TheRapidKhabar

Utpanna Ekadashi 2024 Paran Timing: उत्पन्ना एकादशी का पारण कब और कैसे क्या खाकर करना चाहिए।

Utpanna ekadashi 2024 paran timing

Utpanna Ekadashi 2024 Paran Timing: पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष में आने वाले एकादशी, उत्पन्ना एकादशी हैं। एकादशी तिथि भगवान विष्णु की सबसे प्रिय तिथि है। इस दिन निराहार रहकर भगवान विष्णु का पूजन ,व्रत, उपवास कर दान करने से कई जन्मों के पाप कर्म नष्ट होकर जीवन में समृद्धि आती है।

Utpanna ekadashi 2024 paran timing

शास्त्रों के अनुसार आप कोई भी व्रत करते हैं तो उसे पूरी विधि विधान से करना चाहिए और व्रत का पारण अवश्य करना चाहिए तभी आपको व्रत का पुण्य प्राप्त होता है आईए जानते हैं साल 2024 में उत्पन्ना एकादशी व्रत का पारण कब कैसे और क्या खाकर करना चाहिए।

Utpanna Ekadashi 2024 Paran Timing: उत्पन्ना एकादशी व्रत खोलने का सही समय

एकादशी के व्रत में पारण का विशेष महत्व होता है। पारण के बाद ही व्रत पूर्ण माना जाता है। साल 2024 में उत्पन्ना एकादशी व्रत का पारण 27 नवंबर दिन बुधवार दोपहर 1: 12 मिनट से दोपहर 3:18 मिनट तक किया जाएगा। पारण के दिन हरि वासर समाप्त होने का समय सुबह 10: 26मिनट।

उत्पन्ना एकादशी 2024 व्रत क्या खाकर खोलें, पारण की विधि।

Utpanna ekadashi 2024 paran timing

आप प्रश्न उठता है की एकादशी व्रत का पारण कैसे करना चाहिए और क्या खाकर करना शुभ होता है। तो देखिए एकादशी का पारण द्वादशी तिथि को किया जाता है।इस दिन पारण का शुभ मुहूर्त देखकर पारण करें।

व्रत के पारण वाले दिन प्रातः काल उठकर सभी कामों से निवृत हो जाए और गंगाजल मिला जल से स्नान करें।अब तांबे के लोटे में जल लेकर सूर्य देव को ओम सूर्याय नमः मंत्र का जाप करते हुए अर्घ्य दें। इसके बाद पुनः भगवान विष्णु की विधिवत पूजा भोग लगाए पूजा करने के बाद अपनी समर्थ अनुसार जल ,फल ,वस्त्र, अनाज आदि कुछ ना कुछ दान अवश्य करें।

इसके बाद प्रसाद स्वरूप जल पीकर तुलसी का पत्ता फल या फिर भोग लगाया हुआ चरणामृत ग्रहण कर व्रत खोलना चाहिए। ध्यान रखें की व्रत हमेशा मीठी चीज का सेवन कर ही खोलना चाहिए। नमक से संबंधित चीजों से व्रत नहीं खोलना चाहिए।

उत्पन्ना एकादशी 2024 व्रत कब खोलें।

Utpanna ekadashi 2024 paran timing

व्रत का पारण कब करना चाहिए या व्रत कब खोलना चाहिए। तो शास्त्रों के अनुसार एकादशी व्रत का पारण या व्रत खोलने की विधि द्वादशी तिथि में की जाती है। हालांकि एकादशी व्रत का दान आप एकादशी या द्वादशी दोनों तिथियां में कर सकते हैं।

लेकिन व्रत द्वादशी के दिन ही खोला जाता है।ध्यान रखें की द्वादशी तिथि की पहली एक चौथी अवधि को हरि वासर कहा जाता है इस दौरान एकादशी का पारण करना शुभ माना जाता है।

उत्पन्ना एकादशी व्रत कथा।

Utpanna ekadashi 2024 paran timing

पौराणिक कथा अनुसार एक बार मुर नामक दैत्य ने सभी देवताओं को पराजित कर स्वर्ग पर अधिकार कर लिया मुर से परेशान होकर देवता भगवान विष्णु के पास गए भगवान विष्णु और मुर के बीच संग्राम हुआ कई वर्षों बाद जब भगवान विष्णु को थकान हुई तो बद्रीकाश्रम की गुफा में विश्राम को चले गए।

जब इसकी भनक मुर दैत्य को लगी तो वह गुफा में चला गया और भगवान विष्णु पर हमला करने की कोशिश की। धार्मिक मान्यता है कि भगवान को योग निद्रा से एक दिव्य शक्ति प्रकट हुई जिसने मुर का वध कर दिया।

यह शक्ति एकादशी के नाम से प्रसिद्ध हुई मान्यता है इस घटना के बाद से भगवान विष्णु ने एकादशी को अपने भक्तों का कल्याण करने वाला व्रत घोषित किया इसलिए एकादशी व्रत एकादशी के नाम से मनाई जाती है।

28 नवंबर को दूसरी बार झारखंड के मुख्यमंत्री पद के लिए शपथ लेंगे हेमंत सोरेन !!

