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INS Arighat to be Commissioned Today: भारत की दूसरी घातक परमाणु सबमरीन आईएनएस अरिघात आज होगी नौसेना में शामिल, जानें इसकी खासियत

Ins arighat to be commissioned today

INS Arighat to be Commissioned Today: भारतीय नौसेना लगातार अपनी ताकत में इजाफा कर रही है। विश्व के विभिन्न देशों में इस समय युद्ध की स्थिति के बीच भारतीय नौसेना द्वारा नए जंगी जहाजों, पनडुब्बियों और सैन्य सामानों को बेड़े में शामिल करना एक अच्छा कदम माना जा रहा है। इनमें रक्षा उपकरणों से सम्बंधित कई डील भी शामिल हैं। इसके अलावा भारत स्वदेश में ही जहाजों और पनडुब्बियों को तेजी से बना रहा है।

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डॉकयार्ड में आईएनएस अरिघात

इसी क्रम में भारतीय नौसेना में एक नई परमाणु पनडुब्बी शामिल होने जा रही है। इस पनडुब्बी का नाम आईएनएस अरिघात (INS ARIGHAT) है। स्वदेश में बनी इस परमाणु पनडुब्बी में कई खासियत हैं।

INS Arighat to be Commissioned Today: भारत की दूसरी परमाणु सबमरीन आईएनएस अरिघात आज होगी नौसेना में शामिल

विशाखापत्तनम में बनी INS ARIGHAT में है विशेष खूबियां

आईएनएस अरिघात को विशाखापत्तनम के नेवी शिप बिल्डिंग सेंटर में बनाया गया है। इस परमाणु पनडुब्बी को बनाने के बाद कई चरणों में इसकी टेस्टिंग की गयी है। इसके अलावा आईएनएस अरिघात कई मिसाइलों से लैस है जिनकी मारक क्षमता 750 किलोमीटर के करीब है।

बेहद खतरनाक हथियारों से लैस है आईएनएस अरिघात

इस पनडुब्बी में सोनार सिस्टम, टॉरपीडो ट्यूब और एक न्यूक्लियर रिएक्टर भी है जो आईएनएस अरिघात को दूसरी पनडुब्बियों के मुकाबले ज्यादा खतरनाक बनाता है। 100 मीटर से ज्यादा लम्बी इस पनडुब्बी में बेहद खतरनाक K-15 सागरिका सबमरीन बैलिस्टिक मिसाइलों को लगाया गया है। इन मिसाइलों की सबसे ख़ास बात यह है कि इनसे समुद्र के अंदर से ही 700 किलोमीटर से भी दूर किसी जगह पर हमला किया जा सकता है।

आईएनएस अरिहंत का अपग्रेडेड वर्ज़न

आईएनएस अरिघात को आईएनएस अरिहंत से कई मामलों में बेहतर और अपग्रेड तकनीक का इस्तेमाल करके बनाया गया है। इस पनडुब्बी को बनाने का काम वर्ष 2017 में शुरू किया गया था। उसके बाद से अभी तक नौसेना को कमीशन करने से पहले इसकी लगातार टेस्टिंग हो रही थी। फाइनल टेस्टिंग के बाद आज इसको नौसेना के युद्धक बेड़े में शामिल कर लिया जायेगा।


आईएनएस अरिघात की स्पीड समुद्र की सतह पर लगभग 12 से 15 नॉट्स और समुद्र की गहराई में 24 नॉट्स यानि लगभग 40 किलोमीटर से ज्यादा की बताई जा रही है। इसके अलावा लगभग 6 हजार टन वजनी इस पनडुब्बी की सबसे ख़ास बात है कि यह महीनों तक समुद्र के अंदर डूबी रह सकती है।

इसमें लगे परमाणु रिएक्टर से इसको अपनी बैटरियों को रिचार्ज करने के लिए हर दो से तीन दिन में सतह पर नहीं आना पड़ेगा। ये रिएक्टर ही बैटरियों को चार्ज करने का काम करेंगे जिससे आईएनएस अरिघात महीनों तक समुद्र की गहराइयों में डूबी रह सकती है।

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राजनाथ सिंह करेंगे नौसेना को कमीशन

विशाखापत्तनम में आयोजित नौसेना के कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और नौसेना के कई अधिकारियों के साथ दूसरी बेहद खतरनाक परमाणु पनडुब्बी आईएनएस अरिघात को आज नौसेना को सौपेंगे।


इमेज सोर्स: Twitter 

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