Prevent Food Poisoning in Summer- गर्मी के मौसम में फूड प्वाइजनिंग का रिस्क ज्यादा रहता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस मौसम में खाने की चीज़ें जल्दी खराब हो जाती है ताजा खाना ना मिल पाने की वजह से जब भी हम कुछ खाते है तो फूड प्वाइजनिंग के खतरे में पड़ सकते हैं। घर पर भी हमारी आदत होती है कि बासी चीजों को खाकर खत्म कर दिया जाए। ये भी फूड प्वाइजनिंग की वजह हो सकती है।
क्योंकि फूड पॉइजनिंग के बैक्टीरिया बहुत तेजी से फैलते हैं इसलिए जरूरी है कि इस मौसम में जितना हो सके खाने पीने की आदतों को मेंटेन रखा जाए ताकि जरा सी सावधानी से इस बच सके। आईए जानते हैं गर्मियों में फूड प्वाइजनिंग के कारण और लक्षण क्या होते है और इस से कैसे बचा जा सकता हैं।
Prevent Food Poisoning in Summer-गर्मियों में फूड पॉइजनिंग के कारण!
1. बैक्टीरिया और वायरस: गर्मियों में बैक्टीरिया और वायरस तेजी से बढ़ते हैं, जो भोजन में जमा होकर फूड पॉइजनिंग का कारण बनते हैं। साल्मोनेला, ई. कोलाई, और कैम्पिलोबैक्टर जैसे बैक्टीरिया फूड पॉइजनिंग के आम कारण हैं।
2. खराब खान-पान: गर्मियों में लोग अक्सर बाहर का खाना खाते हैं, जो असुरक्षित और खराब हो सकता है। स्ट्रीट फूड, फास्ट फूड, और अन्य बाहर के खाने में स्वच्छता और सुरक्षा की कमी हो सकती है।
3. असुरक्षित भोजन: गर्मी के दिनों में अक्सर भोजन को सुरक्षित रखने में लापरवाही बरती जा सकती है, जिससे फूड पॉइजनिंग का खतरा बढ़ जाता है। भोजन को सही तापमान पर नहीं रखना, उसे ढक कर नहीं रखना, और साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखना असुरक्षित भोजन के कारण हो सकते हैं।
गर्मियों में फूड पॉइजनिंग से बचने के उपाय-
1. स्वच्छता: गर्मियों में स्वच्छता का ध्यान रखना बहुत महत्वपूर्ण है। हाथों को बार-बार धोना और साफ-सफाई का ध्यान रखना फूड पॉइजनिंग से बचने में मदद कर सकता है। खाना बनाने और खाने से पहले हाथों को साबुन और पानी से धोना चाहिए।
2. सुरक्षित भोजन: इस मौसम में सुरक्षित भोजन करना बहुत महत्वपूर्ण है। बाहर का खाना खाने से पहले उसकी स्वच्छता और सुरक्षा की जांच करनी चाहिए। खाना बनाने वाले की स्वच्छता और खाने की गुणवत्ता की जांच करनी चाहिए।
3. भोजन को सुरक्षित रखना: भोजन को सुरक्षित रखने के लिए उसे फ्रिज में रखना और ढक कर रखना चाहिए। भोजन को सही तापमान पर रखना और उसे ढक कर रखने से बैक्टीरिया और वायरस के बढ़ने की संभावना कम होती है।
4. ताज़ा भोजन: गर्मियों में ताज़ा भोजन करना बहुत महत्वपूर्ण है। बासी या खराब भोजन से बचना चाहिए। ताज़ा भोजन करने से फूड पॉइजनिंग का खतरा कम होता है।
5. पानी की स्वच्छता: पानी की स्वच्छता का ध्यान रखना बहुत महत्वपूर्ण है। पानी को उबाल कर पीना या फिल्टर का उपयोग करना चाहिए। साफ और सुरक्षित पानी पीने से फूड पॉइजनिंग का खतरा कम होता है।
फूड पॉइजनिंग के लक्षण:
1. उल्टी और दस्त: फूड पॉइजनिंग के सबसे आम लक्षण उल्टी और दस्त हैं। ये लक्षण फूड पॉइजनिंग के कारण होने वाले बैक्टीरिया या वायरस के प्रभाव के कारण होते हैं।
2. पेट दर्द: पेट में दर्द हो सकता है। यह दर्द हल्का या गंभीर हो सकता है और अक्सर उल्टी और दस्त के साथ होता है।
3. बुखार: फूड पॉइजनिंग के कारण बुखार भी हो सकता है। बुखार का मतलब है कि शरीर का तापमान बढ़ गया है, जो संक्रमण के प्रति शरीर की प्रतिक्रिया हो सकती है।
फूड पॉइजनिंग के इलाज:
1. डॉक्टर से परामर्श: फूड पॉइजनिंग के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। डॉक्टर लक्षणों की गंभीरता का मूल्यांकन कर सकते हैं और उचित उपचार की सिफारिश कर सकते हैं।
2. पानी पीना: फूड पॉइजनिंग के दौरान पानी पीना बहुत महत्वपूर्ण है, जिससे शरीर में पानी की कमी नहीं हो। उल्टी और दस्त के कारण शरीर में पानी की कमी हो सकती है, जिसे ओआरएस (ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन) या इलेक्ट्रोलाइट युक्त पेय पदार्थ पीकर पूरा किया जा सकता है।
3. आराम: इसमें आराम करना बहुत महत्वपूर्ण है, जिससे शरीर को ठीक होने में मदद मिले। आराम करने से शरीर को ऊर्जा मिलती हैं जिस से संक्रमण से लड़ने में मदद मिलती हैं।
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