Unknown Mysteries About Vaishno Devi Temple: जम्मू कश्मीर में माता वैष्णो देवी मंदिर हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है जो त्रिकुटा पहाड़ियों में स्थित है। हम सब में से ज्यादातर लोगों ने माता वैष्णो देवी के दर्शन जरूर किया होगा।
लेकिन क्या आपको पता है, माता वैष्णो देवी का नाम कैसे पड़ा? ? आज हम आपको माता वैष्णो देवी मंदिर से जुड़े कुछ ऐसे रहस्यों के बारे में बताएंगे जो शायद ही आपको पता होंगे।
Unknown Mysteries About Vaishno Devi Temple: माता वैष्णो देवी मंदिर से जुड़े हैरान कर देने वाले रहस्य।
1.माता वैष्णो देवी का नाम
जानकारी के लिए आपको बता दे महाकाली, सरस्वती व महालक्ष्मी के सम्मिलित रूप को ही माता वैष्णो देवी कहते हैं। इन तीनों देवियों के सम्मिलित रूप को सभी भक्त वैष्णो देवी बोलते हैं। साथ ही इस मंदिर से जुड़े बहुत से पौराणिक कथाएं भी सामने आती हैं जिनमें से श्रीधर और भैरवनाथ की कथाएं प्रसिद्ध है।
2.तीन पिंडिया
कटरा में माता वैष्णो का भवन है वहां आपको तीन पिंडिया दिखाई देती हैं जिनमें से एक देवी महाकाली, देवी सरस्वती, और एक देवी महालक्ष्मी की है। इन तीनों पिण्डियों को महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती का प्रतीक माना जाता है। ये तीनों पिंड एक ही चट्टान से प्रकट हुए हैं।
3.अखंड ज्योत
माता वैष्णो देवी मंदिर में एक अखंड ज्योत जलती रहती है, जो सैकड़ों वर्षों से निरंतर जल रही है। माना जाता है कि यह ज्योत आदि काल से ही मंदिर में प्रज्वलित है और इसे कभी बुझने नहीं दिया गया। माता वैष्णो देवी मंदिर के इस ज्योत को भक्तगण माता की उपस्थिति और आशीर्वाद का प्रतीक मानते हैं।
4.गुफा का निर्माण
माना जाता है कि माता वैष्णो देवी मंदिर की गुफा का निर्माण प्राकृतिक रूप से हुआ है। यह गुफा त्रिकुटा पहाड़ियों में स्थित है और इसकी उत्पत्ति के बारे में कई धार्मिक कथाएं प्रचलित हैं। प्रमुख कथा के अनुसार, माता वैष्णो देवी ने भैरव नाथ से बचने के लिए इसी गुफा में शरण ली थी।
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5.भवन की रौशनी
ऐसा माना जाता है कि रात में माता वैष्णो देवी के भवन पर एक विशेष प्रकार की रौशनी चमकती है। यह रौशनी दूर से देखने पर रत्नों की तरह झिलमिलाती प्रतीत होती है, जिसे भक्त माता की दिव्य उपस्थिति और उनके अनुग्रह का संकेत मानते हैं।
श्रद्धालुओं का कहना है कि यह रौशनी अत्यंत तेजस्वी और मनमोहक होती है, जो रात के अंधकार में भी स्पष्ट दिखाई देती है। श्रद्धालुओं को यह अनुभव होता है कि माता स्वयं उनकी रक्षा और मार्गदर्शन कर रही हैं।
6. भैरव नाथ मंदिर
मान्यता है कि माता वैष्णो देवी ने भैरव नाथ को वरदान दिया था कि उनके मंदिर के दर्शन तभी पूर्ण माने जाएंगे जब भक्त भैरव नाथ के मंदिर के भी दर्शन करेंगे, जो भवन से कुछ दूरी पर स्थित है।
7.प्राकृतिक झरना
मंदिर परिसर में ‘बाण गंगा’ नामक एक प्राकृतिक झरना है, जो माता वैष्णो देवी के तीर चलाने से उत्पन्न हुआ माना जाता है। इसका जल अत्यंत पवित्र माना जाता है और भक्त इसमें स्नान करके अपनी आत्मा को शुद्ध करते हैं।
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