Effective Tips to Stop Overthinking- किसी भी बात या घटना के बारे में बहुत ज्यादा सोचना जिसे हम ओवरथिंकिंग के नाम से जानते हैं, हमारे मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत खतरनाक हो सकता है। हद से ज्यादा सोचने से हमारी मेंटल हेल्थ तो खराब होती ही है, हम डिप्रेशन, नींद की कमी और काम के प्रति फोकस्ड नहीं हो पाने की समस्या से भी ग्रसित हो सकते हैं।
ओवरथिंकिंग से हमारा डेली रूटीन बिगड़ सकता है जिससे हमारी लाइफस्टाइल पर बुरा प्रभाव पड़ता है। टेंशन और डिप्रेशन की स्थिति में लगातार निगेटिव ख़्याल आते रहते हैं और हमारा मन किसी भी काम को करने में नहीं लगता। इस पोस्ट में हम ओवरथिंकिंग से बचने के कुछ बेहतरीन उपायों के साथ उसके लक्षणों के बारे में भी बता रहे हैं।
Effective Tips to Stop Overthinking- ओवरथिंकिंग से बचने के लिए अपनायें ये कारगर टिप्स
ओवरथिंकिंग से बचने और अपनी लाइफस्टाइल बेहतर बनाने के लिए इस पोस्ट में बताए गए उपायों को अपने डेली रूटीन में शामिल किया जा सकता है। आइए जानते हैं ओवरथिंकिंग क्या है और इसके प्रमुख लक्षण किस प्रकार के होते हैं।
क्या है ओवरथिंकिंग
हमारे जीवन में कोई भी घटना घटित होती है या हम किसी से कोई बात करते हैं तो उसकी एक छाप हमारे दिमाग में बन जाती है। ऐसे में जब भी हम खाली बैठे होते हैं तो पीछे घटित हुई घटना या बात चीत हमारे दिमाग में आ जाती है और हम उसी के बारे में सोचने लग जाते हैं। एक ही बात या घटना के बारे में लगातार सोचते रहने को ही ओवरथिंकिंग कहते हैं।
कभी कभी किसी नए काम की शुरुआत के समय भी हमारे दिमाग में कई तरह के सही गलत विचार आते हैं। नए काम को करने से पहले ही उसके परिणाम के बारे में सोचना भी ओवरथिंकिंग कहलाता है। ओवरथिंकिंग में एक ही बात हमारे दिमाग में घूमती रहती है। इसके कारण हमारे मन में नकारात्मक विचार और भावनाएं आ जाती हैं और हम डिप्रेशन में भी जा सकते हैं।
क्या हैं ओवरथिंकिंग के प्रमुख लक्षण (Overthinking Symptoms)
हर रोज ही हमारे दिमाग में हजारों विचार आते और जाते रहते हैं। उनमें से कुछ सही और पॉजिटिव विचारों के ऊपर हम काम भी करते हैं। लेकिन कुछ ऐसे विचार भी हमारे दिमाग में आते हैं जिनके बारे में हम लगातार सोचते रहते हैं।
ऐसे में हमारे लिए यह जानना बेहद जरूरी हो जाता है कि हम जिस विचार के बारे में सोच रहे हैं, वह सही है या ओवरथिंकिंग है। इसके लिए हमें ओवरथिंकिंग के कुछ प्रमुख लक्षणों को जानना बहुत जरूरी है। ये निम्न हैं –
- किसी भी बात के बारे में घंटों तक सोचते रहना।
- ऐसी परिस्थितियों के बारे में सोचना जिनको हम कंट्रोल नहीं कर सकते।
- बहुत ज्यादा सोचने से नींद पूरी ना होना।
- थकान महसूस होने के कारण फोकस ना कर पाना।
- बहुत ज्यादा सोचने के कारण जरूरी काम को टालना।
- खुद के फैसलों पर संशय करना।
- हर काम के लिए हमेशा दूसरे की सलाह मांगना और उसके बाद काम शुरू करना।
हालांकि इनमें से कई लक्षण सिर्फ ओवरथिंकिंग से जुड़े नहीं हैं। कुछ ख्याल तो अधिक टेंशन और डिप्रेशन की वजह से हमारे दिमाग में आ जाते हैं। लेकिन इन सभी को दूर करने के लिए इस पोस्ट में कुछ बेहतरीन तरीकों के बारे बताया जा रहा है, जिनको अपनाकर आप अपनी लाइफ को बेहतर बना सकते हैं।
