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Vijaya Ekadashi 2025 Date: विजया एकादशी कब है, जाने सही तारीख व शुभ मुहूर्त के बारे में!

Vijaya ekadashi 2025 date

Vijaya Ekadashi 2025 Date: शास्त्रों के अनुसार फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को विजया एकादशी कहते हैं। मान्यता है, कि इस दिन भगवान विष्णु माता लक्ष्मी की पूजा और व्रत रखने से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है।

Vijaya ekadashi 2025 date

पौराणिक कथा की माने तो विजय एकादशी का उपवास भगवान राम ने भी किया था। वही ज्योतिष अनुसार इस बार विजय एकादशी पर सिद्धि योग बनने से इसका महत्व कहीं अधिक बढ़ जाएगा।

इस दौरान किए उपाय बहुत लाभकारी होते हैं आईए जानते हैं साल 2025 में विजय एकादशी व्रत कब है पूजा व पारण का शुभ मुहूर्त पूजा विधि और इस दिन के खास उपाय क्या है।

Vijaya Ekadashi 2025 Date:विजया एकादशी शुभ मुहूर्त 2025

  • साल 2025 में विजय एकादशी 24 फरवरी को रखा जाएगा।
  • एकादशी तिथि प्रारंभ होगी 23 फरवरी दोपहर 1:55 मिनट पर ।
  • एकादशी तिथि समाप्त होगी 24 फरवरी दोपहर 1:44 मिनट पर।
  • गोधूलि मुहूर्त सायंकाल 6.15 मिनट से सायंकाल 6:40 मिनट तक ।
  • अभिजीत मुहूर्त होगा दोपहर 12:11मिनट से दोपहर 12:57 मिनट तक।
  • पारण का शुभ मुहूर्त होगा 25 फरवरी सुबह 6: 33 मिनट से सुबह 8:56 मिनट तक ।

विजया एकादशी 2025 पूजा विधि

Vijaya ekadashi 2025 date

एकादशी के दिन प्रातःकाल स्थान के बाद व्रत का संकल्प लें इसके बाद पूजा की शुभ मुहूर्त में भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें।प्रतिमा को स्थान कराकर कुमकुम से तिलक कर धूप, दीप, फल, फूल ,तुलसी पत्र डालकर पंचामृत अर्पित करें।

“ओम नमो भगवते वासुदेवाय नमः” मंत्र का जाप करें। व्रत कथा पढ़े और अगले दिन द्वादशी पर किसी जरूरतमंद व्यक्ति को भोजन कराएं और उन्हें दान दक्षिणा देकर व्रत का पारण करना चाहिए।

विजया एकादशी 2025 उपाय

एकादशी के दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु और महालक्ष्मी की पूजा करना शुभ होता है। इस दिन तुलसी के पत्ते भगवान विष्णु को अर्पित करने से मनोकामना पूरी होती है।  धार्मिक मान्यता अनुसार विजया एकादशी पर अन्न और धन का दान करना चाहिए मान्यता है कि इससे साधक के भाग्य में वृद्धि होती है।

विजया एकादशी पर तुलसी पूजन करने के बाद जरूरतमंदों को वस्त्र का दान करने पर साधक के जीवन में हमेशा खुशियां बनी रहती हैं। विजया एकादशी के दिन सुबह स्नान के बाद पीपल के पेड़ में जल चढ़ाकर दीपक जलाना शुभ होता है ।

विजया एकादशी 2025 के दिन क्या करें

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एकादशी के दिन दान जरूर करें इस दिन अगर संभव हो तो गंगा स्नान जरूर करें ऐसा करना शुभ माना जाता है। साथ ही अगर आप जल्दी विवाह करवाना चाहते हैं तो एकादशी के दिन केसर,केला या हल्दी का दान करें।

एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति के मन की सभी इच्छाएं पूरी होने के साथ भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी जी प्रसन्न होती हैं। एकादशी का व्रत रखने से धन ,मान सम्मान अच्छी सेहत और मनवांछित फल की प्राप्ति होती है।

विजया एकादशी 2025 के दिन क्या ना करें

एकादशी व्रत के दिन भूल कर भी जुआ नहीं खेलना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा करने से व्यक्ति के वंश का नाश होता है। इस दिन रात को सोना नहीं चाहिए व्रती को पूरा रात भगवान विष्णु की भक्ति मंत्र जाप और जागरण करना चाहिए।

इस दिन भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए व्रत के दौरान खान-पान और अपने व्यवहार में संयम के साथ सात्विकता भी बरतनी चाहिए। इस दिन व्रत को भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए किसी भी व्यक्ति से बात करने के लिए कठोर शब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

इस दिन क्रोध और झूठ बोलने से बचना चाहिए। एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठना चाहिए और शाम के समय सोना नहीं चाहिए। इसके अलावा एकादशी के पावन दिन चावल का सेवन भी नहीं करना चाहिए। इस दिन सात्विक भोजन ही ग्रहण करें।

विजया एकादशी 2025 के 8 खास बातें

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  1. विजया एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति भयंकर से भी भयंकर परेशानी से छुटकारा पा जाता है।
  2. इस से शत्रुओं का नाश होता हैं।
  3. एकादशी के व्रत रखने से चंद्र ग्रह शुभ होकर अच्छे फल देने लगते हैं।जिस से व्यक्ति मानसिक रूप से स्वस्थ बना रहता हैं।
  4. एकादशी के व्रत से व्यक्ति अशुभ संस्कारों को भी नष्ट कर सकता हैं।इसे समस्त पापों का हरण करने वाला तिथि भी कहा जाता हैं।
  5. पुराणों के अनुसार जो व्यक्ति एकादशी का व्रत करता रहता है वह जीवन में कभी भी संकटों से नहीं घिरता उनके जीवन में धन और समृद्धि बनी रहती हैं।
  6. पौराणिक मान्यता के अनुसार इस दिन व्रत करने से पूजा का तीन गुना फल मिलता है। कहां जाता है की लंका विजय के लिए भगवान श्री राम ने भी इस दिन समुद्र किनारे पूजा की थी।
  7. विजया एकादशी का श्री राम और उनकी सेना द्वारा व्रत रखने की कथा श्री कृष्ण ने युधिष्ठिर को सुनाई थी।
  8. पद्म पुराण के अनुसार इस एकादशी पर व्रत रखने से व्यक्ति पर किसी भी प्रकार के संकट नहीं आते हैं। और सभी कार्य आसानी से पूर्ण हो जाते हैं।

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