10 Famous Temples in Tamil Nadu: तमिलनाडु को “मंदिरों की भूमि” कहा जाता है क्योंकि यह अपने खूबसूरत और ऐतिहासिक मंदिरों के लिए बहुत मशहूर है। यहाँ के मंदिर न सिर्फ धार्मिक आस्था का केंद्र हैं, बल्कि उनकी शानदार वास्तुकला और पुरानी कहानियां भी लोगों को आकर्षित करती हैं।
इन मंदिरों की खास बात उनकी ऊँची-ऊँची मीनारें (गोपुरम) और द्रविड़ शैली की अनोखी कला है। चोल वंश और अन्य राजाओं ने यहाँ कई भव्य मंदिर बनवाए, जो आज भी इतिहास और संस्कृति की झलक दिखाते हैं। आज हम आपको तमिलनाडु के 10 सबसे प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में बताएंगे जहाँ आपको जीवन में एक बार जरुर जाना चाहिए।
10 Famous Temples in Tamil Nadu: तमिलनाडु के 10 सबसे प्रसिद्ध मंदिर।
Tiruchendur Subramaniya Swamy Temple
तिरुचेंदूर सुब्रमण्यम स्वामी मंदिर तमिलनाडु के तिरुनेलवेली जिले में स्थित एक प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर है। यह भगवान मुरुगन (कार्तिकेय) को समर्पित है और समुद्र के किनारे स्थित होने के कारण इसे विशेष महत्व प्राप्त है। यह मंदिर 6 पवित्र “पडई वीडु” (मुरुगन के आराधना स्थल) में से एक है।
तिरुचेंदूर सुब्रमण्यम स्वामी मंदिर की वास्तुकला अद्भुत है और यह धार्मिक आस्था के साथ-साथ पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र है। यहां हर साल हजारों भक्त पूजा और दर्शन के लिए आते हैं।
Kapaleeshwarar Temple
कपालेश्वर मंदिर तमिलनाडु के चेन्नई शहर में स्थित एक प्रसिद्ध शिव मंदिर है। यह मंदिर भगवान शिव के कपालेश्वर रूप को समर्पित है और इसका निर्माण द्रविड़ वास्तुकला शैली में किया गया है। माना जाता है कि यह मंदिर 7वीं शताब्दी में पल्लव वंश द्वारा बनवाया गया था, लेकिन वर्तमान संरचना 16वीं शताब्दी की है।
मंदिर का गोपुरम (मुख्य प्रवेश द्वार) इसकी खास पहचान है, जो सुंदर नक्काशी और मूर्तियों से सजा हुआ है। यहाँ प्रतिवर्ष आयोजित होने वाला अन्नामलाई महोत्सव और ब्रह्मोत्सव भक्तों के बीच बेहद लोकप्रिय है।
Palani Dhandayuthapani Swamy Temple
पलानी धनदायुधपानी स्वामी मंदिर तमिलनाडु के पलानी में स्थित एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है, जो भगवान मुरुगन (कार्तिकेय) को समर्पित है। यह दक्षिण भारत के छह प्रमुख मुरुगन मंदिरों (आरोपदैवेदु) में से एक है। मंदिर पहाड़ी पर स्थित है और भक्तों को 660 से अधिक सीढ़ियाँ चढ़कर दर्शन करना होता है।
यहाँ भगवान मुरुगन की मूर्ति “नवपाषाणम” (नौ औषधीय जड़ी-बूटियों) से बनी है, जिसे सिद्ध योगियों द्वारा तैयार किया गया माना जाता है। यहाँ हर साल थाईपूसम और पंगुनी उथिरम जैसे त्योहार भव्यता से मनाए जाते हैं। यह मंदिर भक्ति और वास्तुकला का अद्भुत संगम है।
Chidambaram Natarajar Temple
चिदंबरम नटराजर मंदिर, तमिलनाडु के चिदंबरम में स्थित एक प्राचीन और भव्य मंदिर है, जो भगवान शिव के नटराज स्वरूप को समर्पित है। यह मंदिर तमिल वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण है और पंचभूत स्थलों में से एक है, जो आकाश तत्व का प्रतिनिधित्व करता है।
12वीं शताब्दी में चोल राजाओं द्वारा पुनर्निर्मित यह मंदिर भव्य गोपुरम, नृत्य मुद्रा में शिव की मूर्ति और “चिदंबर रहस्य” के लिए प्रसिद्ध है। यहां हर साल “नटराज उत्सव” और अरुध्र दर्शनम् जैसे त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाए जाते हैं। यह स्थल श्रद्धालुओं और कला प्रेमियों के लिए समान रूप से महत्वपूर्ण है।
Arunachaleshwarar Temple
अरुणाचलेश्वरर मंदिर तमिलनाडु के तिरुवन्नामलाई में स्थित एक प्राचीन और प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है। यह भगवान शिव को समर्पित है, जिन्हें यहाँ अरुणाचलेश्वरर या “अग्नि लिंगम” के रूप में पूजा जाता है। यह मंदिर पंचभूत स्थलों में से एक है, जो पाँच प्राकृतिक तत्वों (अग्नि, जल, वायु, पृथ्वी, आकाश) का प्रतिनिधित्व करते हैं।
