Top 10 Spiritual Places in India: आध्यात्म यानि भारत की प्राचीन संस्कृति और वेदों की एक झलक। पूरे विश्व में जब भी आध्यात्मिकता की बात आती है तो लोगों का ध्यान सबसे पहले भारत के स्थलों की तरफ ही जाता है।
इसका मुख्य कारण यहाँ की अत्यंत प्राचीन संस्कृति और विभिन्न प्रकार के वेदों, उपनिषदों और गीता, रामायण जैसे शास्त्रों का पाया जाना है। पूरे विश्व में कहीं भी ऐसे ग्रंथ नहीं पाए जाते हैं जिनको पढ़ कर ही मानसिक शांति की अनुभूति हो। भारत में ऐसे अनेकों ग्रंथ हैं जो प्राचीन काल में लिखे गए हैं परन्तु आज के समय में भी बेहद मूल्यवान हैं।
इसके अलावा भारत में ऐसे प्राचीन तीर्थस्थल और अनेकों स्थान हैं जहाँ जाकर आपको इस भाग-दौड़ भरी जिंदगी में भी बेहद सुकून मिलता है। इस पोस्ट में हम ऐसे ही कुछ आध्यात्मिक स्थलों के बारे में बता रहे हैं जहाँ आपको अवश्य जाना चाहिए। इन स्थलों पर जाने से आप आध्यात्म के वास्तविक अर्थ से परिचित हो पायेंगे।
Top 10 Spiritual Places in India: भारत के ऐसे स्थान जहाँ आपको मानसिक शांति का अनुभव होगा
आध्यात्मिक स्थलों के बारे में जानने से पहले हम सभी को यह जानना बेहद जरुरी है कि वास्तव में आध्यात्म होता क्या है और क्यों हमें आध्यात्म को अपने जीवन में अपनाना चाहिए।
क्या है आध्यात्म
आध्यात्म सिर्फ एक शब्द नहीं है बल्कि यह मानव जीवन का सार है। इसे शब्दों में परिभाषित करना अत्यंत मुश्किल है। प्राचीन काल से ही सभी ने आध्यात्म के महत्त्व को अपने अनुभव के आधार पर ही बताया है।
किसी के अनुसार आध्यात्म का अर्थ अपने भीतर के चेतन तत्त्व को जानने को बताया गया है तो कोई मोह माया से दूर होने को आध्यात्म मानता है। कुछ श्रेष्ठ संतों द्वारा गृहस्थ जीवन में रहते हुए शुद्ध और अच्छे मनोभाव से अपने कर्तव्यों का पालन करने को ही आध्यात्म कहा गया है।
वहीं वर्तमान समय में योग, प्राणायाम और ध्यान को ही लोगों द्वारा अध्यात्म समझा जाता है। परन्तु ये कुछ साधन ही हैं। अध्यात्म एक प्रकार की महाविद्या है। इसे जान लेने के पश्चात और किसी विषय-वस्तु को जानने की आवश्यकता नहीं होती है और मनुष्य को अध्यात्म के द्वारा मोक्ष की प्राप्ति होती है।
इसलिए आध्यात्म का एक सीधा और सामान्य अर्थ किसी के भी समझ में नहीं आया। जिसने भी इसको बताना चाहा, सिर्फ अपने अनुभव के आधार पर ही बताया है।
कुछ प्रमुख आध्यात्मिक स्थान जो भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में प्रसिद्ध हैं।
वाराणसी
वाराणसी यानी बनारस पूरे विश्व के सबसे प्राचीन शहरों में से एक है। सनातन धर्म के ग्रंथों में बनारस को लगभग 5 हज़ार साल से भी ज्यादा पुराना शहर बताया गया है। एक प्राचीन कहावत है कि जिस किसी की भी मृत्यु अगर वाराणसी में होती है तो उसको मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है।
वाराणसी को महाकाल भगवान शिव की काशी के नाम से भी जाना जाता है। विश्व प्रसिद्ध ऐतिहासिक काशी विश्वनाथ का मंदिर बनारस में ही स्थित है। जिसके अंदर भगवान शिव का शिवलिंग है। वाराणसी के हर कोने में आपको अनेको दर्शनीय स्थल देखने को मिल जायेंगे।
इसके अलावा बनारस में आपको एक अलग संस्कृति का अनुभव होता है। इसी सांस्कृतिक विरासत के कारण वाराणसी भारत की सांस्कृतिक राजधानी कहलाती है।
हर साल पूरे विश्व से लाखों की संख्या में श्रद्धालु और विदेशी सैलानी बनारस में घूमने आते हैं और यहाँ आकर अपने गलत कामों को छोड़कर भगवान की भक्ति लीन हो जाते हैं।
केदारनाथ
