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Rahul Gandhi Visit Manipur Relief Camp: हिंसा और बाढ़ पीड़ितों से शिविरों में मिले राहुल गाँधी, किया असम और मणिपुर का दौरा

Rahul gandhi visit manipur relief camp

Rahul Gandhi Visit Manipur Relief Camp: पूर्वोत्तर भारत में कई खूबसूरत राज्य हैं जिनकी प्राकृतिक सुंदरता अद्भुत होती है। इन्हीं राज्यों में से एक राज्य है मणिपुर। पिछले लगभग 1 साल से भी अधिक समय से मणिपुर में विभिन्न प्रकार की हिंसा के कारण सैकड़ों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है।

इसके अलावा मानसून के मौसम में मणिपुर में बाढ़ भी आयी हुई है, जिसके कारण लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। हजारों लोग अपने घरों को छोड़ कर पलायन कर चुके हैं। इसी बीच कांग्रेस सांसद राहुल गाँधी भी पीड़ितों से मिलने के लिए मणिपुर पहुंचे हुए हैं।

Rahul gandhi visit manipur relief camp
पीड़ितों से मिलते राहुल गाँधी

Rahul Gandhi Visit Manipur Relief Camp: हिंसा और बाढ़ पीड़ितों से शिविरों में मिले राहुल गाँधी

मणिपुर की हिंसा

मणिपुर एक ऐसा राज्य है, जहाँ आये दिन किसी ना किसी बात को लेकर गोली चलने, आगजनी आदि की खबरें मिलती रहती हैं। कभी आपसी विवाद में हिंसा होती है तो कभी किसी धार्मिक स्थल को लेकर आपस में लोग तोड़-फोड़ करने लग जाते हैं। मणिपुर में पिछले एक साल से भी ज्यादा समय से हिंसा की छिटपुट घटनाएं सामने आती रहती हैं। इन हिंसा की घटना को केंद्र सरकार भी ज्यादा गंभीरता से नहीं लेती है और सिर्फ सेना के जवानों की तैनाती कर दी जाती है।

क्यों होती है हिंसा

आपको बता दें कि मणिपुर की कुल आबादी लगभग 30 लाख के करीब बताई जाती है। इस आबादी में तीन समुदाय के लोग रहते है। इनको मैतेई, नगा और कुकी समुदाय के नाम से जानते हैं। इनमें से नगा और कुकी समुदाय ST में आते हैं जबकि मैतेई समुदाय में हिन्दू ज्यादा हैं। मैतेई समुदाय की मांग है कि उन्हें भी नगा और कुकी के समान ही जनजाति का दर्जा दिया जाए।


परन्तु ऐसा हो नहीं पा रहा है क्यूकि मणिपुर के अधिकतर क्षेत्र में नगा और कुकी समुदाय के लोग रहते हैं। तमाम विवाद के बाद हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से सिफारिश भी की है कि मैतेई को अनुसूचित जनजाति (ST) में शामिल किया जाए, लेकिन ऐसा होता दिख नहीं रहा है। इसके विपरीत मणिपुर में हिंसा लगातार बढ़ती जा रही है।

बाढ़ का प्रकोप

लगभग हर साल पूर्वोत्तर राज्य बाढ़ की चपेट में आ जाते हैं। इसकी मुख्य वजह इन राज्यों की सीमाएं विशाल ब्रह्मपुत्र नदी से सटे ही हैं। इसके अलावा यहाँ बारिश भी बहुत होती है जिसके कारण पूर्वोत्तर के अधिकांश राज्य बाढ़ की चपेट में आ जाते हैं। इस साल ही बाढ़ आने से 20 हजार से भी ज्यादा लोगों को अपना घर छोड़ कर पलायन करना पढ़ा है। ये सभी भारतीय सेना द्वारा बनाये गए विभिन्न शिविरों में रह रहे हैं।

राहुल गाँधी का दौरा

हिंसा और बाढ़ की दोहरी मार झेल रहे असम और मणिपुर में कांग्रेस सांसद राहुल गाँधी पीड़ितों से मिलने पहुंचे हैं। वह सेना और एनडीआरफ के द्वारा बनाये गए राहत और बचाव शिविरों में पीड़ितों से हालचाल जान रहे हैं।


राहुल गाँधी ने सभी पीड़ितों को आश्वासन दिया है कि वह मणिपुर हिंसा से जुड़े सभी मामलों को संसद में सरकार के सामने रखेंगे और इस हिंसा को ख़त्म करने की पूरी कोशिश करेंगे। राहुल गाँधी ने यह भी कहा कि वे यहाँ हर साल आने वाली बाढ़ के उचित प्रबंधन के लिए भी सरकार से मदद की मांग करेंगे।

इससे पहले राहुल गाँधी का स्वागत मणिपुर के पूर्व सीएम ओकराम इबोबी सिंह ने सिलचर एयरपोर्ट पहुंचने पर किया। यहाँ से वे शिविर कैंप में पीड़ितों से मिलने गए।


Image Source : Twitter

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