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Mokshada Ekadashi 2024 Paran Timing: मोक्षदा एकादशी को कितने बजे करें पारण ,व्रत क्या खाकर खोले जानें व्रत खोलने का सही समय एकादशी या द्वादशी।

Mokshada ekadashi 2024 paran timing

Mokshada Ekadashi 2024 Paran Timing: पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष में आने वाली एकादशी को मोक्षदा एकादशी कहा जाता है। ये तिथि भगवान विष्णु की सबसे प्रिय तिथि है। इस दिन निराहार रहकर भगवान विष्णु का पूजन किया जाता है। मान्यता है कि इस दिन व्रत उपवास दान करने से कई जन्मों के पाप कर्म नष्ट होकर मोक्ष की प्राप्ति होती है।

Mokshada ekadashi 2024 paran timing

शास्त्रों के अनुसार आप कोई भी व्रत करते हैं तो उसे पूरे विधि विधान से करना चाहिए और व्रत का पारण अवश्य करना चाहिए। तभी आपको व्रत का पुण्य प्राप्त होता है आईए जानते हैं साल 2024 में मोक्षदा एकादशी व्रत का पारण,कब ,कैसे किस समय क्या खाकर करें और क्या दान करें।

Mokshada Ekadashi 2024 Paran Timing: मोक्षदा एकादशी व्रत खोलने का सही समय।

मोक्षदा एकादशी व्रत 11 दिसंबर दिन बुधवार को है एकादशी के व्रत के पारण का विशेष महत्व होता है । पारण के बाद ही व्रत पूर्ण माना जाता है साल 2024 में मोक्षदा एकादशी व्रत का पारण 12 दिसंबर सुबह 7:05 मिनट से सुबह 9 मिनट तक किया जाएगा। पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय रात 10:26 मिनट तक है।

व्रत क्या खाकर खोलें।

Mokshada ekadashi 2024 paran timing

एकादशी व्रत का पारण कैसे करना चाहिए और क्या खाकर करना शुभ होता है। तो देखिए एकादशी का पारण द्वादशी तिथि को किया जाता है। इस दिन पारण का शुभ मुहूर्त देखकर पारण करें। व्रत के पारण वाले दिन प्रातः काल उठकर सभी कामों से निवृत्ति हो जाए और गंगाजल मिले जल से स्नान करें।

अब तांबे के लोटे में जल लेकर सूर्य देव को ओम सूर्याय नमः मंत्र का जाप करते हुए अर्घ्य दें इसके बाद पुनः भगवान विष्णु की विधिवत पूजा भोग लगाए पूजा करने के बाद अपनी समर्थ अनुसार जल, फल ,वस्त्र, अनाज आदि कुछ ना कुछ दान अवश्य करें। इसके बाद प्रसाद स्वरूप जल पीकर तुलसी का पत्ता फल या फिर भोग लगाया हुआ चरणामृत ग्रहण कर व्रत खोलना चाहिए।

व्रत कब खोलें एकादशी या द्वादशी।

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अब बात आती है की व्रत का पारण कब करना चाहिए या व्रत कब खोलना चाहिए तो शास्त्रों के अनुसार एकादशी व्रत का पारण या व्रत खोलने की विधि द्वादशी तिथि में की जाती हैं। हालांकि एकादशी व्रत का दान आप एकादशी है द्वादशी दोनों तिथियां में कर सकते हैं।

लेकिन व्रत द्वादशी के दिन ही खोला जाता है ध्यान रखें की द्वादशी तिथि की पहली एक चौथी अवधि को हरि वासर कहा जाता है इस दौरान एकादशी का पारण करना अशुभ माना जाता है।

क्या दान करें।

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धार्मिक मान्यता के अनुसार एकादशी के दिन दान करने का भी विधान है ऐसा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं। और धन की तिजोरी कभी भी खाली नहीं होती है। तो चलिए आपको बताते हैं कि मोक्षदा एकादशी के दिन किन चीजों का दान करना चाहिए।

1.अन्न का दान करें- मोक्षदा एकादशी के दिन अन्न का दान करने का विधान है।इस दिन गरीब लोगों को अन्न का दान करें। माना जाता है कि ऐसा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं।इस दिन आप मक्का,गेहूं या किसी भी खाने की चीज का दान कर सकते हैं।

2.पीले वस्त्र-जगत के पालनहार एकादशी के दिन भगवान विष्णु को पिला वस्त्र दान करना बेहद शुभ माना जाता हैं।वही ठंड के महीने में आप ऊनी कपड़े का दान करें तो ज्यादा शुभ होगा।

3.सरसों का तेल-मोक्षदा एकादशी में सरसों का तेल दान करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं और साधक को जीवन के परेशानियों से छुटकारा मिलता हैं।

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Mokshada Ekadashi 2024 Date: मोक्षदा एकादसी कब हैं ,जाने मुहूर्त ,पूजा विधि,साथ ही इस दिन क्या करें क्या ना करें

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Mokshada Ekadashi 2024 Date: मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन मोक्षदा एकादशी का व्रत किया जाता है। इसे गुरुवायुर एकादशी भी कहते हैं। इसी दिन गीता जयंती भी मनाई जाती है यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है। धार्मिक मान्यता अनुसार इस दिन भगवान कृष्ण ने अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था।

Mokshada ekadashi 2024 date

 

