डिजिटल गैजेट्स के अधिक प्रयोग से हमें कई बीमारियां हो रही हैं जो हमको मानसिक रूप से ज्यादा बीमार कर रही हैं। 

डिजिटल गैजेट्स के अधिक प्रयोग से नोमोफोबिया जैसी मानसिक बीमारी बढ़ती जा रही है। 

नोमोफोबिया की बीमारी होने पर ये कुछ लक्षण जरूर देखने को मिलते हैं -

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नोमोफोबिया के लक्षण

मोबाइल से थोड़ी देर भी दूर रहने पर यदि आपको लेटेस्ट अपडेट्स की चिंता सता रही है तो सावधान होने की जरुरत है। 

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डर की भावना 

रेडियो सिग्नल्स नहीं रहने पर एक अजीब सी घबराहट महसूस होना भी नोमोफोबिया का मुख्य लक्षण है।

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इंटरनेट यूज़ ना कर पाना 

नोमोफोबिया से पीड़ित व्यक्ति को नींद ना आने की ख़राब आदत लग जाती है जिससे दैनिक दिनचर्या डिस्टर्ब होती है। 

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रात भर जागना 

जरूरत से ज्यादा फ़ोन इस्तेमाल करने पर नींद पूरी नहीं होती जिसके कारण आप खुद को थका हुआ महसूस करते हैं। 

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थका महसूस करना 

नोमोफोबिया को कंट्रोल करने के कुछ कारगर तरीके

ऐप के नोटिफिकेशन को ऑफ या म्यूट करके रखना चाहिए। इससे काम पर फोकस बढ़ता है।

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नोटिफिकेशन बंद करना

बुक रीडिंग, इंडोर गेम्स, छोटे बच्चों के साथ समय बिताना, पेंटिंग करना जैसी एक्टिविटी को डेवलप करना चाहिए। 

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एक्टिविटी डेवलप करना 

मोबाइल या डिजिटल गैजेट को एक निश्चित समय के लिए ही यूज़ करने का टाइम सेट करना चाहिए। 

टाइम सेट करना 

अधिक से अधिक लोगों से मिलकर उनसे बात-चीत करनी चाहिए। इससे नए आइडियाज मिलते हैं। 

लोगों से मिलना