Top Places to Visit in Varanasi in 2024: बनारस एक ऐसा शहर जहाँ की गलियाँ और प्राचीन मंदिर पूरे विश्व में अत्यंत प्रसिद्ध हैं। इस शहर को वाराणसी और महाकाल शिव की नगरी काशी के नाम से भी जाना जाता है। यह एक शहर नहीं है बल्कि प्राचीन सनातन धर्म की सांस्कृतिक विरासत को अपने अंदर समेटे हुए है।
वाराणसी भारत का इतना प्राचीन नगर है कि सनातन धर्म के अनेक पुराणों जैसे: स्कंद पुराण, रामायण एवं महाभारत के अलावा सबसे प्राचीन ऋग्वेद में भी इस शहर का उल्लेख मिलता है। प्राचीनकाल से ही बनारस अपनी बेहद लोकप्रिय साड़ियों और रेशमी कपड़ों, हाथी दाँत के बने पारंपरिक सामानों और शिल्प कला के लिये पूरे विश्व में प्रसिद्ध रहा है।
सनातन धर्म के अनुसार जिस किसी की भी मृत्यु वाराणसी में होती है उसको मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है और वह जन्म मृत्यु के बंधन से मुक्त हो जाता है। बनारस प्राचीन भारत के समय में शिक्षा का एक प्रमुख केंद्र रहा है। (Top Places to Visit in Varanasi in 2024)
इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको बनारस के कुछ प्रसिद्ध स्थानों के बारे में बतायेंगे जहाँ आपको अवश्य ही जाना चाहिए। भले ही आप कभी भी बनारस जायें। हो सके तो अपने पूरे जीवन में एक बार बनारस जरूर जाना चाहिए।
Top Places to Visit in Varanasi in 2024: बनारस में घूमने के लिए प्रसिद्ध हैं ये प्रमुख जगहें
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर
हिन्दू धर्म के सबसे पवित्र मंदिरों में से एक यह मंदिर है। इस मंदिर में भगवान शिव की पूजा आराधना की जाती है। काशी विश्वनाथ मंदिर के गुंबदों पर सोने की परत चढ़ी होने के कारण भी यह सैलानियों के बीच काफी लोकप्रिय है। बनारस में सिर्फ इसी मंदिर के दर्शन के लिए हर साल लाखों श्रद्दालु आते हैं।

दशाश्वमेध घाट
वाराणसी में वैसे तो बहुत घाट हैं। परन्तु दशाश्वमेध घाट वाराणसी का प्राचीन और मुख्य घाट है। यहाँ पर हर शाम प्रसिद्ध गंगा आरती का आयोजन किया जाता है। इस गंगा आरती को देखने और इसमें शामिल होने विदेशों से भी टूरिस्ट आते हैं।
अस्सी घाट
अस्सी घाट को प्राचीन काशी नगरी का एक प्रमुख घाट माना गया है। प्राचीन काल में यहाँ असी नदी बहती थी और गंगा नदी और असी नदी के संगम के कारण ही इस घाट का नाम अस्सी घाट पड़ा।
बनारस में विदेशों से संस्कृत की पढ़ाई करने के लिए टूरिस्ट और स्टूडेंट आते रहते हैं और उनमें से अधिकतर अस्सी घाट के आस-पास रहना पसंद करते हैं। इस घाट के नजदीक कई अखाड़े हैं जो इसकी प्राचीनता की अनुभूति कराते हैं। (Top Places to Visit in Varanasi in 2024)
सारनाथ
बनारस से 10 किलोमीटर दूर सारनाथ एक प्रसिद्ध बौद्ध तीर्थ स्थल है। ऐसी मान्यता है कि ज्ञान प्राप्त करने के बाद यहीं पर गौतम बुद्ध ने अपना पहला उपदेश दिया था।यहाँ आपको बौद्ध धर्म से जुड़े कई प्राचीन स्तूप और मठ देखने को मिल जायेंगे।