इस व्रत के प्रभाव से मनुष्य के पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होकर कर्मों के बंधन से मुक्ति मिलती है। आईए जानते हैं इस बार मोक्षदा एकादशी व्रत कब है और इसकी मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में

Mokshada Ekadashi 2024 Date: मोक्षदा एकादशी मुहूर्त 2024

11 दिसंबर 2024 दिन बुधवार

एकादशी तिथि शुरू = 11 दिसंबर सुबह 3:52 मिनट।

एकादशी तिथि का समापन = 12 दिसंबर सुबह 1:09 मिनट पर।

व्रत का पारण समय =12 दिसंबर सुबह 7:05 मिनट से सुबह 09:09 मिनट तक।

पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय रात 10:26 मिनट पर।

मोक्षदा एकादशी पूजा विधि।

Mokshada ekadashi 2024 date

मोक्षदा एकादशी व्रत का पालन 1 दिन पहले यानी दशमी तिथि से शुरू करें। दशमी की रात में सात्विक भोजन ग्रहण करें फिर अगले दिन एकादशी को सुबह उठकर स्नान करें एकादशी व्रत का संकल्प लें। अब एक साफ चौकी पर भगवान विष्णु जी की प्रतिमा को पंचामृत से स्नान कराकर स्थापित करें। फिर प्रतिमा के सामने धूप, दीप जलाकर उनकी आराधना करें।

पूजा में विष्णु जी को पीले फल फूल व नैवेद्य अर्पित करें। भगवान विष्णु जी की पूजा तुलसी के बिना अधूरी माने जाते हैं ।इसलिए पूजा में उन्हें तुलसी दल या तुलसी पत्र जरूर अर्पण करें। ताकि आपको श्री हरि विष्णु जी की अनुकंपा प्राप्त हो सके। अगले दिन यानी की द्वादशी को व्रत का पारण करने के बाद दान दक्षिणा देकर व्रत संपन्न करें।

मोक्षदा एकादशी के नियम

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मोक्षदा एकादशी में एक दिन पहले ही शाम सूर्यास्त के बाद भोजन न करें ।रात में भगवान का ध्यान करके ही सोए या मंत्र जाप करके सोए ।एकादशी का व्रत रखे हैं तो मन शांत और स्थिर रखें गुस्से या बदले की भावना मन में ना लाएं।

इस दिन भूल कर भी किसी की बुराई ना करें मोक्षदा एकादशी के दिन भोजन ग्रहण न करें। शाम की पूजा के बाद फल खा सकते हैं ।मोक्षदा एकादशी का व्रत ना रखे तो भी कम से कम चावल से परहेज करें।

इस दिन रात के समय जागरण जरूर करें। भजन कीर्तन करें फिर द्वादशी के दिन ब्राह्मण को भोजन करवाने के बाद ही खाना खाए।

Mokshada Ekadashi 2024 क्या खाकर करें पारण।

एकादशी पारण द्वादशी तिथि को सूर्योदय के बाद किया जाता है। पारण के दिन श्री हरि विष्णु जी का पूजन करने के बाद ही पारण करना चाहिए। एकादशी व्रत के दिन चावल खाना वर्जित होता है लेकिन द्वादशी के दिन चावल खाना उत्तम माना जाता है।

धार्मिक पुराणों के अनुसार एकादशी व्रत के पारण पर चावल का सेवन करना चाहिए। एकादशी व्रत का पारण आंवला खाकर भी किया जाता है। ऐसा करने से व्यक्ति को अखंड सौभाग्य आरोग्य और संतान सुख की प्राप्ति होती है।हालांकि इस बात का ध्यान रखें कि पारण के दिन तामसिक चीजों का सेवन न करें।

Mokshada Ekadashi 2024 पर भूलकर भी ना करें ये गलतियां, नहीं मिलेगा व्रत का फल।

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1. शास्त्रों के अनुसार,एकादशी के पवित्र दिन पर किसी भी पेड़ या पौधे के फूल और पेड़ नहीं तोड़ने चाहिए। जगत के पालनकर्ता भगवान विष्णु की पूजा में यदि फूल और तुलसी के पत्ते चढ़ाने हो तो उन्हें एक दिन पहले ही तोड़कर रख लेना चाहिए।

2. एकादशी के दिन अपने क्रोध को शांत रखना चाहिए। साथ ही इस दिन किसी से भी झूठ नहीं बोलना चाहिए। इसके अलावा इस दिन सुबह जल्दी उठ जाना चाहिए और दिन में सोना नहीं चाहिए

3. एकादशी के दिन चावल का सेवन नहीं करना चाहिए।मान्यता है, कि इस दिन चावल खाने से मनुष्य का जन्म सरीसृप योनि में होता है। इसके अलावा इस दिन जौ ,मसूर की दाल , बैंगन और सेम भी नहीं खाना चाहिए।

4. एकादशी के दिन मांस, शराब,प्याज,लहसुन आदि तामसिक चीजों से दूर रहना चाहिए। साथ ही इस दिन किसी अन्य व्यक्ति का दिया हुआ भोजन भी स्वीकार नहीं करना चाहिए। मान्यता है ,कि इससे पुण्य नष्ट हो जाते हैं।

5.मोक्षदा एकादशी में व्रत का पारण भी नियम पूर्वक करना बहुत जरूरी है। सही समय पर पारण के बाद ही व्रत पूर्ण माना जाता है। एकादशी से अगले दिन भगवान विष्णु की पूजा और दान के बाद व्रत पारण करें।

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