HMPV Virus Outbreak in India: चीन में व्यापक तबाही मचाने वाला ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) अब भारत में भी फैल चुका है। बेंगलुरु में इस वायरस का पहला मामला सामने आया, जहां आठ महीने की एक बच्ची संक्रमित पाई गई। भारत में अब तक HMPV के कुल 6 मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें कर्नाटक के बेंगलुरु में दो, गुजरात के अहमदाबाद में एक, कोलकाता में एक और चेन्नई में दो नए मामले शामिल हैं।
HMPV Virus Outbreak in India: कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले व्यक्तियों को कर रहा प्रभावित।
अमेरिका में HMPV का इलाज कर रहे डॉक्टर ने बताया कि यह वायरस कोई नया नहीं है, लेकिन इसकी बढ़ती संक्रामकता अगले पांच वर्षों में वैश्विक महामारी का कारण बन सकती है। चीन में इस वायरस ने कोविड-19 के समान संकट पैदा कर दिया है, जिससे अस्पतालों और श्मशानों में भीड़ बढ़ गई है।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने कर्नाटक और गुजरात में बच्चों में संक्रमण की पुष्टि की है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों को सतर्क रहने और आवश्यक सावधानियां बरतने की सलाह दी है ताकि इस वायरस के प्रसार को रोका जा सके।
अधिकतर मामलों में इसके लक्षण साधारण फ्लू जैसे होते हैं। हालांकि, यह कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों में अस्थमा या ब्रोंकाइटिस जैसी समस्याओं को ट्रिगर कर सकता है। यह वायरस खासतौर पर छोटे बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले व्यक्तियों को प्रभावित कर रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार HMPV में कुछ म्यूटेशन देखने को मिले हैं, लेकिन इसके घातक होने की आशंका कम है। हालांकि, HMPV में कोरोना जैसा असर फिलहाल देखने को नहीं मिल रहा। फिर भी इस वायरस के प्रसार पर नजर रखना और आवश्यक सावधानियां बरतना महत्वपूर्ण है।
जाने क्या है HMPV वायरस?
HMPV का पूरा नाम ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (Human Metapneumovirus) है। यह एक श्वसन तंत्र (Respiratory System) को प्रभावित करने वाला वायरस है, जिसे पहली बार 2001 में खोजा गया था। यह वायरस फ्लू जैसे लक्षण पैदा करता है और ज्यादातर बच्चों, बुजुर्गों, और कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले व्यक्तियों को प्रभावित करता है।
यह वायरस आमतौर पर फ्लू जैसे लक्षण पैदा करता है, जैसे कि नाक बहना, गले में खराश, खांसी और बुखार। गंभीर मामलों में यह सांस लेने में कठिनाई का कारण बन सकता है और अस्थमा या ब्रोंकाइटिस जैसी स्थितियों को ट्रिगर कर सकता है। HMPV खांसने या छींकने से निकलने वाले ड्रॉपलेट्स के जरिए फैलता है, और संक्रमित सतहों से भी इसे फैलने का खतरा रहता है।
हालांकि HMPV आमतौर पर हल्के लक्षण उत्पन्न करता है और यह घातक नहीं है, लेकिन यह कमजोर प्रतिरक्षा वाले व्यक्तियों में गंभीर समस्याएं उत्पन्न कर सकता है। बता दे की फिलहाल इसके लिए कोई विशिष्ट दवा या वैक्सीन उपलब्ध नहीं है, ऐसे में इस वायरस से बचने के लिए सतर्क रहना और सही स्वच्छता उपायों का पालन करना जरूरी है।
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