रुचिका आर्ट गैलरी
अगर आप कला प्रेमी हैं तो आपको इस आर्ट गैलरी जरूर जाना चाहिए। यहाँ पर आपको बनारस के लोकल कलाकारों की बेहद उत्कृष्ट पेंटिंग और हैंडीक्राफ्ट सामानों को देखने का मौका मिलता है। आप इन पेंटिंग और सामानों को इस आर्ट गैलरी से खरीद भी सकते हैं। यहाँ पर कला प्रेमियों को पुरानी कला सिखाई भी जाती है और उसके लिए क्लासेज भी चलती हैं।
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मणिकर्णिका घाट
बताया जाता है कि वाराणसी में कुल 84 घाट हैं और ये सभी पवित्र गंगा नदी के किनारे पर ही स्थित है। इन सभी घाटों में मणिकर्णिका घाट सबसे पवित्र और सबसे पुराना घाट है। इस घाट पर मृतकों का अंतिम संस्कार किया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि यहाँ पर अंतिम संस्कार की क्रिया लगातार 24 घंटे और 365 दिन चलती रहती है।

रामनगर किला
18 वीं सदी में राजा बलवंत सिंह द्वारा बनवाया गया यह किला बेहद अद्भुत और गंगा नदी के किनारे पर स्थित है। यह किला बनारस से लगभग 14 किलोमीटर की दूरी पर है। लाल पत्थरों से बना यह किला लगभग 2500 एकड़ से ज्यादा एरिया में बना हुआ है।
रामनगर किले के अंदर एक संग्रहालय और मंदिर भी है। इसके अलावा यहाँ हर साल राम लीला महोत्सव का आयोजन भी होता है। इसके अलावा आपको रामनगर की ऑब्जर्वेटरी और मशहूर लस्सी का भी आनंद लेना चाहिए। (Top Places to Visit in Varanasi in 2024)

ब्लू लस्सी कैफे
जब भी आपको बनारस जाने का अवसर मिले तो आपको कुञ्ज गली, गोविंदपुरा में स्थित ब्लू लस्सी कैफे पर जरूर जाना चाहिए। पूरे बनारस में इस कैफे की लस्सी पीने लोग दूर-दूर से आते हैं। यहाँ पर आपको बनारस की बेहतरीन लस्सी अनेक प्रकार के स्वाद में मिलती है।

चंद्रप्रभा वन्यजीव अभयारण्य
बनारस से लगभग 70 किलोमीटर दूर स्थित चंद्रप्रभा वन्यजीव अभयारण्य बेहद खूबसूरत जगह है। यहाँ आपको प्राकृतिक एहसास की अनुभूति होगी। अपनी हरियाली के कारण ही यहाँ एक वन्यजीव पार्क बनाया गया है। इस अभयारण्य में आपको तेंदुए, हिरण और गिद्ध जैसे कई जानवर और पक्षी देखने को मिलेंगे।

पान की दुकान
आप बनारस घूमने का प्लान बना रहे है या घूमने आये हैं और यहाँ का वर्ल्ड फेमस बनारसी पान नहीं खाये तो आपने बनारस घूमने का पूरा आनंद नहीं लिया है। बनारस के पान अपने स्वाद और वैरायटी के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध हैं।
आप यहाँ की गलियों में या किसी भी पान की दुकान पर पानों की अलग-अलग प्रकार की वैरायटी का मज़ा ले सकते हैं। इन वैरायटी में मीठा पान, मसालेदार पान, पुदीना वाला पान मुख्य है।
दुर्गा मंदिर
18वीं सदी में बना यह मंदिर देवी दुर्गा की आराधना का एक प्रमुख केंद्र है। इस मंदिर से सटे ही एक विशाल तालाब बना है। इस मंदिर के आस-पास बहुत बंदर हैं , इसीलिए लोगों के बीच यह बंदर मंदिर के नाम से भी प्रसिद्ध है।

तुलसी मानस मंदिर
संकट मोचन मंदिर औरर बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से सटे ही यह मंदिर स्थित है। इस मंदिर की दीवारें संगमरमर से बनी हैं। इन दीवारों पर रामचरितमानस से जुड़ी विभिन्न कहानियों की नक्कासी की गई है।
भारत कला भवन
वाराणसी में स्थित यह एक म्यूजियम है। इस म्यूजियम में भारत ही नहीं बल्कि बनारस की कला और संस्कृति की झलक देखने को मिल जाती है। यहाँ विभिन्न प्रकार की प्राचीन मूर्तियों, वस्त्रों, सिक्कों आदि का एक विशाल कलेक्शन मौजूद है।