ओवरथिंकिंग को दूर करने के कुछ प्रमुख तरीके (Tips to Stop Overthinking)
मेडिटेशन करना
ओवरथिंकिंग से बचने का सबसे बेहतरीन तरीका है कि आप वर्तमान में जिएं। इसके लिए माइंडफुल मेडिटेशन सबसे ज्यादा पॉवरफुल माना गया है। रोज कुछ मिनट मेडिटेशन करने से आप अपने विचारों को कंट्रोल कर सकते हैं। इससे ओवरथिंकिंग में कमी आती है।
इसके अलावा ध्यान करने का भी अभ्यास करना चाहिए। अपने शरीर की बनावट और सभी अंगों के काम करने के तरीकों पर ध्यान देने से आप अपने विचारों को कंट्रोल करना सीख सकते हैं। ये ओवरथिंकिंग से बचाव (Tips to Stop Overthinking) में बेहद कारगर हैं।
खाली समय का सदुपयोग
एक्सपर्ट्स के मुताबिक ओवरथिंकिंग की समस्या उन लोगों में ज्यादा देखी गई है जो खाली रहते हैं या अपने खाली समय का सदुपयोग नहीं करते। इसलिए यदि आपको ओवरथिंकिंग से बचना है तो आज से ही खाली समय का सदुपयोग करना शुरू कर दीजिए।
Effective Tips to Stop Overthinking- अपने खाली समय में कुछ क्रिएटिव और मनपसंद काम करने की कोशिश कीजिए। इसमें आपकी हॉबी के अलावा बागबानी, पेंटिंग, बुक रीडिंग जैसी एक्टिविटी शामिल की जा सकती है। खाली समय के सदुपयोग से फालतू के विचार हमारे दिमाग पर हावी नहीं हो पाते।
विचारों को ध्यान से समझना
कभी कभी हमें यह ही समझ नहीं आता कि जो बात हम सोच रहे हैं वह सही भी है या नहीं। ऐसी स्थिति में हमें अपने सोचने के पैटर्न पर ध्यान देना चाहिए। यह विचार जरूर करना चाहिए कि जिस बात को लेकर हम इतना ज्यादा परेशान हो रहे हैं या जरूरत से ज्यादा सोच रहे हैं, क्या वह बात हमारे लिए जरूरी है या उससे भी जरूरी कोई काम है।
यदि बात से जरूरी कोई महत्वपूर्ण काम है तो हमें काम को पहले पूरा करने पर जोर देना चाहिए। किसी भी बात को लेकर पहले से ही यह नहीं सोचना चाहिए कि हमारे इस काम या बात से सामने वाला क्या सोचेगा या कैसी प्रतिक्रिया देगा। हम अगर कुछ गलत कर रहे हैं तो उससे सबक सीखने की जरूरत है। उस बात को बार बार याद करके ओवरथिंकिंग करने से टेंशन बढ़ सकती है।
शरीर पर ध्यान देना
ओवरथिंकिंग करते हुए अक्सर हम अपने शरीर पर ध्यान देना कम करने लगते हैं। ज्यादा सोचने की आदत की वजह से हम एक्सरसाइज करने, स्वस्थ और पोषक भोजन लेने और पर्याप्त नींद पर ध्यान देना कम करने लगते हैं। ( 9 Effective Tips to Stop Overthinking)
इसका परिणाम यह होता है कि डिप्रेशन, हाइपरटेंशन, बीपी जैसी गंभीर बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है। इन बीमारियों से और ओवरथिंकिंग से बचने के लिए पोषक तत्वों से युक्त आहार लेने के साथ एक्सरसाइज करने और पर्याप्त नींद लेनी चाहिए। इसके साथ ही बहुत ज्यादा कैफ़ीन या शराब का सेवन नहीं करना चाहिए।
यदि आपका डेली रूटीन सही है और आप ध्यान, योग के साथ अपनी नींद पूरी कर रहे हैं तो आपकी ओवरथिंकिंग की समस्या (Tips to Stop Overthinking) धीरे धीरे कम हो जाती है। एक सही डेली रूटीन फॉलो करके आप अपनी लाइफ को बेहतर बना सकते हैं।
डायरी लिखना
यदि आप चाहकर भी ओवरथिंकिंग को कम नहीं कर पा रहे हैं तो आपको अपने विचारों को एक डायरी पर लिखना चाहिए। इससे आपके दिमाग में चल रहे हजारों विचार बाहर निकल जायेंगे और आप अपने महत्वपूर्ण काम पर फोकस कर पायेंगे।
सोचने के लिए समय निर्धारित करना
