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Mahakumbh Basant Panchami Amrit Snan 2025- बसंत पंचमी पर संगम में साधुओं के साथ करोड़ों ने किया अमृत स्नान

Basant panchami snan scaled

Mahakumbh Basant Panchami Amrit Snan- प्रयागराज महाकुंभ में बसंत पंचमी के पवित्र अमृत स्नान के लिए भक्तों की भारी भीड़ रात से ही संगम तट पर जुटी हुई है। विभिन्न अखाड़ों के साधुओं ने भी संगम में पवित्र अमृत के साथ भव्य जुलूस निकाला।

संगम में स्नान के लिए जाते हुए नागा साधु सबके आकर्षण का मुख्य केंद्र रहे। समाचार लिखे जाने तक सभी अखाड़ों ने संगम में अमृत स्नान कर लिया है। अभी भी श्रद्धालु संगम में स्नान कर रहे हैं। अब तक सिर्फ बसंत पंचमी के अमृत स्नान पर ही करीब 1.7 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु संगम में स्नान कर चुके हैं।

Mahakumbh Basant Panchami Amrit Snan- बसंत पंचमी पर संगम में साधुओं के साथ करोड़ों ने किया अमृत स्नान

Mahakumbh basant panchami amrit snan

अखाड़ों ने संगम पर किया पवित्र स्नान

सुबह से ही विभिन्न अखाड़ों के साधुओं ने बारी बारी से संगम में पवित्र स्नान किया। इस दौरान अखाड़ों का जुलूस लोगो के आकर्षण का मुख्य केंद्र रहा। जुलूस के दौरान नागा साधुओं ने जहां अस्त्र शस्त्र का अदभुत प्रदर्शन किया तो विभिन्न अखाड़ों की साध्वियों ने भी भगवा वस्त्र और काले चश्मे के साथ संगम में स्नान किया।


विभिन्न अखाड़ों के साधुओं के स्नान के दौरान ही अखाड़ों के महामंडलेश्वर ने भी संगम में पवित्र स्नान किया। सभी अखाड़ों ने बारी बारी से अपने शिविर से निकलकर भव्य जुलूस के साथ संगम में स्नान किया।

लोगों की उमड़ी भीड़

प्रशासन की चुस्त सुरक्षा व्यवस्था के बीच प्रयागराज महाकुंभ में संगम पर बसंत पंचमी के स्नान पर विदेशी सैलानियों के साथ श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा। संगम क्षेत्र में चारों ओर हर हर महादेव और जय श्री राम का ही उद्घोष सुनाई दे रहा था।

Mahakumbh basant panchami amrit snan

बसंत पंचमी के इस अमृत स्नान पर हजारों की संख्या में विदेशी सैलानियों ने भी संगम में डुबकी लगाई। इस दौरान मेला क्षेत्र में किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए पुलिस की टीम पूरी तरह से मुस्तैद दिखाई दी।

 

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सीएम योगी सुबह से ही ले रहे जायजा

मौनी अमावस्या पर मची भगदड़ के कारण बसंत पंचमी के इस अमृत स्नान पर सुरक्षा व्यवस्था को खुद सीएम योगी आदित्यनाथ देख रहे हैं।

 

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प्राप्त जानकारी के अनुसार भोर में 3 बजे से ही सीएम संगम क्षेत्र की पूरी व्यवस्था को लखनऊ स्थित वॉर रूम से देख रहे हैं। वे पल पल की खबर अधिकारियों से ले रहे हैं और उचित निर्देश भी दे रहे हैं जिससे किसी भी श्रद्धालु को कोई परेशानी ना हो।

करोड़ों लोग कर चुके हैं स्नान

समाचार लिखे जाने तक सभी अखाड़ों के साथ साथ तकरीबन 1.7 करोड़ लोगों से भी ज्यादा के स्नान करने की खबर है। सूत्रों के मुताबिक 13 जनवरी से 2 फरवरी तक 35 करोड़ लोगों ने संगम में स्नान किया है जोकि अपने आप में एक रिकॉर्ड है।

कड़ी सुरक्षा व्यवस्था

इस बीच मेला प्रशासन और सीएम योगी की देखरेख में सुरक्षा व्यवस्था के कड़े और पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। लोगों के आने और जाने वाले मार्गों पर पुलिस की निगरानी के साथ ड्रोन कैमरों से भी निगरानी की जा रही है।


बसंत पंचमी के अमृत स्नान के दिन ही लगभग 3 करोड़ लोगों के स्नान करने की उम्मीद जताई जा रही है। श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा ना हो, इसके लिए सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है। लोगों के खाने पीने, यात्रा के लिए उचित इंतजाम किए जा रहे हैं।


