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World’s Richest Padmanabhaswamy Temple Mystery : दुनिया के सबसे अमीर पद्मनाभस्वामी मंदिर के ऐसे अनसुलझे रहस्य, जिसे वैज्ञानिक भी आज तक नहीं समझ पाए।
World’s Richest Padmanabhaswamy Temple Mystery: भारत एक मंदिरों का देश है जहां हर जगह आपको भगवान का मंदिर जरूर मिल जाएगा लेकिन क्या आपको पता है दुनिया के सबसे अमीर मंदिर कौन सा है? तो चलिए आज हम आपको दुनिया के सबसे अमीर मंदिर के बारे में बताएंगे जिसकी चर्चा पद्म पुराण, ब्रह्म पुराण, विष्णु पुराण और महाभारत में भी की गई है।
World’s Richest Padmanabhaswamy Temple Mystery
यह मंदिर अपने आप में कई रहस्य और चमत्कारों से भरा हुआ है। चलिए आज हम बात करेंगे इस मंदिर से जुड़े रहस्य के बारे में और इसके पीछे के सच जानने की कोशिश करेंगे।
1.दुनिया का सबसे अमीर मंदिर
पद्मनाभस्वामी मंदिर की संपत्ति करीब 17 बिलीयन डॉलर्स से भी ज्यादा है। ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर के अंदर इतने पैसे हैं कि जो भारत को दुनिया का सबसे अमीर देश बना सकता है।
पद्मनाभस्वामी मंदिर भारत के ही नहीं बल्कि दुनिया के सबसे अमीर मंदिरों में से एक है जो भगवान विष्णु को समर्पित है। प्राचीन ग्रंथो और पुराणों के अनुसार मंदिर में 6 दरवाजे मौजूद है और कहा जाता है कि इस मंदिर का सारा खजाना इन 6 अलग-अलग दरवाजों में मौजूद है।
2.मंदिर के रहस्यमई दरवाजें
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केरल की राजधानी तिरुअनन्तपुरम में स्थित 5000 साल पुराने पद्मनाभस्वामी मंदिर अपनी सुंदरता और भव्यता के लिए बहुत प्रसिद्ध है। इस मंदिर में कई सारे रहस्य छुपे हुए हैं। इस मंदिर में करीब 6 दरवाजे हैं जिसमें से पांच दरवाजे खोले जा चुके हैं.
जिसमें से अरबो रुपए की मूर्तियां बोरे भर-भर के सोने के सिक्के और सोने की कुर्सियां मिली हैं।ऐसा कहा जाता है कि इन सोने के एक- एक सिक्कों की कीमत करीब ढाई करोड रुपए से भी ज्यादा है।
3.मंदिर की भव्य वास्तुकला
आपको बता दे पद्मनाभस्वामी मंदिर को सदियों से कई दान दिए जा रहे हैं जिस वजह से भी इस दुनिया के सबसे अमीर मंदिरों में पहले स्थान पर रखा गया है। यह मंदिर न केवल अपनी संपत्ति बल्कि अपनी वास्तुकला के लिए भी काफी प्रसिद्ध है।
इस मंदिर में आपको इसमें केरल और द्रविड़ आर्किटेक्चर डिजाइन का एक अनोखा मिश्रण देखने को मिलेगा जो उसे बेहद ही खूबसूरत बनता है। इतना ही नहीं इस मंदिर के कारण ही केरल की राजधानी तिरुअनन्तपुरम को नाम मिला “तिरु-अनन्त-पुरम” जिसका अर्थ है “भगवान अनंत पद्मनाभ का पवित्र निवास”.
