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Vice President Election 2025: उपराष्ट्रपति पद के लिए उपचुनाव 9 सितंबर को होगा, चुनाव आयोग ने जारी की अधिसूचना

Vice President Election 2025: उपराष्ट्रपति पद के लिए उपचुनाव 9 सितंबर को होगा, चुनाव आयोग ने जारी की अधिसूचना

Vice President Election 2025

Vice President Election 2025: भारत के उपराष्ट्रपति पद के लिए उपचुनाव की तारीख की औपचारिक घोषणा कर दी गई है। चुनाव आयोग ने आज 1 अगस्त को अधिसूचना जारी करते हुए बताया कि 9 सितंबर 2025 को देश के नए उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए मतदान कराया जाएगा।

Vice president election 2025

यह निर्णय ऐसे समय में लिया गया है जब मौजूदा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों के चलते 21 जुलाई 2025 को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके इस्तीफे को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वीकार कर लिया था। इसके बाद से उपराष्ट्रपति पद खाली हो गया था और चुनाव आयोग पर जल्द से जल्द नए चुनाव की प्रक्रिया पूरी करने का संवैधानिक दायित्व आ गया था।

Vice President Election 2025: कैसे होता है उपराष्ट्रपति का चुनाव?

भारत के संविधान के अनुच्छेद 66 और अनुच्छेद 68(2) के अनुसार, उपराष्ट्रपति का चुनाव निर्वाचक मंडल के माध्यम से किया जाता है जिसमें लोकसभा और राज्यसभा के सभी निर्वाचित एवं मनोनीत सदस्य शामिल होते हैं।

चुनाव में गोपनीय मतदान, एकल हस्तांतरणीय मत प्रणाली (Single Transferable Vote) और अनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली (Proportional Representation) का पालन किया जाता है। महत्वपूर्ण बात यह है कि राज्यों की विधानसभाओं के सदस्य इस चुनाव में हिस्सा नहीं लेते।

क्यों जरूरी था चुनाव कराना?

संविधान के अनुच्छेद 68(2) के अनुसार, यदि Vice President का पद रिक्त हो जाता है तो छह महीने के भीतर नया चुनाव कराना अनिवार्य होता है। लेकिन चुनाव आयोग ने इस बार केवल दो महीने के भीतर ही प्रक्रिया को तेज़ी से आगे बढ़ाते हुए 9 सितंबर को मतदान की तारीख तय कर दी है।

जगदीप धनखड़ ने क्यों दिया इस्तीफा?

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21 जुलाई को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य संबंधी कारणों का हवाला देते हुए अपना इस्तीफा राष्ट्रपति को सौंपा। सूत्रों के अनुसार, वे पिछले कुछ समय से विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे और चिकित्सकों की सलाह पर उन्होंने पद से हटने का निर्णय लिया।

धनखड़ जुलाई 2022 में Vice President चुने गए थे और उन्होंने अगस्त 2022 में शपथ ली थी। उनका कार्यकाल जुलाई 2027 तक था, लेकिन समय से पहले इस्तीफे के कारण अब नया उपचुनाव हो रहा है।

कौन हो सकते हैं संभावित उम्मीदवार?

हालांकि अभी तक किसी भी पार्टी ने आधिकारिक रूप से उम्मीदवारों के नाम की घोषणा नहीं की है, लेकिन राजनीतिक हलकों में कुछ संभावित नामों की चर्चा ज़रूर हो रही है। इनमें विपक्ष की ओर से शशि थरूर और सत्तारूढ़ दल की ओर से ओम माथुर या नित्यानंद राय जैसे नेताओं का नाम सामने आ रहा है।

बीजेपी नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन की संसद में बहुमत को देखते हुए अनुमान है कि एनडीए समर्थित उम्मीदवार को इस बार भी जीत मिल सकती है।

क्या होता है अगर केवल एक उम्मीदवार नामांकन करता है?

यदि किसी एक ही उम्मीदवार का नामांकन वैध होता है और कोई प्रतिद्वंद्वी नहीं होता, तो उसे निर्विरोध उपराष्ट्रपति घोषित किया जा सकता है। हालांकि यह स्थिति दुर्लभ होती है और आम तौर पर मतदान की नौबत आती है।

देश के लिए संवैधानिक महत्व की घड़ी

Vice President न केवल राज्यसभा के सभापति होते हैं बल्कि राष्ट्रपति की अनुपस्थिति में कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में भी कार्य कर सकते हैं। ऐसे में यह चुनाव भारत के संवैधानिक ढांचे के लिए एक महत्वपूर्ण पड़ाव है।

भारत अब एक बार फिर नए उपराष्ट्रपति के चयन की प्रक्रिया में प्रवेश कर चुका है। चुनाव आयोग द्वारा घोषित तिथि के अनुसार 9 सितंबर को यह मतदान होगा और उसी दिन या उसके तुरंत बाद देश को नया उपराष्ट्रपति मिल जाएगा। अब सभी की निगाहें राजनीतिक दलों पर टिकी हैं कि वे किसे अपना उम्मीदवार बनाते हैं।

Image: Twitter

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