Kathak Legend Kumudini Lakhia Passes Away- डांस जगत की लोकप्रिय नृत्यांगना और कोरियोग्राफर कुमुदिनी लाखिया का निधन हो गया है। वह 95 वर्ष की थीं और गुजरात के अहमदाबाद में रहती थीं।
Kathak Legend Kumudini Lakhia Passes Away-प्रसिद्ध कथक नृत्यांगना कुमुदिनी लाखिया का निधन
कब हुआ निधन
अहमदाबाद में जन्मी और पली बढ़ी प्रख्यात नृत्यांगना कुमुदिनी लाखिया का निधन शनिवार सुबह करीब 11 बजे हुआ। उनके निधन की सूचना इंस्टीट्यूट कदंब: सेंटर फॉर डांस की तरफ से मिली।
कथक के साथ डांस को दी थी एक नई पहचान
पद्म विभूषण से सम्मानित और कथक के प्रति पूर्ण रूप से समर्पित नृत्यांगना ने डांस को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। कथक के लिए उन्होंने गुजरात में एक संस्थान की स्थापना भी की थी।
इसका नाम कदंब: सेंटर फॉर डांस रखा गया। यहां कथक के अलावा कई अन्य लोकप्रिय डांस को सिखाने का काम किया जाता है।
पद्म विभूषण के साथ कई पुरस्कारों से हुई थीं सम्मानित
मशहूर नृत्यांगना कुमुदिनी लाखिया को वर्ष 2024 में भारत सरकार ने पद्म विभूषण से सम्मानित किया था। इसके अलावा नृत्य के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए पद्म भूषण और पद्मश्री से भी सम्मानित किया जा चुका है।
शिष्यों में शोक की लहर
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कथक के प्रति जीवन समर्पित करने और डांस को हमेशा आगे बढ़ाने वाली कुमुदिनी लाखिया के निधन (Kathak Legend Kumudini Lakhia Passes Away) से उनके शिष्यों के साथ नृत्य जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। उनके पार्थिव शरीर को अहमदाबाद में उनके आवास पर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है।
पीएम मोदी सहित राष्ट्रपति ने जताया दुःख
Sad to learn about the passing away of eminent Kathak dancer Kumudini Lakhia Ji. Honoured with Padma Vibhushan, Padma Bhushan and Padma Shri, Lakhia ji trained and mentored numerous students through KADAMB Centre for Dance. She transformed the presentation of Kathak dance through…
— President of India (@rashtrapatibhvn) April 12, 2025
कोरियोग्राफर और नृत्यांगना कुमुदिनी लाखिया (Kathak Legend Kumudini Lakhia) के निधन पर पीएम मोदी सहित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी दुःख व्यक्त किया।
पीएम मोदी ने अपने एक्स अकाउंट पर पोस्ट करते हुए लिखा कि एक प्रख्यात और सांस्कृतिक विरासत को संभालने वाली नृत्यांगना कुमुदिनी जी के निधन से बहुत दुःख हो रहा है।
उन्होंने कथक के साथ साथ भारतीय शास्त्रीय नृत्य को सदैव आगे बढ़ाने का कार्य किया है। आने वाली पीढ़ी को उनके जीवन से बहुत कुछ सीख मिल सकती है। ऐसी विषम परिस्थिति में उनके परिवार, शिष्यों और शुभचिंतकों को भगवान संबल प्रदान करें। ॐ शांति।
Sad demise : અમદાવાદના જાણીતા કથક નૃત્યાંગના કુમુદિની લાખિયા પંચમહાભૂતમાં વિલીન#KumudiniLakhia #KathakDancer #IndianClassicalDance #Ahmedabad #RestInPeace #GujaratSamachar pic.twitter.com/XXFNTZh8gO
— Gujarat Samachar (@gujratsamachar) April 12, 2025
कैसे प्रसिद्ध हुई कुमुदिनी लाखिया
कथक को एक नई पहचान देने वाली कुमुदिनी लाखिया (Kathak Legend Kumudini Lakhia) का जन्म 1930 में गुजरात के अहमदाबाद में हुआ था। महज सात वर्ष की अवस्था से ही उन्होंने कथक सीखना शुरू कर दिया था।
उनको बीकानेर, बनारस, जयपुर के प्रसिद्ध गुरुओं ने कथक सिखाया। बाद में उन्होंने शंभु जी महाराज से भी कथक सीखा, जो उनकी कला को और भी बेहतर करने में सफल रहा।
कोरियोग्राफर के रूप में किया काम
प्रसिद्ध नृत्यांगना कुमुदिनी लाखिया ने कई फिल्मों में कोरियोग्राफर (Kumudini Lakhia Passes Away) की भी भूमिका निभाई।
शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में अपनी चमक बिखेरने के बाद बॉलीवुड की बेहद पॉपुलर फिल्म उमराव जान में बतौर कोरियोग्राफर भी उन्होंने काम किया। आज भी उमराव जान के डांस को लोग बहुत पसंद करते हैं।
इमेज: Twitter
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ब्लॉगिंग को पैशन की तरह फॉलो करने वाले आशीष की टेक्नोलॉजी, बिज़नेस, लाइफस्टाइल, ट्रैवेल और ट्रेंडिंग पोस्ट लिखने में काफी दिलचस्पी है।