क्या आप नालंदा विश्वविद्यालय से जुड़े कुछ रोचक तथ्य जानते हैं। इन तथ्यों को कम लोग ही जानते हैं।
लगभग 10,000 से ज़्यादा छात्र और 2,000 शिक्षकों के एक साथ रहने के कारण ही यह उस समय का पहला आवासीय विश्वविद्यालय था।
Image : Wikimedia Commons
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आवासीय विश्वविद्यालय
इस विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों को व्याकरण, खगोल विज्ञान, चिकित्सा और दर्शन के अलावा कई तरह के विषय पढ़ाए जाते थे। इसमें कई भाषाएँ भी शामिल थीं।
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अनेक भाषाओं का ज्ञान
प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय में चीन और एशिया के अनेक देशों के अलावा पश्चिमी देशों के विद्यार्थी भी पढ़ने आते थे।
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अंतर्राष्ट्रीय ख्याति
यहाँ विश्व की सबसे बड़ी लाइब्रेरी थी जिसमें लगभग नौ मिलियन पांडुलिपियों और किताबों का संकलन था।
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सबसे बड़ी लाइब्रेरी
यहाँ की लाइब्रेरी को बख्तियार खिलजी ने जला दिया था। जिसके कारण सभी किताबें और पांडुलिपियां नष्ट हो गई थीं।
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लाइब्रेरी को जलाना
नालंदा के अवशेष पुरातात्विक उत्खनन के बाद ही लोगों के सामने आये। जिससे इसकी अद्भुत वास्तुकला और प्राचीनता का पता चलता है।
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अवशेष प्राप्त होना
पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के प्रयासों के बाद यहाँ एक नए परिसर का निर्माण शुरू हुआ। यह प्राचीन खंडहर के समीप ही बना है।
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नए परिसर का निर्माण