Uniform Civil Code Implemented in Uttarakhand- बेहद चर्चित और विरोधों के बाद यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी समान नागरिक संहिता को आज से उत्तराखंड में लागू कर दिया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यूसीसी के रजिस्ट्रेशन के लिए एक पोर्टल भी लॉन्च किया।
Uniform Civil Code Implemented in Uttarakhand- उत्तराखंड में आज से लागू हुआ यूनिफॉर्म सिविल कोड
बना देश का पहला राज्य
उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है जहां पर यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू किया गया है। राज्य सरकार ने कैबिनेट के अलावा कई एक्सपर्ट लोगों से लंबी सलाह और विचार करने के बाद यूसीसी को लागू करने का फैसला किया है।
यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू करने के लिए उत्तराखंड की धामी सरकार ने आम नागरिकों से भी सुझाव मांगे थे। इनमें करीब 1 लाख से ज्यादा लोगों ने यूसीसी के पक्ष में अपने सुझाव सरकार को भेजे।
“समानता और समरसता के नए युग का आरंभ !”
माँ गंगा की उद्गम स्थली देवभूमि उत्तराखण्ड से समानता की अविरल धारा प्रवाहित हो चुकी है। उत्तराखण्ड समान नागरिक संहिता कानून लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन चुका है।https://t.co/u9HOUEjK3c#UCCInUttarakhand pic.twitter.com/4aWKhMdMLq
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) January 27, 2025
बदल जायेंगे कई नियम
उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड के लागू होने के बाद कई नियम बदल जायेंगे। इनमें शादी करने, तलाक लेने, लिव इन रिलेशन में रहने, जमीन से जुड़े नियम शामिल हैं।
शादी के बाद अनिवार्य होगा रजिस्ट्रेशन
आज के बाद से उत्तराखंड में शादी करने के 6 महीने के अंदर शादी का रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होगा। यूसीसी के अंतर्गत शादी के बाद रजिस्ट्रेशन ना कराने पर पच्चीस हजार रूपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
फिलहाल शादी के रजिस्ट्रेशन के लिए सरकार ने कट ऑफ डेट 27 मार्च 2010 निर्धारित की है। इस डेट के बाद से हुई सभी शादियों का रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होगा।
तलाक के लिए एक बराबर अधिकार
यूनिफॉर्म सिविल कोड के लागू होने के बाद महिलाओं के साथ साथ पुरुषों को भी डाइवोर्स देने के लिए एक बराबर अधिकार दिया जाएगा। अभी तक अलग अलग धर्म और संप्रदाय के हिसाब से तलाक के मामलों को सुलझाया जाता है।
लिव इन रिलेशनशिप पर कठोरता
नए यूनिफॉर्म सिविल कोड के लागू होने के बाद लिव इन रिलेशन में रहने वाले कपल को रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा। इससे धोखा देने, छोड़ने या कई शादी करने जैसी कुरीतियों पर अंकुश लगाया जा सकेगा। इसके साथ ही लिव इन में रहने वाले कपल को माता पिता से भी सहमति लेनी होगी।
सबको बराबर का हक
यूसीसी के लागू होते ही उत्तराखंड में लड़के और लड़कियों सभी को एक बराबर का हक मिलेगा। चाहें प्रॉपर्टी का मामला हो या कोई सरकारी योजना का लाभ, लड़के और लड़कियों दोनों को सभी में बराबर का हक मिलेगा। इसके लिए सरकार सभी इंतजाम करेगी।
ट्रांसजेंडर और एसटी के लिए अलग नियम
यूनिफॉर्म सिविल कोड में सभी को बराबर अधिकार देने के साथ ही शेड्यूल ट्राइब और ट्रांसजेंडर्स के लिए कोई विशेष बदलाव नहीं किए गए हैं। उनकी पूजा, नियम और परंपराओं को पहले की तरह ही मान्यता दी गई है।
ऑनलाइन पोर्टल शुरू
उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने यूसीसी के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए पोर्टल को भी लॉन्च किया। इस पोर्टल के माध्यम से कोई भी व्यक्ति अपना रजिस्ट्रेशन घर बैठे या मोबाइल के माध्यम से कर सकता है। उसे किसी भी सरकारी ऑफिस के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी।
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वर्ष 2022 से ही चल रही लंबी कोशिशों के बाद अंततः यूनिफॉर्म सिविल कोड को उत्तराखंड में लागू कर दिया गया। इसके लिए एक्सपर्ट लोगों की एक कमेटी बनाई गई थी।
लंबे विचार विमर्श के बाद विधेयक को राष्ट्रपति के पास भेजा गया था। राष्ट्रपति द्वारा अप्रूव करने के बाद ही यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू किया जा सका है।
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