भी करना चाहिए।
परन्तु यदि हम जरूरत से ज्यादा समय सिर्फ मोबाइल में ही देंगे तो हम दूसरा जरूरी काम नहीं कर पाएंगे और समय का सही से इस्तेमाल नहीं कर पायेंगे। इसलिए हम सभी को हर काम का टाइम सेट करना चाहिए।
अलार्म लगाना
जब हम हर काम के लिए टाइम को सेट कर लेते हैं तो उस काम को में अलार्म हमारी मदद करता है। हमको स्मार्टफोन और लैपटॉप चलाते समय भी टाइमर या अलार्म सेट करना चाहिए जिससे हम 2-3 घंटे के बीच में कुछ देर अपनी आँखों को आराम दें।
इस समय में हमको पार्क में टहलना चाहिए या आराम करना चाहिए। कहने का मतलब है कि अलार्म के टाइम पर हमको मोबाइल या लैपटॉप से खुद को थोड़ी देर के लिए दूर कर लेना चाहिए।
गैजेट-फ्री जोन
आज कल लोग अपने स्मार्टफोन में इतने बिजी होते हैं कि एक सेकंड के लिए भी उससे दूर नहीं होते। ऐसे में हमको कुछ ऐसी जगहों को निर्धारित करना चाहिए, जहाँ पर कोई भी डिजिटल उपकरण का इस्तेमाल ना किया जाय। जैसे: खाना खाते समय स्मार्टफोन का यूज़ ना करें।
इसके अलावा एक टाइम सेट कर लें कि उस टाइम पर घर का कोई भी सदस्य स्मार्टफोन या लैपटॉप का यूज़ उस समय नहीं करेगा, चाहे कितना भी जरूरी काम क्यू ना हो। ऐसा करके हम खुद की हेल्थ और अपने बच्चों की सेहत पर होने वाले बुरे प्रभाव को काफी हद तक कम कर सकते हैं।
सोशल मीडिया का टाइम सेट करना
आज कल बड़े, बच्चे और युवा अपना सबसे ज्यादा समय सोशल मीडिया ऐप्स का उपयोग करने पर बिताते हैं। ये सोशल मीडिया ही उनका जरूरत से ज्यादा समय बर्बाद कर देता है , जिससे युवा और बच्चे अपने जरूरी काम को समय से पूरा नहीं कर पाते हैं। काम को टाइम से पूरा नहीं कर पाने पर उनके अंदर स्ट्रेस, डिप्रेशन और चिड़चिड़ा पन दिखाई देने लगता है।
ये ही आगे चलकर कई प्रकार की गंभीर बीमारियों का कारण बनता है। इसलिए हम सभी को सोशल मीडिया के लिए एक फिक्स टाइम सेट करना चाहिए और उसका सख्ती से पालन करना चाहिए।
शारीरिक एक्टिविटी को बढ़ावा देना
स्मार्टफोन के अधिक इस्तेमाल से बचने का सबसे बेहतरीन उपाय है कि हम विभिन्न प्रकार के इंडोर और आउटडोर खेल के लिए समय निकालें। अलग अलग प्रकार के खेलों को खेलने से या एक्सरसाइज करने से हमारे दिमाग और शरीर में ब्लड सर्कुलेशन सही तरीके से होता है और हम खुद को फिट महसूस करते हैं।
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नई हॉबीज अपनाना
आज कल के युवाओं को कोई ना कोई ऐसी हॉबीज को अपनाना चाहिए जिसमे डिजिटल उपकरणों उपयोग ना हो। इसमें एक्सरसाइज करना, बैडमिंटन, चेस, कैरम, कबड्डी जैसे खेलों को खेलने की आदत भी अपनायी जा सकती है।
पढ़ाई करना
विभिन्न प्रकार की किताबों को पढ़ने से हमें अपनी संस्कृति के साथ-साथ अलग अलग भाषाओं को जानने का मौका मिलता है। किताबों को पड़ने से हमारी सोचने और समझने की क्षमता में वृद्धि होती है। यदि हम कोई भी एक किताब जोकि 300 पन्नों की है , उसको पढ़ते हैं तो हम उस लेखक के 25 से 30 साल के अनुभव और नॉलेज को कुछ ही दिनों में हासिल कर सकते हैं।