आलमगीर मस्जिद
मुग़ल शासक औरंगजेब के द्वारा इस मस्जिद का निर्माण कराया गया था। यह पंचगंगा घाट के पास स्थित है। जानकारों का मानना है कि इस मस्जिद का निर्माण एक हिन्दू मंदिर को तोड़कर किया गया है।

भारत माता मंदिर
काशी विद्यापीठ में स्थित यह मंदिर अपने आप में अद्भुत है। इसकी वजह यहाँ किसी भी देवी-देवताओं की मूर्ति का ना होना है। इस मंदिर के अंदर अखंड भारत का एक चित्र संगमरमर पर उकेरा गया है जो भारत की मातृभूमि का नेतृत्व करता है।

ज्ञानवापी मस्जिद
वर्तमान काशी विश्वनाथ मंदिर से ठीक सटे यह मस्जिद बनी है। प्राचीन समय में यहाँ पर मूल काशी विश्वनाथ मंदिर था और उसके साक्ष्य भी यहाँ देखने को मिल जाते हैं। औरंगजेब ने इस मस्जिद को मंदिर के स्थान पर तोड़कर बनाया था।
कोर्ट में लंबे समय तक चले मुकदमे के बाद और अनेकों साक्ष्यों की जाँच करने के बाद यह मान लिया गया है कि यहाँ पर एक मंदिर था। परन्तु अभी भी इस स्थान की जांच कोर्ट में चल रही है।

बिड़ला मंदिर
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के अंदर यह मंदिर है। इसे विश्वनाथ मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर को काशी विश्वनाथ मदिर की तरह ही बनवाया गया है।
संकट मोचन हनुमान मंदिर
सभी संकटों को दूर करने वाले हनुमान जी की पूजा इस मंदिर में होती है। वर्ष 2006 में आरती के समय ही इसी संकट मोचन मंदिर में आतंकवादी हमला हुआ था जिसके बाद यहाँ पुलिस की निगरानी बढ़ा दी गयी।

रत्नेश्वर महादेव मंदिर
बनारस के मणिकर्णिका घाट पर यह शिव मंदिर बना हुआ है। यह शिव मंदिर पानी के अंदर डूबा हुआ है। आश्चर्य की बात है कि यह मंदिर 9 डिग्री झुका होने के बावजूद भी गिरता नहीं है। इससे भारत की प्राचीन और उन्नत सभ्यता का पता चलता है।

लोलार्क कुंड
बनारस में लोलार्क कुंड को बेहद पवित्र माना जाता है। लोगों में ऐसी मान्यता है कि इस कुंड में स्नान करने से संतान की प्राप्ति होती है। इसके अलावा गंभीर बीमारियां भी दूर हो जाती हैं।

अन्नपूर्णा मंदिर
देवी अन्नपूर्णा को माता पार्वती का ही एक अंश माना गया है। कहा जाता है कि जो भी बनारस के अन्नपूर्णा मंदिर के दर्शन कर लेता है वो भूखे पेट नहीं सोता है। देवी अन्नपूर्णा सभी की भूख मिटाती हैं। दीवाली के बाद यहाँ अन्नकूट के दिन इस मंदिर में विशेष पूजा होती है और लोगों की भारी भीड़ इकठ्ठा होती है।

काल भैरव मंदिर
काल भैरव को काशी का कोतवाल भी कहा जाता है। माना जाता है कि जो भी बिना काल भैरव के दर्शन के काशी से चला जाता है उसको काल भैरव दंड देते हैं। काशी विश्वनाथ मंदिर के दर्शन के बाद सभी को काल भैरव के दर्शन अवश्य करने चाहिए।
इन मंदिरों के अलावा बनारस में ऐसे बहुत से मंदिर और घाट हैं जिनको आप घूम सकते हैं। बनारस की हर गली में आपको एक मंदिर के दर्शन हो जायेंगे। यदि आपके पास पर्याप्त समय है तो आप बनारस के अलग-अलग स्थानों पर स्थित विभिन्न मंदिरों के दर्शन कर सकते हैं। वाराणसी एक ऐसा शहर है जहाँ पर आपको रोज नए नए मंदिर घूमने को मिल जायेंगे।
इमेज क्रेडिट: Flickr, varanasiguru, और विकिपीडिआ
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