Unknown Mysteries Of Amarnath Temple: हिंदू धर्म में भगवान शिव को परम देवता माना जाता है ऐसा माना जाता है कि अगर सच्चे मन से कोई प्रार्थना करें तो वह अपने भक्तों से खुश होकर उन्हें आशीर्वाद देते हैं।
पुराणों में कई बार भगवान शिव के पृथ्वी पर प्रकट होने का उल्लेख किया गया है और जिन जिन जगहों पर वह प्रकट हुए हैं उस जगह पर वहां शिवलिंग के रूप में स्थित हो गए। ऐसा ही एक शिवलिंग जम्मू कश्मीर के अमरनाथ नाम के गुफा में स्थित है। आईए जानते हैं इस गुफा के कुछ अनसुने रहस्यों के बारे में।
Unknown Mysteries Of Amarnath Temple: अमरनाथ गुफा का रहस्य।
माना जाता है क्या अमरनाथ गुफा का निर्माण 5000 वर्ष पहले हुआ था। ऐसा भी मानते हैं कि इस गुफा के अंदर जो बर्फ का शिवलिंग मौजूद है वह स्वयंभू है और चंद्र चक्र के अनुसार बढ़ता या घटता रहता है।
कहते हैं कई सदियों पहले भगवान शिव ने इसी अमरनाथ की गुफा में मां पार्वती को अमरता का रहस्य बताया था लेकिन यह कथा इस शर्त पर सुनाई जा सकती थी कि कोई अन्य प्राणी इस कथा को न सुन सके। इस वजह से भगवान शिव ने मां पार्वती से अनुरोध किया कि वह यह कथा गुफा में जाकर सुनाएंगे, जहां कोई भी उन्हें सुन नहीं पाएगा।
रास्ते में आने वाले हर स्थल का अपना अलग महत्व।
क्या आप जानते हैं कि इस गुफा तक पहुंचाने के रास्ते में आने वाले जो स्थल है इनका भी अपना एक अलग महत्व है। और इसी रास्ते का इस्तेमाल भगवान ने इस गुफा तक पहुंचाने के लिए किया था।
#WATCH | Morning aarti performed at Shri Amarnath Cave Shrine in Jammu & Kashmir, earlier today.
(Video source: Shri Amarnath Ji Shrine Board) pic.twitter.com/p1M4xGAixz
— ANI (@ANI) July 7, 2023
- पहलगाम- गुफा तक की यात्रा शुरू होती है पहलगाम से कहते हैं कि भगवान शिव इस जगह कुछ देर विश्राम करने रुके थे और उन्होंने अपने वाहन नंदी जी को इस जगह पर छोड़ दिया और उनसे कहा कि वह इस जगह पर पहरा दे और किसी भी जीवित प्राणी को आगे आने ना दे।
- चंदनवाड़ी- पहलगाम के बाद आता है चंदनवाड़ी जो पहलगाम से 16 किलोमीटर की दूरी पर है। कहते हैं भगवान शिव ने अपने जटाओं में बसे हुए चंद्रमा को इसी जगह पर छोड़ा था।
- पिस्सू घाटी-चंदनवाड़ी से निकलकर थोड़ा आगे आने पर आती है पिस्सू घाटी। इस जगह की विशेषता बताई जाती है कि यह पहाड़ दानव के मृत देह से बना हुआ है। देव और असुर युद्ध के दौरान भगवान शिव ने आकर दानवों का खात्मा किया और उन्हीं दानवों के देह से यह पहाड़ बना।
- शेषनाग- पिस्सू घाटी के बाद आता है शेषनाग, गुफा की और जाते वक्त भगवान शिव ने अपने गले में जो नाग है उसे इसी जगह पर छोड़ा था।
- महागुणा पर्वत- इसके बाद आता है महागुणा पर्वत जहां भगवान शिव ने अपने पुत्र भगवान श्री गणेश को छोड़ा।
- पंचतरणी- महागुणा पर्वत के बाद आता है पंचतरणी, जिस जगह पर भगवान शिव ने पंचमहाभूतों का त्याग किया था। इसी जगह पर पांच नदियों का संगम होता है और ऐसा मानते है कि इन पांच नदियों का उद्गम भगवान शिव की जटाओं से होता है।
अमरनाथ गुफा की कथा।
इन सभी रास्तों को पार कर आखिर में आता है अमरनाथ गुफा, जहां पर बर्फ का शिवलिंग स्थापित है और इसी गुफा में भगवान शिव ने मां पार्वती को अमर कथा सुनाई थी। जब भगवान शिव मां पार्वती को कथा सुना रहे थे, तब उन दोनों के अलावा गुफा में कोई भी मौजूद नहीं था।लेकिन ऐसा माना जाता है कि उस गुफा में कबूतरों का जोड़ा मौजूद था जिसने उसे कथा को सुन लिया था।
ऐसा भी माना जाता है कि उस कथा को असल में मां पार्वती ने नहीं बल्कि कबूतरों के जोड़े ने सुना था क्योंकि मां पार्वती कथा सुनते समय निद्रा अवस्था में थी और शिवजी कथा सुनने में तल्लीन होने के कारण इसी बात से अनजान थे और कबूतर के जोड़े अमर हो गए। हर साल श्रावण के महीने में वक्त लाखों की संख्या में भगवान शिव के दर्शन करने अमरनाथ यात्रा पर आते हैं।
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