Interesting Facts About Maa Saraswati: बसंत पंचमी, पंचमी तिथि को देवी सरस्वती के सम्मान में मनाया जाने वाला पर्व है, जो वसंत ऋतु के आगमन का भी प्रतीक है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, इस दिन मां सरस्वती की पूजा करने से ज्ञान, बुद्धि, और विवेक की प्राप्ति होती है।
हम आपको बताएंगे बसंत पंचमी के दिन पीला वस्त्र पहनना क्यों होता है बेहद शुभ इसके साथ ही मां सरस्वती से जुड़े कुछ रोचक तथ्य जो हर विद्यार्थी को जरूर पता होना चाहिए।
Interesting Facts About Maa Saraswati: जाने बसंत पंचमी पर क्यों पहना जाता है पीला वस्त्र?
बसंत पंचमी के दिन पीले रंग के वस्त्र धारण करना भी शुभ माना जाता है, क्योंकि पीला रंग मां सरस्वती का प्रिय रंग है। पीले वस्त्र पहनकर हम उनका सम्मान करते हैं और अपने जीवन में बुद्धि और ज्ञान का स्वागत करते हैं।
पीला रंग नई शुरुआत का प्रतीक है, और इस ऋतु में सरसों के लहलहाते खेत, पकती फसलें, और पीले फूलों की बहार जीवन में खुशहाली, समृद्धि, और सौभाग्य का संदेश देती है। यह रंग बिरंगी त्योहार हमारे जीवन में नई ऊर्जा और उल्लास का संचार करता है, और प्रकृति के साथ हमारे संबंधों को और भी गहरा बना देता है।
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जानिये माँ सरस्वती से जुड़े कुछ रोचक तथ्य
- क्या आप जानते हैं माँ सरस्वती को वेदों की माता कहा जाता है, ऐसा कहा जाता है कि वह भगवान ब्रह्मा के ज्ञान और बुद्धि का भंडार हैं।
- “सरस्वती” शब्द संस्कृत से लिया गया है जो दो शब्दों से मिलकर बना है सरस्” जिसका अर्थ है सार (ज्ञान) और वती जिसका अर्थ है धारक या स्वामिनी। इस प्रकार, “सरस्वती” का शाब्दिक अर्थ हुआ “जो सार या ज्ञान को” धारण करती है। माँ सरस्वती सरस्वती, लक्ष्मी और पार्वती की त्रिमूर्ति का हिस्सा हैं।
- मां सरस्वती जो वीणा धारण करती हैं वह न केवल उनके धन का प्रतीक है, बल्कि बुद्धि और विवेक का भी प्रतीक है।
- शास्त्रों के अनुसार मां सरस्वती जिस कमल पर विराजमान होती हैं उसे परम ज्ञान का प्रतीक माना जाता है।
- मां सरस्वती का महत्व वैदिक युग से लेकर आधुनिक काल तक हिंदू परंपराओं में है। ऋग्वेद में मां सरस्वती नदी और देवता दोनों रूपों में प्रकट होती हैं।
- माँ सरस्वती का एक और मंत्र गायत्री से भी प्रसिद्ध है। गायत्री भगवान सूर्य के तेज से इतनी आकर्षित हुईं कि उन्होंने स्वयं को ही विलीन कर दिया और सूर्य को समर्पित गायत्री मंत्र बन गईं।
- मां सरस्वती को समस्त ज्ञान, कला, विज्ञान, शिल्प और कौशल का स्वरूप माना जाता है। ज्ञान अज्ञान रूपी अंधकार का प्रतिकार है, इसलिए उन्हें शुद्ध श्वेत रंग में दर्शाया गया है।
- देवी सरस्वती को वसंत पंचमी (सरस्वती का जन्मदिन) पर याद किया जाता है, जो एक हिंदू त्योहार है, जो हर साल फरवरी के आसपास वसंत के 5 वें दिन मनाया जाता है। हिंदी भाषा में बसंत शब्द का अर्थ है वसंत और पंचमी का अर्थ है 5 वां दिन।
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