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Prayagraaj Mahakumbh 2025 Interesting Facts: प्रयागराज में लगने वाले महाकुंभ से जुड़े कुछ रोचक और अद्भुत तथ्य, जानकर हो जायेंगे हैरान

Mahakumbh 2025 interesting facts

Mahakumbh 2025 Interesting Facts: 12 सालों में एक बार लगने वाला अति पवित्र और करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का प्रतीक महाकुंभ इस बार प्रयागराज में जनवरी से लग रहा है। प्रयागराज महाकुंभ 2025 में विभिन्न अखाड़ों के साधु और संन्यासियों के अलावा लाखों श्रद्धालु शामिल होते हैं।

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देश विदेश से टूरिस्टों के आने और लाखों हिंदुओं की आस्था और भक्ति के प्रतीक महाकुंभ का भव्य आयोजन करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार कोई भी कसर बाकी नहीं रखना चाहती। ऐसे में हम सभी को महाकुंभ से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों को जरूर जानना चाहिए।

Prayagraaj Mahakumbh 2025 Interesting Facts: महाकुंभ से जुड़े अनोखे तथ्य जो आपको कर देंगे हैरान

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12 साल लंबा इंतजार

आपको बता दें कि महाकुंभ में विभिन्न अखाड़ों के साधुओं के अलावा देश के कोने कोने से लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ पवित्र स्नान करने आती है। सनातन संस्कृति में ऐसी मान्यता है कि प्रयागराज में लगने वाले महाकुंभ में स्नान करने से कई प्रकार के पापों का नाश होता है।

 

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महाकुंभ में शामिल होने वाले साधुओं और संन्यासियों के लिए विशेष शाही स्नान का आयोजन किया जाता है। इसमें अलग अलग अखाड़ों के साधू संगम में पवित्र स्नान करते हैं।

12 साल पर लगने वाले महाकुंभ के पवित्र स्नान के लिए कई अखाड़ों के साधु लंबा इंतजार भी करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि नागा साधु सिर्फ कुंभ और महाकुंभ में ही स्नान करते हैं। अपनी साधना के दौरान वे नजर नहीं आते और गुफाओं में कठोर तप करते हैं।

पवित्र आयोजन स्थल

हिंदू धर्म में वर्णित समुद्र मंथन की कहानी के अनुसार जब देवता और असुर अमृत कलश के लिए समुद्र मंथन कर रहे थे तो अमृत कलश की कुछ बूंदें पृथ्वी के चार पवित्र स्थानों पर गिरी थी। ये स्थान प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक हैं। इन चारों ही पवित्र स्थानों पर हर 4 साल में कुंभ मेले का भव्य आयोजन किया जाता है।

 

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वहीं महाकुंभ की बात करें तो यह मान्यता है कि बृहस्पति ग्रह हर 12 वर्षों पर सूर्य का एक चक्कर पूरा करता है, इसलिए महाकुंभ भी हर 12 वर्षों पर ही लगता है। एक मान्यता यह भी है कि जब देवता और असुर अमृत कलश के लिए समुद्र मंथन कर रहे थे तो लगातार 12 दिनों के बाद समुद्र से अमृत कलश निकला।

इसके बाद से ही महाकुंभ हर 12 साल पर मनाया जाने लगा। ज्योतिषीय मान्यता के अनुसार जब बृहस्पति ग्रह वृषभ राशि में और सूर्य मकर राशि में होते हैं, तभी महाकुंभ का आयोजन होता है।

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शामिल होते है सभी अखाड़े

कुंभ और महाकुंभ दोनों में ही जगद्गुरु आदि शंकराचार्य द्वारा धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए बनाए गए 13 अखाड़ों के साधु और संन्यासी शामिल होते हैं। इन साधु – संन्यासियों को देखने लोग भारत के कोने से ही नहीं बल्कि विदेशों से भी आते हैं।

आदि शंकराचार्य ने इन 13 अखाड़ों की स्थापना उस समय की थी, जब भारत में बौद्ध धर्म तेजी से फैल रहा था। अखाड़ों को सिर्फ धर्म की रक्षा के लिए ही नहीं बनाया गया बल्कि इसमें नागा साधुओं को भी शामिल किया गया।

 

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एक तरफ जहां अन्य अखाड़ों के साधुओं को शास्त्र की शिक्षा दी जाती थी तो नागा साधुओं को शास्त्र के साथ साथ शस्त्र चलाने की भी शिक्षा दी गई। इसके कारण ही प्राचीन भारत में बौद्ध धर्म के अलावा धर्मांतरण फैल नहीं पाया। जिन 13 अखाड़ों की स्थापना की गई, उनके नाम निम्न हैं;