4. गर्भ ग्रह के नीचे गुप्त तहखाने
पद्मनाभस्वामी मंदिर के गर्भ ग्रह के नीचे छह बड़े-बड़े गुप्त तहखाने हैं जो कि लंबे समय से त्रावनकोर शाही परिवार के नेतृत्व में एक ट्रस्ट द्वारा नियंत्रित किया जा रहा है। आपको बता दे साल 2011 में एक रिटायर्ड आईपीएस ऑफिसर टी पी सुंदर राजन ने इन तहखानों की खोज के लिए याचिका दायर किया था जिसके बाद भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा इस मंदिर के गुप्त कक्षों को खोलने का निर्देश दिया गया।
मंदिर के 6 ज्ञात तहखाना जिन्हें निलावरा भी कहते हैं अदालत द्वारा लेखा-जोखा के लिए ए से एफ के रूप में चिन्हित किया गया है। इसके बाद अप्रैल 2014 में एक रिपोर्ट द्वारा दो और तहखानों जी और एच के होने की सूचना मिली। ऐसा कहा जाता है कि ए से लेकर एफ तक के तहखाने समय-समय पर खोले गए हैं। जबकि तहखाना बी सदियों से बंद है।
रिपोर्ट के अनुसार इन खोले गए तहखानों में 1.1 metre लंबी ठोस सोने की भगवान विष्णु की मूर्ति मिली जिसमें सैकड़ो हीरे और रूबी जड़े हुए थे इसके अलावा इसमें 5.5 मीटर लंबी सोने की चेन कई किलोग्राम सोने और अन्य कीमती धातुओं से बने वस्त्र और गहने मिले।
5.महाभारत कल्लारा
मंदिर के गर्भ ग्रह में स्थित तहखाना बी जिसका मूल नाम “महाभारत कल्लारा” है, अब तक का सबसे बड़ा तहखाना है। जिसके पीछे मान्यता है कि अगर इस तहखाना को खोल दिया गया तो दुनिया में प्रलय आ जाएगा और पूरी दुनिया खत्म हो जाएगी।
आपको बता दे साल 2011 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश अनुसार इस तहखाने के दरवाजे को खोलने का कोशिश किया गया लेकिन कई कोशिशों के बावजूद इस दरवाजे को नहीं खोला जा सका।
कहा जाता है कि एक बार किसी व्यक्ति ने इस दरवाजे को खोलने का प्रयास भी किया था लेकिन उसे एक सांप ने काट लिया था। इतना ही नहीं कई लोगों की यह भी मानता है कि इस तहखाना में बंद खजाने की रक्षा स्वयं शेषनाग करते हैं। आपको बता दे इस दरवाजे पर किसी भी प्रकार का ताला नहीं लगा हुआ है।
इस मंदिर में आज भी लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं जिनकी अपार श्रद्धा इस मंदिर के धार्मिक महत्व को बढ़ाते हैं।हालांकि आज भी यह मंदिर एक रहस्य से भरा हुआ है और आज तक यह नहीं पता चल पाया है कि इस मंदिर में इतने खजाने कहां से आए।
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Facts About World’s Largest Antarctica Desert: दुनिया के सबसे बड़े रेगिस्तान से जुड़े कुछ अद्भुत रहस्य।
Facts About World’s Largest Antarctica Desert: क्या आपको पता है कि अंटार्कटिका जिसे आमतौर पर बर्फ की भूमि के नाम से जाना जाता है वह वास्तव में एक विशाल रेगिस्तान है।
जी हां, आपने सही सुना अंटार्कटिका दुनिया का सबसे बड़ा रेगिस्तान है जिसमें कई अद्भुत और अनोखे तथ्य छुपे हैं। आज हम आपको दुनिया के सबसे बड़े रेगिस्तान अंटार्कटिका से जुड़े 5 अद्भुत रहस्य बताएंगे जिसे जानकर आप हैरान हो जाएंगे।
Facts About World’s Largest Antarctica Desert: दुनिया के सबसे बड़े रेगिस्तान, अंटार्कटिका से जुड़े 5 अद्भुत रहस्य
1.दुनिया का सबसे बड़ा रेगिस्तान