ओवरथिंकिंग से बचने का एक आसान उपाय है कि आप जब भी किसी काम को करने की योजना बना रहे हो तो उस काम के बारे में सोचने के लिए एक फिक्स टाइम लीजिए। यह समय सीमा 5 मिनट से 15 मिनट के बीच की हो तो बेहतर होगा।
इससे आपके अंदर डिसीजन कैपेबिलिटी to बढ़ेगी ही, आप एक ही काम के बारे में बहुत ज्यादा सोचेंगे भी नहीं। कम समय में सही निर्णय लेने से आप ओवरथिंकिंग की समस्या (Overthinking Symptoms) से भी बच सकते हैं।
आभार प्रकट करना
ओवरथिंकिंग करने वाले लोग अक्सर कृतज्ञता प्रगट करना भूल जाते हैं। वे हमेशा ये ही सोचते रहते हैं कि मैने ऐसा किया तो ये होगा, अब ये प्रॉब्लम आ सकती है या ये गलत काम हो गया है, अब मुझसे कोई बात नहीं करेगा।
उनका ये सोचना गलत नहीं होता, क्योंकि कभी ना कभी ऐसे लोग इस तरह की परिस्थितियों का सामना कर चुके होते हैं और उन्हें इस बात का डर सताता रहता है कि मेरी इस गलती की सजा मिल सकती है। इस परिस्थिति में सबसे बेहतर है कि आप उन सभी लोगों के प्रति मन में आभार व्यक्त कीजिए जिन्होंने आपकी मदद की है।
इसके अलावा आप अपनी उस गलती से खुद ही सबक सीखने की कोशिश कीजिए। आभार व्यक्त करने से आपके दिमाग में पॉजिटिव सोच का विकास होता है जो आपके डर को खत्म करके आपके फोकस और कार्यक्षमता को बढ़ाने का काम करता है।
लोगों से बात करना
आमतौर पर यह देखा जाता है कि जो इंसान अकेला खाली रहता है, कुछ काम नहीं करता। डिजिटल गैजेट्स का ज्यादा इस्तेमाल करता है, लोगों से कम बात करता है वह ओवरथिंकिंग करने लगता है। ऐसा इंसान किसी भी बात को अपने तरीके से सोचता है।
कभी कभी उनकी सोची बात सच हो जाती है तो कभी वह निगेटिव बातों को भी सोचने लगता है। इसका उसके जीवन में बुरा प्रभाव पड़ता है। ऐसे इंसान को कुछ समय अपने दोस्तों, परिचितों के साथ जरूर बिताना चाहिए। इसके अलावा अकेले रहने वाले लोगों को पार्क आदि में टहलने भी जाना चाहिए। (Effective Tips to Stop Overthinking)
हालांकि अकेले समय बिताना भी एक कला है, लेकिन उस दौरान आप खाली ना रहें और कुछ एक्टिविटी करते रहें। अकेले समय बिताने से आप अपने अंदर की कमियों पहचान कर दूर कर सकते हैं। अकेले रहने पर इस बात का हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि आप किसी बात या विचार को बार बार ना सोचें। ऐसा करने से आप ओवरथिंकिंग का शिकार (Overthinking Symptoms) हो सकते हैं।
एक्सपर्ट की मदद लेना
बहुत कोशिश करने के बाद भी यदि आप ओवरथिंकिंग की समस्या कम नहीं कर पा रहे हैं तो आपको किसी प्रोफेशनल की मदद लेनी चाहिए। इनमें डॉक्टर के अलावा कुछ पेशेवर लोग भी होते हैं जो आपकी डेली रूटीन का एनालिसिस करके ओवरथिंकिंग से बचाव के कई तरीके बताते हैं।
जरूरत से ज्यादा सोचना हमारे मेंटल हेल्थ के लिए नुकसानदायक ही होता है। इसीलिए ओवरथिंकिंग को कभी भी दिमाग पर हावी नहीं होने देना चाहिए। ऊपर बताए कुछ उपायों से आप ओवरथिंकिंग की समस्या को कम कर सकते हैं। इन उपायों के बाद भी यदि ओवरथिंकिंग कम नहीं हो रही, तो आपको किसी एक्सपर्ट काउंसलर से जरूर मिलना चाहिए।
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ब्लॉगिंग को पैशन की तरह फॉलो करने वाले आशीष की टेक्नोलॉजी, बिज़नेस, लाइफस्टाइल, ट्रैवेल और ट्रेंडिंग पोस्ट लिखने में काफी दिलचस्पी है।