Image: Wallpapers

Margashirsh Utpanna Ekadashi 2024 Date: जाने उत्पन्ना एकादशी की सही तिथि, पूजा विधि और पारण समय।

Margashirsh utpanna ekadashi 2024 date

Margashirsh Utpanna Ekadashi 2024 Date: मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को उत्पन्ना एकादशी का व्रत रखा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जो विष्णु भक्त उत्पन्ना एकादशी व्रत का नियम पूर्वक पालन करते हैं उन्हें श्री हरि के साथ देवी मां लक्ष्मी के भी असीम कृपा प्राप्त होती है।

Margashirsh utpanna ekadashi 2024 date

कहा जाता है कि जो लोग एकादशी की का व्रत शुरू करना चाहते हैं उन्हें मार्गशीर्ष माह की उत्पन्ना एकादशी शिव व्रत शुरू करने चाहिए पद्म पुराण के अनुसार इस व्रत को करने से धर्म एवं मोक्ष की प्राप्ति होती है। आईए जानते हैं इस साल 2024 में उत्पन्ना एकादशी कब है, पूजा विधि और पारण का समय।

Margashirsh Utpanna Ekadashi 2024 Date: उतपन्ना एकादशी 2024 शुभ मुहूर्त।

Margashirsh utpanna ekadashi 2024 date

साल 2024 में उत्पन्ना एकादशी का व्रत 26 नवंबर मंगलवार को रखा जाएगा।

  • एकादशी तिथि प्रारंभ- 25 नवंबर रात 1:01 मिनट पर।
  • एकादशी तिथि समापन- 26 नवंबर रात 3:45 मिनट पर।
  • विष्णु पूजा मुहूर्त- 26 नवंबर सुबह 9:31 मिनट से दोपहर 1:27 मिनट तक।‌
  • अभिजीत मुहूर्त- 26 नवंबर 11:52 मिनट से दोपहर 12:35 तक।
  • एकादशी व्रत पारण समय- 27 नवंबर बुधवार दोपहर 1:12 मिनट से दोपहर 3:18 तक।

उत्पन्ना एकादशी पूजा विधि।

Margashirsh utpanna ekadashi 2024 date

एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठे और स्नान के बाद “ओम् सूर्याय नमः” मंत्र का जाप करते हुए सूर्य देव को जल का अर्घ्य जरूर दें। इसके बाद भगवान श्री हरि का ध्यान कर व्रत का संकल्प ले। इस दिन घर के मंदिर में श्री हरि की प्रतिमा को पंचामृत से स्नान कराकर उन्हें पीले वस्त्र पहनाएं। पूजा में पीले फूल फल धूप दीप अक्षत तुलसीदास और नैवेद्य अर्पित करें।

संभव हो तो इस दिन एकादशी का व्रत जरूर करें और पूजा में श्री हरि विष्णु जी के साथ माता लक्ष्मी जी का पूजन जरूर करें इससे आपकी यश प्रकृति में वृद्धि होती है। पूजा के समय विष्णु मंत्र और विष्णु सहस्त्रनाम का जाप करें अंत में व्रत कथा पढ़कर आरती करके विष्णु जी और माता लक्ष्मी का आशीर्वाद ले पूजा संपन्न करें।

एकादशी व्रत क्या करें और क्या ना करें।

Margashirsh utpanna ekadashi 2024 date

  1. एकादशी के दिन तुलसी का पत्ता तोड़ना वर्जित होता है।
  2. एकादशी के दिन बोल या नाखून नहीं काटने चाहिए।
  3. एकादशी व्रत के अगले दिन व्रती को पारण जरूर करना चाहिए।
  4. एकादशी के दिन तामसिक भोजन और चावलों का सेवन करने से बचना चाहिए।
  5. एकादशी के दिन भगवान विष्णु जी को तुलसी डालकर भोग अर्पित करना चाहिए।
  6. इस दिन भगवान विष्णु के मंत्रो का जाप जरूर करना चाहिए।

शादी के इतने सालों बाद अलग हो गए ए आर रहमान और सायरा बानू

Image: Unsplash