अंटार्कटिका रेगिस्तान को आमतौर पर बर्फ की वजह से केवल एक बर्फीला क्षेत्र माना जाता है, लेकिन असल में यह दुनिया का सबसे बड़ा रेगिस्तान है। रेगिस्तान की परिभाषा के अनुसार, यह एक ऐसा क्षेत्र होता है जहां बहुत कम बारिश होती है।
अंटार्कटिका में साल भर में केवल 200 मिमी से भी कम बारिश होती है, जिससे यह धरती का सबसे सूखा स्थान बन जाता है।
2.सबसे ठंडा स्थान
अंटार्कटिका रेगिस्तान धरती का सबसे ठंडा स्थान है। यहां अब तक का सबसे कम तापमान माइनस 128.6 डिग्री फारेनहाइट (माइनस 89.2 डिग्री सेल्सियस) दर्ज किया गया है, जो 21 जुलाई 1983 को वॉस्टोक स्टेशन पर मापा गया था।
इतनी कड़कड़ाती ठंड में जीवन का अस्तित्व मुश्किल हो जाता है, फिर भी कुछ विशेष जीव-जंतु और वनस्पतियाँ यहां जीवित रह पाती हैं।
3.अनोखी झीलें
अंटार्कटिका में कई अनोखी झीलें हैं, जो बर्फ के नीचे छिपी हुई हैं। सबसे प्रसिद्ध झीलों में से एक वॉस्टोक झील है, जो लगभग 4 किलोमीटर बर्फ की परत के नीचे स्थित है।
यह झील हजारों सालों से अलग-थलग है और वैज्ञानिकों का मानना है कि इसमें अनोखे और प्राचीन जीवों का अस्तित्व हो सकता है, जो दुनिया के अन्य हिस्सों में नहीं पाए जाते।
4.सक्रिय ज्वालामुखी
अंटार्कटिका बर्फ से ढका हुआ है, लेकिन यहां पर सक्रिय ज्वालामुखी भी हैं। सबसे प्रसिद्ध ज्वालामुखी माउंट एरेबस है, जो दुनिया का सबसे दक्षिणी सक्रिय ज्वालामुखी है। माउंट एरेबस में एक लावा झील भी है, जो इसको और भी रोमांचक बनाती है।
5.अद्वितीय जीव-जंतु
अंटार्कटिका रेगिस्तान में कई अद्वितीय जीव-जंतु पाए जाते हैं, जो कठोर परिस्थितियों में भी जीवित रहते हैं। यहां की सबसे प्रसिद्ध प्रजातियों में से एक है अडेली पेंगुइन, जो ठंड और बर्फीली हवाओं में भी जीवित रहने की क्षमता रखती है। इसके अलावा, वाडेल सील और अंटार्कटिक क्रिल भी यहां के महत्वपूर्ण जीव हैं, जो समुद्री जीवन का हिस्सा हैं।
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7 Interesting Facts About Goddess Katyayani: जानिए नवरात्रि के छठे दिन पूजी जाने वाली मां कात्यायनी के रूप से जुड़े कुछ रोचक तथ्य।
7 Interesting Facts About Goddess Katyayani: आज नवरात्रि का छठा दिन है और आज देवी कात्यायनी की पूजा की जाती है। आपको बता दे देवी कात्यायनी नवदुर्गा के छठे स्वरूप में पूजनीय है। मान्यता के अनुसार मां दुर्गा ने यह रूप अपने परम भक्त ऋषि कात्यायन के लिए धारण किया था।
मां दुर्गा का छठा अवतार मानी जाने वाली माता कात्यायनी अत्यंत दिव्य और बलशाली मानी जाती है। आज हम आपको नवदुर्गा के छठे रूप देवी कात्यायनी के बारे में सात रोचक तथ्य बताएंगे, जो आपको माता कात्यायनी के महिमा से परिचित कराएंगे।
7 Interesting Facts About Goddess Katyayani: मां कात्यायनी के रूप से जुड़े कुछ रोचक तथ्य
1.माता कात्यायनी की उत्पत्ति
पौराणिक कथाओं के अनुसार माता कात्यायनी देवी दुर्गा के छठे रूप में पूजी जाती हैं। कहां जाता है माता कात्यायनी का जन्म ऋषि कात्यायन के तप से हुआ था।
ऋषि कात्यायन ने उन्हें अपनी पुत्री के रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तप किया था तब देवी ने ऋषि कात्यायन के यहां जन्म लिया था। कहा जाता है की देवी का नाम ऋषि कात्यायन के यहां जन्म लेने से उनका नाम देवी कात्यायनी पड़ा।
