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Makar Sankranti At Gorakhnath Temple- सीएम योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर में खिचड़ी चढ़ाकर मंगल कामना की

Makar sankranti at gorakhnath temple

Makar Sankranti At Gorakhnath Temple- भारत में मकर संक्रांति का पर्व हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के गोरखनाथ मंदिर में खिचड़ी चढ़ाने की परंपरा युगों पुरानी है।

मकर संक्रांति के इस पावन अवसर पर उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने गृह जनपद गोरखपुर में स्थित गुरु गोरखनाथ मंदिर में पुण्य काल में खिचड़ी चढ़ा कर सभी के लिए मंगल कामना की।

Makar Sankranti At Gorakhnath Temple- सीएम योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर में खिचड़ी चढ़ाई

Makar sankranti at gorakhnath temple

पुण्य काल में चढ़ाई पहली खिचड़ी

प्राप्त जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री और गोरक्षनाथ मंदिर के पीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में 4 बजे के लगभग बाबा गोरखनाथ को पहली खिचड़ी चढ़ाई। पारंपरिक वेशभूषा पहने योगी आदित्यनाथ ने सबसे पहले बाबा गोरखनाथ को भोग लगाया। उसके बाद पूजा करते हुए मंगल आरती की। इस दौरान मंदिर के अन्य संत भी मौजूद थे।

सभी को दी शुभकामनाएं

बाबा गोरखनाथ की पूजा अर्चना करने के बाद योगी जी ने अपने गुरु महंत अवैद्यनाथ और महंत गुरु दिग्विजयनाथ की समाधि पर जाकर पुष्प चढ़ाए। इसके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने समस्त देशवासियों को मकर संक्रांति के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं दी।

नेपाल के शाही परिवार की खिचड़ी भी चढ़ाई गई

योगी आदित्यनाथ ने जैसे ही बाबा गोरखनाथ को खिचड़ी चढ़ाई, उसके बाद नेपाल के शाही परिवार से आई खिचड़ी का भोग भी बाबा गोरखनाथ को लगाया गया। कई पीढ़ियों से चली आ रही इस परंपरा को हर साल पूरा किया जाता है। इसके बाद मंदिर के कपट दूर क्षेत्रों से खिचड़ी चढ़ाने आए श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए।

लगी है श्रद्धालुओं की भारी भीड़

आपको बताते चलें कि गोरखनाथ मंदिर में मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी चढ़ाने की पवित्र परंपरा सदियों पुरानी बताई जाती है। इस दौरान दूर दूर से हजारों की संख्या में श्रद्धालु गोरखनाथ बाबा के दर्शन करने और खिचड़ी चढ़ाने आते हैं।

इस दौरान एक दिन पहले रात से ही मंदिर के पास श्रद्धालुओं की लंबी लाइन देखी जा सकती है। भगवान सूर्य के प्रति आस्था से जुड़े इस पावन पर्व पर भक्तों की भारी भीड़ मंदिर परिसर में लगी हुई है।

शुरू हो गया महाकुंभ का अमृत स्नान

गोरखनाथ मंदिर में बाबा को खिचड़ी चढ़ाने के बाद मीडिया से बातचीत में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मकर संक्रांति के पर्व के साथ ही प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ का अमृत स्नान शुरू हो गया है। इस दौरान लाखों की संख्या में श्रद्धालु संगम तट पर पवित्र स्नान कर रहे हैं। अब तक देश विदेश से लाखों की संख्या में आए श्रद्धालु संगम में पवित्र स्नान कर चुके हैं।


सीएम योगी ने सभी से मंदिर और तीर्थस्थलों को साफ और स्वच्छ रखने में सहयोग देने की अपील करते हुए सभी को मकर संक्रांति के पवित्र पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं दी। आपको भी TheRapidKhabar टीम की तरफ से मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं !!


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Happy Makar Sankranti 2025: मकर संक्रांति को खिचड़ी पर्व क्यों कहा जाता है ,जाने इस दिन पतंग क्यों उड़ाई जाती हैं।

Happy makar sankranti 2025

Happy Makar Sankranti 2025: जब कोई ग्रह एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है तो उसे राशि परिवर्तन कहा जाता है। जिसका प्रभाव सभी 12 राशियों पर पड़ता है लेकिन ग्रहण के राजा सूर्य धनु राशि से निकलकर जब मकर राशि में प्रवेश करते हैं।

तो इस दिन को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है और इसलिए इसे मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है। लेकिन कई जगहों पर इसे खिचड़ी पर्व भी कहा जाता है इसके पीछे की धार्मिक मान्यता क्या है आइए जानते हैं।

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Happy Makar Sankranti 2025: मकर संक्रांति को खिचड़ी पर्व क्यों कहा जाता है?

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मकर संक्रांति हिंदू धर्म का प्रमुख पर्व है, जो सूर्य के मकर राशि में प्रवेश और उत्तरायण होने का प्रतीक है। इस दिन से शुभ कार्यों की शुरुआत होती है। पर्व पर स्नान, दान, और खिचड़ी का विशेष महत्व है।

पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन सूर्य देव अपने पुत्र शनिदेव के घर जाते हैं, जिसे पिता-पुत्र के मिलन का प्रतीक माना जाता है। खिचड़ी में उपयोग होने वाली सामग्री का धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व है, जैसे उड़द की दाल शनिदेव से, चावल चंद्रमा से, हल्दी गुरु से, और घी सूर्य से जुड़ा है।

भारत में यह त्योहार विभिन्न नामों और रूपों में मनाया जाता है, जैसे उत्तर भारत में खिचड़ी पर्व, दक्षिण में पोंगल, और असम में बिहू। तिल, गुड़, खिचड़ी और वस्त्रों का दान पुण्यकारी माना जाता है। मकर संक्रांति न केवल धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि समाज में सेवा, सहयोग और सकारात्मकता का संदेश भी देती है।

मकर संक्रांति पर क्यों है पतंग उड़ाने की परंपरा?

Happy makar sankranti 2025

धार्मिक मान्यता की बात की जाए तो इसके पीछे एक पौराणिक कथा है, जिसके अनुसार मकर संक्रांति के दिन भगवान राम ने आकाश में पतंग उड़ाई थी यही कारण है कि इस दिन मकर संक्रांति पर पतंग उड़ाई जाती है इससे अलग ये भी कहा जाता है कि भगवान राम द्वारा उड़ाए गए पतंग इंद्रलोक चले गए थे। ऐसे में इस दिन पतंग उड़ाने की प्रथा शुरू हो गई थी।

वहीं अगर वैज्ञानिक मान्यताओं की बात की जाए तो मकर संक्रांति के दिन यदि पतंग उड़ाई जाए तो इससे व्यक्ति को सूर्य से शक्ति प्राप्त होती है। ऐसा इसलिए क्योंकि सर्दियों में सूर्य की रोशनी सेहत के लिए उपयोगी होती है इससे पतंग उड़ाते वक्त न केवल दिमाग का इस्तेमाल होता है बल्कि व्यक्ति शरीर और हाथ का भी इस्तेमाल करता है। ऐसे में व्यायाम हो जाता है ऐसा करना स्वास्थ्य के लिए अच्छा है।

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Makar Sankranti 2025 Muhurat: कब हैं मकर संक्रांति?