हिमालय के पर्वतों के बीच बसा केदारनाथ तीर्थस्थल सभी आध्यात्म और शांति प्रिय लोगों के लिए एक बेहद पवित्र स्थान है। जब से मंदिर के कपाट खुलते हैं तब से केदारनाथ घाटी में लाखों की संख्या में भक्तों की भीड़ जुटने लगती है।
अगर हिन्दू धर्मग्रंथों को पढ़ते हैं तो उसमे यह बताया गया है कि प्राचीन काल में ऋषि – मुनि तपस्या के लिए मुख्य रूप से हिमालय के एकांत क्षेत्र का ही चुनाव करते थे और यही आकर तपस्या करते थे। सालों साल तपस्या के बाद उन्हें कई तरह की आध्यात्मिक शक्तियाँ प्राप्त होती थीं जिसका उपयोग वे जनकल्याण के लिए करते थे।
केदारनाथ भी इसी प्रकार का एक दिव्य स्थान है जहाँ पर भगवान शिव का अत्यंत प्राचीन शिवलिंग स्थापित है। हिमालय क्षेत्र में पंच केदार स्थित हैं। केदारनाथ को उन पंच केदार में से एक माना गया है। अगर आप केदारनाथ की यात्रा करते हैं तो आपको रास्तों में विभिन्न प्रकार की आध्यात्मिक और शांति की अनुभूति जरूर होगी।
हरिद्वार
भारत के उत्तराखंड में बसा हरिद्वार अत्यंत प्राचीन आध्यात्मिक स्थल है। हरिद्वार में अत्यंत प्राचीन मंदिर और तीर्थ स्थल मौजूद हैं जो हम सभी को आध्यात्म का मर्म समझाते हैं। इनमें प्रमुख रूप से हर की पौड़ी, मनसा देवी मंदिर, कनखल, चंडी माता मंदिर और सप्त ऋषि आश्रम मुख्य हैं।
भारत में हर बारह साल पर कुंभ का आयोजन होता है। हरिद्वार भी एक मुख्य स्थान है जहाँ कुंभ का आयोजन किया जाता है। इस आयोजन में शामिल होकर लाखों लोग गंगा में स्नान करते हैं। इसके अलावा प्रति वर्ष गंगा दशहरा पर यहाँ माँ गंगा की विशेष पूजा और आरती की जाती है जो देखने योग्य होती है।
अमृतसर
अमृतसर भारत के पंजाब में स्थित है। यह प्राचीन भारत की सांस्कृतिक विरासत के अलावा सिख धर्म के लोगों के बीच बेहद लोकप्रिय और पवित्र स्थान माना जाता है। सिखों के सबसे पवित्र गुरूद्वारे में से एक श्री हरमंदिर साहिब यहाँ स्थित है जिसे हम लोग स्वर्ण मंदिर के नाम से भी जानते हैं।
कहा जाता है कि इस गुरूद्वारे का ऊपरी हिस्सा लगभग 400 किलो सोने से बनाया गया है जिसके कारण ही इसे स्वर्ण मंदिर के नाम से जाना जाता है। इसके अलावा इसमें आपको चारों तरफ दरवाजे देखने को मिलेंगे जो यह सन्देश देते हैं कि यह किसी धर्म विशेष के लिए नहीं है बल्कि यहाँ पर सभी धर्मों के लोग आ सकते हैं और आध्यात्मिक शांति का अनुभव कर सकते हैं।
इसके अलावा स्वर्ण मंदिर के चारों तरफ एक सरोवर बना हुआ है जो एक अद्भुत शांति की अनुभूति प्रदान करता है। यहाँ आप कई घंटों तक बैठ सकते हैं। आपको बेहद शांति अनुभव होगा। अमृतसर में देश का सबसे बड़ा लंगर चलता है जिसमे प्रतिदिन हज़ारों की संख्या में लोग भोजन करते हैं।
बोधगया
बिहार के पटना शहर से लगभग 100 किलोमीटर दूर एक स्थान है गया। गया में ही गौतम बुद्ध को वर्षों की तपस्या के बाद ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। बाद में इसी स्थान पर एक मंदिर बना दिया गया जिसे आज हम सब महाबोधि मंदिर के नाम से जानते हैं।
अगर आप बौद्ध धर्म को गहराई से समझना चाहते हैं तो आपको इस स्थान पर अवश्य जाना चाहिए। यह बौद्ध धर्म के चार प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक है और आध्यात्मिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण माना गया है।
गया को हिन्दू धर्म में भी बेहद पवित्र स्थान माना गया है। कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति चार धाम की यात्रा पर जाते हैं उनको गया जरूर जाना चाहिए। बिना गया की यात्रा किये उनकी चार धाम की यात्रा पूरी नहीं मानी जाती है।