2.माता कात्यायनी का रूप
माता कात्यायनी चारभुजा वाली देवी है जिनका स्वरूप अत्यंत दिव्य और प्रभावशाली है। उनकी चार भुजाएं हैं जो शक्ति और संकल्प का प्रतीक मानी जाती हैं। इन चारभुजा में माता कात्यायनी तलवार, कमल, अभयमुद्रा और वरमुद्रा को धारण करती हैं।
देवी कात्यायनी द्वारा उनके चारों भुजाओं में धारण किए गए वस्तुओं का महत्व कुछ इस प्रकार से है-
तलवार- मां कात्यायनी की एक भुजा में तलवार होती है जो बुराई और अधर्म को नाश करने वाली है। तलवार देवी कात्यायनी के शक्ति और साहस का प्रतीक है।
कमल- माता कात्यायनी अपनी दूसरी भुजा में कमल धारण करती है जो उनकी कोमलता और दिव्यता को दर्शाता है और यह शांति और पवित्रता का प्रतीक है।
अभयमुद्रा- देवी कात्यायनी की तीसरी भुजा में अभय मुद्रा होती है जिससे मां कात्यानी अपने भक्तों को हर प्रकार के डर और संकट से मुक्त करती हैं। अभय मुद्रा सुरक्षा और निडरता का प्रतीक माना जाता है।
वरमुद्रा- चौथी भुजा में माता कात्यायनी वर मुद्रा को धारण करती हैं जिससे वे भक्तों की सभी इच्छाओं को पूर्ण करने का आशीर्वाद देती है और ये मां की दयालुता और करुणा का प्रतीक है।
3.महिषासुर मर्दिनी
देवी कात्यायनी को महिषासुर मर्दिनी भी कहा जाता है क्योंकि उन्होंने महिषासुर राक्षस का वध करने के लिए ऋषि कात्यायन की पुत्री के रूप में जन्म लिया था।
कथाओं के अनुसार माता कात्यायनी ने महिषासुर राक्षस का वध करके देवताओं को संकट से मुक्त किया था इसलिए उन्हें महिषासुर मर्दिनी भी कहा जाता है।
4.नवदुर्गा का छठा अवतार।
मां कात्यायनी को नवदुर्गा का छठा अवतार माना जाता है और नवरात्रि के छठे दिन माता कात्यायनी की पूजा की जाती है जिसका नवरात्रि के दिनों में बहुत ही विशेष महत्व होता है।
मां कात्यायनी को नवदुर्गा का अत्यंत दिव्य और बलशाली रूप माना जाता है जो नवदुर्गा के नौ रूपों के विभिन्न पहलुओं का प्रतिनिधित्व करती हैं।
5.ऋषि कन्या
देवी कात्यानी को ऋषि कन्या के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि उन्होंने ऋषि कात्यायन के पुत्री के रूप में जन्म लिया था। कहा जाता है की मां कात्यायनी की पूजा करने से अविवाहित कन्याओं को योग्यवर मिलता है इसलिए नवरात्रि में मां कात्यायनी की पूजा का विशेष महत्व होता है।
6.वेदों और शास्त्रों में उल्लेख।
माना जाता है की देवी कात्यायनी का उल्लेख प्राचीन हिंदू शास्त्रों जैसे वेदों और पुराणों में किया गया है। मान्यताओं के अनुसार मार्कंडेय पुराण के देवी के महात्म्य खंड में देवी कात्यानी द्वारा दुष्ट राक्षसों का वध करने का वर्णन सामने आता है।
7.मंत्र और पूजा।
देवी कात्यायनी नवदुर्गा के साहस और दिव्यता का प्रतीक मानी जाती हैं जिनकी पूजा नवरात्रि के दिनों में बहुत विशेष महत्व रखता है।
भक्तगण यदि नवरात्रि के छठे दिन में माता कात्यायनी के बलशाली मंत्र “ॐ देवी कात्यायन्यै नमः” का जाप करते हैं तो उन्हें माता कात्यायनी का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।
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