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Prayagraj Mahakumbh Date Extension- क्या बढ़ गई है महाकुंभ स्नान की अंतिम डेट, कंफ्यूजन से ना हो परेशान, जानें पूरी खबर

Prayagraj mahakumbh date extension

Prayagraj Mahakumbh Date Extension- प्रयागराज महाकुंभ में महाशिवरात्रि के अंतिम स्नान की तारीख नजदीक आ रही है। ऐसे में देश के कोने कोने से श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। इस समय प्रयागराज में चारों तरफ भीड़ ही भीड़ देखने को मिल रही है।

इसी बीच सोशल मीडिया पर एक खबर तेजी से वायरल हो रही है। इसमें बताया जा रहा है कि भीड़ को देखते हुए महाकुंभ मेले की अंतिम डेट को बढ़ाया जा सकता है। ऐसे में हम आपको सही जानकारी दे रहे हैं।

Prayagraj Mahakumbh Date Extension- क्या बढ़ गई है महाकुंभ स्नान की अंतिम डेट, कंफ्यूजन से ना हो परेशान

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अफवाहों पर ना दे ध्यान

अगर आप भी महाकुंभ में जाने का मन बना रहे हैं तो आपको घबराने और अफवाहों पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है। सीएम योगी आदित्यनाथ सहित खुद प्रयागराज के डीएम रविन्द्र मांदर ने इस बात की पुष्टि की है कि प्रयागराज महाकुंभ का मिला अपने निर्धारित समय 26 फरवरी के दिन ही समाप्त होगा।


इस महाकुंभ का शुभ मुहूर्त उसी दिन तक है। भीड़ को देख कर या किसी अन्य कारण से मेले की डेट को बढ़ाने की खबर सिर्फ एक अफवाह है। कृपया ऐसी किसी भी अफवाह पर ध्यान ना दें।

मुहूर्त पहले से होता है तय

प्रयागराज के डीएम ने मीडिया को बताते हुए कहा कि कुंभ या महाकुंभ मेला कितने दिनों तक चलेगा, यह पहले से तय रहता है।

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मुहूर्त के अनुसार ही स्नान की डेट, मेले का शुभारंभ और मेले का समापन तय रहता है। प्रशासन सिर्फ लोगों के सकुशल स्नान करने और आने जाने की व्यवस्था करता है।

लगातार बढ़ रही है भीड़

अब जबकि महाकुंभ का अंतिम स्नान महाशिवरात्रि के दिन होना है तो लोगों के आसानी से मेले में पहुंचने और संगम में स्नान करने की पूरी कोशिश की जा रही है। पूरी व्यवस्था की देखरेख खुद सीएम योगी आदित्यनाथ कर रहे हैं।

वहीं देश के कोने कोने से लोग प्रयागराज महाकुंभ में शामिल होने के लिए पहुंच रहे हैं। इससे रेलवे स्टेशन सहित बसों में भीड़ बढ़ गई है। भीड़ को काबू में करने के लिए पुलिस सहित एसडीआरएफ, NDRF की कई टीम मेला परिसर के अलावा रास्तों और स्टेशनों पर तैनात है।

अभी बंद है संगम रेलवे स्टेशन

डीएम ने बताया कि बिना किसी सूचना के कोई भी स्टेशन बंद नहीं किया जाता। महाकुंभ के पहले भी प्रयागराज संगम से सटे स्टेशनों को बंद किया जाता रहा है। यह सबसे पास का स्टेशन है, इसलिए भीड़ को कंट्रोल करने के लिए अभी इस रेलवे स्टेशन को बंद कर दिया गया है।


उधर नई दिल्ली से लेकर उत्तर प्रदेश और बिहार के कई जिलों में लोगों की भारी भीड़ रेलवे स्टेशन पर मौजूद है। सभी में महाकुंभ जाने और स्नान करने का उत्साह देखने को मिल रहा है।


सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज सहित अन्य सभी जिलों में आवागमन को सही करने के लिए पुलिस प्रशासन को कहा है। बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने भी सभी श्रद्धालुओं को धैर्य और संयम बरतने को कहा है।


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President Murmu Takes Holy Dip At Sangam- राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने किया संगम में पवित्र स्नान, अक्षयवट और श्री लेटे हनुमान मंदिर में की पूजा

President murmu takes holy dip at sangam

President Murmu Takes Holy Dip At Sangam- प्रयागराज संगम में आज एक साथ कई वीवीआईपी लोगों ने संगम के दर्शन किए। इनमें देश की प्रथम नागरिक और भारत की राष्ट्रपति भी शामिल रहीं।

आज 10 फरवरी को भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू प्रयागराज पहुंची, जहां उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ सहित राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने उनका स्वागत किया।

President Murmu Takes Holy Dip At Sangam- राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने किया संगम में पवित्र स्नान

President murmu takes holy dip at sangam

संगम में किया पवित्र स्नान

सनातन आस्था के इस महापर्व में आज 10 फरवरी सोमवार को संगम पर भारत की राष्ट्रपति पवित्र स्नान करने के लिए पहुंची। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने संगम में पवित्र स्नान किया।

इस अद्भुत क्षण के दर्शन हजारों लोगों ने किए। राष्ट्रपति के इस प्रयागराज दौरे के समय उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ सहित राज्यपाल आनंदी बेन पटेल भी मौजूद रहीं।