उस लेखक को उसी एक्सपीरियंस को प्राप्त करने में बहुत समय लगा होगा। परन्तु उसने अपने अनुभवों को एक किताब में लिख दिया, जिससे उस प्रकार के अनुभव के लिए किसी और को 25 से 30 साल का इंतज़ार ना करना पड़े।
अगर हम अपने प्राचीन ग्रंथों को पढ़ें हमें पता चलेगा कि हमारी संस्कृति कितनी उन्नत रही है। इसलिए हम सभी को एक टाइम सेट करके डेली किसी ना किसी किताब को जरूर पढ़ना चाहिए।
अच्छी नींद लेना
हम सभी युवाओं की ये आदत होती है कि हम दिन में तो मोबाइल चलाते ही हैं, परन्तु रात में भी मोबाइल का इस्तेमाल बंद नहीं करते। इसका सीधा असर हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है। नींद पूरी ना होने के कारण अगले दिन हम खुद को फ्रेश महसूस नहीं करते। पूरा दिन भारी- भारी लगता है।
इसलिए सिर्फ युवाओं को ही नहीं, बल्कि हम सभी को (बच्चे, बड़ों को भी) रात में स्मार्टफोन का कम से कम इस्तेमाल करना चाहिए। हम सभी को कम से कम 7 -8 घंटो की नींद लेनी चाहिए। इससे हम (खासकर युवा) खुद को एकदम तरोताज़ा महसूस करेंगे और अपने सभी कामों को अच्छे से पूरा कर सकेंगें।
मोबाइल अलर्ट्स को बंद करें
हम सभी का पूरा दिन स्मार्टफोन और विभिन्न प्रकार के डिजिटल गैजेट्स से घिरा रहता है। ऐसे में हमारे स्मार्टफोन पर ऐसे बहुत से ऍप्स होते हैं, जिनमे हर कुछ सेकेंड या मिनट पर नोटिफिकेशन्स आते रहते हैं।
इन नोटिफिकेशन्स को बार-बार चेक करने में हमारा बहुत समय नष्ट हो जाता है। इसलिए हमें इन नोटिफिकेशन्स को बंद करके रखना चाहिए और एक फिक्स टाइम पर नोटिफिकेशन को चेक करना चाहिए। इससे हम अपने समय का बेहतर तरीके से उपयोग कर पायेंगे।
ऐप्स को डिलीट करें
कभी कभी हम अपने मोबाइल में ऐसे ऐप्स भी इंस्टॉल कर लेते हैं, जिनकी हमे बहुत लंबे समय तक जरूरत नहीं होती है। परन्तु इन ऐप्स से बहुत नोटिफिकेशन आते रहते हैं। इन नोटिफिकेशन की वजह से हमारा ध्यान एकाग्र नहीं हो पाता है। इसलिए हमें उन ऐप्स को डिलीट कर देना चाहिए, जिनका उपयोग हम कम करने लगे हों या जिनका कोई विशेष यूज़ ना हो।
फोकस ऐप्स/ सॉफ्टवेयर का यूज़
अपने मोबाइल या लैपटॉप में ऐसे ऐप्स को इंस्टॉल करना चाहिए जिससे हमारी काम करने की क्षमता में वृद्धि हो। इसके साथ ही ये ऐप्स हमारे फोकस को बढ़ाने या समय को मैनेज करने में मददगार साबित हो।
टेक्नोलॉजी ब्रेक्स
हम सभी को 24 घंटे में से कुछ समय बिना डिजिटल उपकरण का यूज़ किये बिना बिताना चाहिए। शुरू में ये 5 मिनट से स्टार्ट किया जा सकता है और धीरे धीरे इस टाइम को बढ़ा सकते हैं।
इस प्रकार हम आसान उपाय करके अपने काम करने की क्षमता को बढ़ा सकते हैं। इसका फायदा हमको ही मिलेगाइसलिए हम सभी को इन आसान उपायों को अपनी डेली रूटीन में जरूर शामिल करना चाहिए।
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