मंदिर का निर्माण द्रविड़ शैली में किया गया है, जिसमें भव्य गोपुरम और विस्तृत पत्थर की नक्काशी शामिल है। हर साल कार्तिगई दीपम उत्सव यहाँ बड़े धूमधाम से मनाया जाता है, जिसमें हजारों श्रद्धालु भाग लेते हैं। यह स्थान आध्यात्मिकता और शांति का प्रमुख केंद्र है।
Srirangam Ranganathawamy Temple
श्रीरंगम रंगनाथस्वामी मंदिर तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली जिले में स्थित है और यह भगवान विष्णु को समर्पित सबसे बड़ा हिंदू मंदिर है। यह मंदिर 156 एकड़ में फैला हुआ है और इसकी सात परकोटा दीवारें इसे अद्वितीय बनाती हैं। इसे “भूलोक वैकुंठ” कहा जाता है, जो पृथ्वी पर विष्णु का दिव्य निवास है।
मंदिर में भगवान विष्णु की शयन मुद्रा में प्रतिष्ठित मूर्ति है, जिसे रंगनाथस्वामी कहा जाता है। यह 12 दिव्य अलवार संतों द्वारा गाए गए 108 दिव्य देशमों में सबसे महत्वपूर्ण है। इसकी वास्तुकला, गोपुरम, और धार्मिक उत्सव जैसे वैश्विक तीर्थयात्रियों को आकर्षित करते हैं।
Kailasanathar Temple
कैलाशनाथर मंदिर, तमिलनाडु के कांचीपुरम में स्थित एक प्राचीन शिव मंदिर है, जो पल्लव वंश के राजा नरसिंहवर्मन द्वितीय (राजा रजसिंह) ने 8वीं शताब्दी में बनवाया था। यह मंदिर दक्षिण भारत की द्रविड़ वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण है। मंदिर में भगवान शिव को समर्पित 16-स्तरीय संरचना और मुख्य गर्भगृह है, जिसे कैलाश पर्वत की आकृति में बनाया गया है।
यहां सुंदर नक्काशी, पत्थर की मूर्तियां और शिलालेख देखने को मिलते हैं। मंदिर में 58 छोटे-छोटे शिवलिंग भी स्थित हैं। यह धार्मिक, ऐतिहासिक और वास्तुशिल्पीय दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है और श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों को आकर्षित करता है।
Ramanathaswamy Temple
रामनाथस्वामी मंदिर भारत के तमिलनाडु राज्य के रामेश्वरम में स्थित एक प्रसिद्ध हिंदू तीर्थस्थल है। यह भगवान शिव को समर्पित है और हिंदू धर्म के चार प्रमुख धामों में से एक है। मंदिर अपने भव्य स्थापत्य और दुनिया के सबसे लंबे मंदिर गलियारे के लिए प्रसिद्ध है।
इसकी पत्थरों पर की गई नक्काशी और विशाल स्तंभ कला का उत्कृष्ट उदाहरण हैं। मंदिर का पवित्र तालाब और 22 तीर्थ कुंड (थीर्थम) यहां आने वाले भक्तों के लिए विशेष धार्मिक महत्व रखते हैं। इसे रामायण काल से जोड़ा जाता है, जहां भगवान राम ने रावण पर विजय के बाद शिवलिंग की स्थापना की थी।
Brihadisvara Temple
बृहदीश्वर मंदिर, जिसे पेरुवुदैयार कोविल भी कहा जाता है, तमिलनाडु के तंजावुर में स्थित एक ऐतिहासिक और भव्य हिंदू मंदिर है। यह भगवान शिव को समर्पित है और चोल साम्राज्य के राजा राजा चोल प्रथम द्वारा 1010 ई. में बनवाया गया था। यह द्रविड़ स्थापत्य शैली का उत्कृष्ट उदाहरण है और यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल का हिस्सा है।
मंदिर का मुख्य गुंबद एक ही ग्रेनाइट पत्थर से बना है और इसका वजन लगभग 80 टन है। इसमें मूर्तिकला और शिल्पकला की अद्वितीयता झलकती है। बृहदेश्वर मंदिर भारतीय इतिहास, संस्कृति और वास्तुकला का गौरवपूर्ण प्रतीक है।
Meenakshi Amman Temple
मीनाक्षी अम्मन मंदिर भारत के तमिलनाडु राज्य के मदुरै शहर में स्थित एक प्राचीन और प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है। यह मंदिर देवी मीनाक्षी (पार्वती का अवतार) और भगवान सुंदरेश्वर (शिव) को समर्पित है।
इसका इतिहास 6वीं शताब्दी तक पुराना माना जाता है, लेकिन वर्तमान संरचना 16वीं शताब्दी में नायक वंश के शासकों द्वारा बनाई गई थी। मंदिर अपनी भव्य वास्तुकला, सुंदर गोपुरम (मीनारों), और जटिल नक्काशी के लिए प्रसिद्ध है। हर साल लाखों श्रद्धालु और पर्यटक यहाँ आते हैं।
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