जगन्नाथपुरी
ओडिशा में समुंद्र तट के किनारे भगवान श्रीकृष्ण, बलराम और सुभद्रा को समर्पित यह मंदिर अत्यंत प्राचीन है। यहाँ विश्व की सबसे बड़ी रसोई है जिसमें प्रतिदिन लाखों श्रद्धालुओं को प्रसाद बनाकर वितरित किया जाता है। यहाँ की रसोई में आज भी अत्यंत प्राचीन तरीको से ही प्रसाद बनाया जाता है।
आध्यात्मिकता की बात करें तो यहाँ प्रति वर्ष रथ यात्रा का आयोजन किया जाता है। इस रथ यात्रा में शामिल होने पर ही आपको एक दिव्य अनुभूति का अनुभव होगा। इसके अलावा इस मंदिर से जुड़े कई अनोखे तथ्य हैं जो आप हमारी नीचे दी गयी पोस्ट में पढ़ सकते हैं।
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बद्रीनाथ
केदारनाथ की तरह ही यह भी हिमालय के विशाल पर्वतों के बीच स्थित है। भारत के चार धामों में से एक बद्रीनाथ अत्यंत प्राचीन और पवित्र है। यह उत्तराखंड के चमोली में अलकनंदा नदी के किनारे स्थित है।
इस मंदिर में भगवान विष्णु के एक स्वरुप बद्रीनारायण की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि जो भी केदारनाथ की यात्रा करता है उसको बद्रीनाथ जरूर जाना चाहिए। ऐसा करने पर ही उसे यात्रा पुण्य फल प्राप्त होता है।
मीनाक्षी अम्मन मंदिर
तमिलनाडु के मदुरै में स्थित यह मंदिर अपनी अद्भुत वास्तुकला के लिए जाना जाता है। भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा के लिए प्रसिद्ध इस मंदिर में हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु और विदेशी पर्यटक आते रहते हैं।
इस मंदिर के बारे में एक बात बेहद प्रसिद्ध है कि जो भी अविवाहित लड़की इस मंदिर में आकर पूजा करती है और अपने माथे पर सिंदूर लगाती है तो उसकी पूजा स्वीकार कर ली जाती है और कुछ ही समय के बाद उसका विवाह हो जाता है।
आध्यात्मिक रूप से भी इस मंदिर का अपना अलग ही महत्त्व है। लोग यहाँ देवी पार्वती और भगवान शिव के दर्शन के बाद खुद के अंदर एक अलग ऊर्जा का अनुभव करते हैं।
ऑरोविले
पुडुचेरी, तमिलनाडु में स्थित ऑरोविले भारत के सबसे अनोखे आध्यात्मिक स्थानों में से एक है। सबसे खास बात यह है कि इस स्थान पर कोई किसी धर्म मानता है। यहाँ आने वाले लोगों का सिर्फ एक ही लक्ष्य होता है और वो है आध्यात्मिक ऊर्जा को महसूस करना और उसकी मदद से लोगों की भलाई करना।
प्रति वर्ष यहाँ आध्यात्म का अनुभव करने अनेक देशों से लोग आते रहते हैं। यहाँ एक सुनहरा गुंबद बना हुआ है जहाँ आप बैठ कर ध्यान कर सकते हैं और आध्यात्मिक वातावरण का आनंद ले सकते हैं।
वृंदावन
अगर आप वास्तव में भक्ति और आध्यात्म का आनंद लेना चाहते हैं तो आपको वृंदावन ने कुछ दिन बिताना चाहिए। भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली मथुरा से कुछ ही किलोमीटर दूर वृन्दावन भक्ति के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है।
वृन्दावन में विदेशों से पर्यटक आकर भक्ति में इतने डूब जाते हैं कि फिर उन्हें संसार की मोह माया दिखाई नहीं देती है। कहा भी गया है कि जिसने भी श्रीकृष्ण की भक्ति को अपना आधार बना लिया उसको फिर इस संसार की किसी भी वस्तु का मोह नहीं हो सकता है।
इन स्थानों के अलावा भारत में ऐसे बहुत से स्थान हैं जो आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण हैं। परन्तु यदि आपको भारत की आध्यात्मिक संस्कृति को जानना है तो इन बताये हुए स्थानों पर जाकर आपको एक अलग ऊर्जा का अनुभव होगा।
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