  • जूना अखाड़ा
  • निरंजनी अखाड़ा
  • महानिर्वाण अखाड़ा
  • अटल अखाड़ा
  • आह्वान अखाड़ा
  • आनंद अखाड़ा
  • पंचाग्नि अखाड़ा
  • नागपंथी गोरखनाथ अखाड़ा
  • वैष्णव अखाड़ा
  • उदासीन अखाड़ा
  • निर्मल अखाड़ा
  • निर्मोही अखाड़ा
  • उदासीन पंचायती बड़ा अखाड़ा

अखाड़ों का अलग कार्य

जगद्गुरु आदि शंकराचार्य ने सभी अखाड़ों के साधुओं और संन्यासियों के लिए अलग अलग कार्य निर्धारित किए थे। ये सभी अखाड़े समाज में एकता और अखंडता बनाए रखने के लिए अपने अपने कार्यों का निर्वाह करते आ रहे हैं। इन अखाड़ों में शामिल होने के लिए बहुत ही कठिन साधना से गुजरना पड़ता है। ये कोई आसान कार्य नहीं है।

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शाही स्नान का आयोजन

प्रयागराज महाकुंभ में ही नहीं बल्कि कुंभ में भी सभी अखाड़ों के संतों के लिए शाही स्नान का विशेष आयोजन किया जाता है। इस शाही स्नान में सभी अखाड़ों के साधु स्नान करते हैं। इस दौरान लाखों साधु और संतों को एक साथ संगम पर देखना बहुत ही दुर्लभ और सौभाग्य की बात होती है। इस बार प्रयागराज महाकुंभ में शाही स्नान की निम्न तिथियां निर्धारित की गई हैं –

  1. पहला शाही स्नान – पौष पूर्णिमा – 13 जनवरी 2025
  2. दूसरा शाही स्नान – मकर संक्रांति – 14 जनवरी 2025
  3. तीसरा शाही स्नान – मौनी अमावस्या – 29 जनवरी 2025
  4. चौथा शाही स्नान – बसंत पंचमी – 3 फरवरी 2025
  5. पांचवां शाही स्नान – माघ पूर्णिमा – 12 फरवरी 2025
  6. आखिरी शाही स्नान – महाशिवरात्रि – 26 फरवरी 2025

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मोक्ष की प्राप्ति होना

प्राचीन हिंदू धर्मग्रंथों के अलावा अखाड़ों के साधुओं के अनुसार जो भी महाकुंभ में संगम में पवित्र स्नान करता है, उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। मोक्ष एक ऐसी अवस्था है जहां सभी प्रकार की मोह माया का त्याग होता है और सिर्फ परमार्थ मार्ग यानि ईश्वर की आराधना में ही तन और मन लग जाता है। इस अवस्था में आने के लिए वर्षों तक कठिन तप साधना करनी पड़ती है।

 

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सरकार कर रही है विशेष इंतजाम

करोड़ों श्रद्धालुओं के साथ साथ लोगों को बेहतर सुविधा देने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार विशेष इंतजाम कर रही है। लोगों की आस्था को ध्यान में रखते हुए महाकुंभ 2025 में लोगों के रहने, भोजन करने के लिए हजारों स्वयंसेवी संगठनों के साथ मिलकर पूरी व्यवस्था की जा रही है।

इसके अलावा रेलवे भी देश के कोने कोने से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए विशेष ट्रेन चलाने के साथ ही टिकट फ्री करने पर भी विचार कर रही है। ट्रेन टिकट फ्री होने से महाकुंभ 2025 में आने वाले श्रद्धालुओं को काफी आराम होगी।

डिजिटल होगा इस बार का महाकुंभ

प्रदेश की योगी सरकार के मुताबिक इस बार महाकुंभ के आयोजन को पूरी तरह से डिजिटल किया जा रहा है। इसमें सरकार के पोर्टल से यात्री निवास बुकिंग, IRCTC की वेबसाइट से होटल की बुकिंग की सुविधा देने की कोशिश की जा रही है।

वहीं विशाल प्रयागराज महाकुंभ के चप्पे चप्पे पर हजारों सीसीटीवी से निगरानी की तैयारी को अंतिम रूप दिया जा रहा है। महाकुंभ में किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए प्रयागराज के अलावा आसपास के कई जिलों की पुलिस को तैनात किया जा रहा है।

 

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प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ का आयोजन बहुत विशाल होता है। करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु संगम क्षेत्र में आते हैं। ऐसे में प्रदेश सरकार के ऊपर इसके आयोजन का जिम्मा होता है। इसके लिए तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई हैं और अब धीरे धीरे प्रयागराज में अखाड़ों के साधु संतों का आना शुरू हो चुका है।


इमेज सोर्स: इंस्टाग्राम 

ऑफिसियल वेबसाइट: महाकुंभ

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