अक्षयवट और लेटे हनुमान मंदिर का दर्शन

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पवित्र स्नान करने के दौरान पूजा अर्चना भी की। संगम स्नान के बाद राष्ट्रपति बेहद पवित्र अक्षयवट और श्री लेटे हनुमान मंदिर के दर्शन करने पहुंची। अक्षयवट पर दूध और फूलों से अभिषेक करने के साथ साथ हनुमान मंदिर में आरती करके सभी के कल्याण की प्रार्थना की।

सुरक्षा व्यवस्था रही हाइ अलर्ट पर

भारत की प्रथम नागरिक के प्रयागराज यात्रा के दौरान पूरे महाकुंभ में सुरक्षा एकदम हाइ अलर्ट पर थी। चारों ओर सेना और राष्ट्रपति की सुरक्षा में लगे जवान ही दिखाई दे रहे थे।

हनुमान मंदिर में दर्शन के बाद श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने महाकुंभ के डिजिटल अनुभूति केंद्र का भी दौरा किया।

President murmu takes holy dip at sangam

8 घंटे तक रहीं प्रयागराज में

प्राप्त जानकारी के मुताबिक अपनी इस ऐतिहासिक यात्रा के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू महाकुंभ में 8 घंटे तक रहीं। संगम स्नान के अलावा अक्षयवट दर्शन के साथ उन्होंने हर व्यवस्था को देखा। संगम में जेटी से यात्रा के दौरान उन्होंने सीएम योगी, राज्यपाल सहित पक्षियों को दाना भी खिलाया।


पवित्र स्नान और मंदिर दर्शन के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बेहद अभिभूत दिखाई दी। हालांकि राष्ट्रपति की इस यात्रा के कारण आम नागरिकों को कई जगहों पर रोकना भी पड़ गया। वहीं प्रयागराज से बाहर के रास्तों पर अभी भी जाम की स्थिति बनी हुई है।


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Prayagraj Maha Kumbh Mela 2025: आखिर क्यों प्रयागराज में ही लगता है महाकुंभ मेला।

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Prayagraj Maha Kumbh Mela 2025: महाकुंभ मेले का सभी को बेसब्री से इंतजार रहता है। लगभग 45 दिनों तक चलने वाले महाकुंभ का आयोजन उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में किया जाता है। वही इस बार भी महाकुंभ का मेला साल 2025 में आयोजन होने वाला है। महाकुंभ मेले में लाखों संख्या में साधु और संत शामिल होते हैं।

Prayagraj maha kumbh mela 2025

मान्यता है कि महाकुंभ में शाही स्नान करने से व्यक्ति को सभी पापों से छुटकारा मिलता है। और जीवन में खुशियों का आगमन होता है। वैदिक पंचांगों के हिसाब से हर 12 साल बाद पौष मास की पूर्णिमा तिथि के दिन प्रयागराज में महाकुंभ मेला आयोजित किया जाता है, जो महाशिवरात्रि तक चलता है।

वही इस साल महाकुंभ मेले का आरंभ 13 जनवरी 2025 से होने वाला है और इसका समापन 26 फरवरी 2025 को होगा। अब ऐसे में सवाल ये है कि महाकुंभ मेले का आयोजन हमेशा प्रयागराज में ही क्यों होता है। तो आईए जानते हैं कि महाकुंभ मेला प्रयागराज में ही क्यों होता है।

Prayagraj Maha Kumbh Mela 2025: प्रयागराज में ही क्यों लगता है महाकुंभ

Prayagraj maha kumbh mela 2025

पौराणिक मान्यता अनुसार कुंभ मेले की शुरुआत की कथा समुद्र मंथन से जुड़ी है कथा के अनुसार जब देवताओं और असुरों ने अमृत के लिए समुद्र मंथन किया तो उस मंथन से अमृत का घट निकला अमृत को पाने के लिए देवताओं और असुरों के बीच युद्ध छिड़ गया जिसके चलते भगवान विष्णु ने अपने वाहन गरुड़ को अमृत की घड़े की सुरक्षा सौंप दी गरुड़ जब अमृत को लेकर उड़ रहे थे।

तब अमृत की कुछ बंदे चार स्थान प्रयागराज, हरिद्वार,उज्जैन और नासिक में गिर गई। तभी से कुंभ के मेले का आयोजनों इन चारों स्थान पर होने लगा।

देवताओं और असुरों में हुआ था युद्ध

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मान्यता है कि देवताओं असुरों के बीच 12 दिवसीय युद्ध था। जो मानव वर्षों के लिए 12 साल के बराबर है इसलिए हर 12 साल में महाकुंभ मेला का आयोजन होता है। अब प्रयागराज में ही गंगा, यमुना और सरस्वती नदी का संगम है जिसके कारण ये स्थान अन्य जगहों की तुलना में अधिक महत्वपूर्ण है इसे तीर्थराज भी कहते हैं। सरस्वती नदी विलुप्त हो चुकी है लेकिन ये पवित्र नदी अभी भी पृथ्वी के धरातल पर बहती ही है।

कहा जाता है कि प्रयागराज कलयुग के समय को दर्शाती है कि कलयुग का अंत होने में अभी कितना समय शेष है इसलिए कहा जाता है कि इन तीनों नदियों के संगम में जो व्यक्ति शाही स्नान करता है उसे मृत्यु के बाद मोक्ष की ही प्राप्ति होती है ।और यही कारण है कि प्रयागराज में इसकी महत्व अधिक बढ़ जाती है।

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