Hindenburg Research Shutting Down News- अपनी कई रिपोर्टों से भारत के स्टॉक एक्सचेंज पर और अदानी ग्रुप के लिए मुसीबत बनी हिंडनबर्ग रिसर्च कंपनी बंद हो रही है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक 20 जनवरी को डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका के राष्ट्रपति बनने से पहले कई बड़े बिजनेस को नुकसान पहुंचा चुकी हिंडनबर्ग रिसर्च को कंपनी के फाउंडर नॉथन एंडरसन ने बंद करने का ऐलान किया है।
Hindenburg Research Shutting Down News- बंद हो रही है हिंडनबर्ग रिसर्च कंपनी, जानें कौन हैं नॉथन एंडरसन
एक शॉर्ट सेलिंग कंपनी है हिंडनबर्ग
आपको बता दें कि हिंडनबर्ग एक शॉर्ट सेलिंग कंपनी है। यह अपने रिसर्च पेपरों के माध्यम से स्टॉक मार्केट की कई बड़ी कंपनियों के शेयरों की शॉर्ट सेलिंग करती है और अच्छा खासा पैसा कमाती है। हिंडनबर्ग रिसर्च की वजह से कई अच्छे बिज़नेस का लाखों का नुकसान भी हो चुका है। भारत में इस कंपनी ने विशेष रूप से अडानी के शेयरों को टारगेट किया हुआ था।
#Hindenburg shutting down. Adani continues with his business!! pic.twitter.com/EV2HPzebDJ
— The Thinking Hat 🇮🇳 (@ThinkinHashtag) January 16, 2025
कौन है हिंडनबर्ग के फाउंडर
हिंडनबर्ग रिसर्च के फाउंडर नॉथन एंडरसन हैं। नॉथन ने न्यूयॉर्क में इन्वेस्टमेंट और रिसर्च बेस्ड इस कंपनी की शुरुआत वर्ष 2017 में की थी। नॉथन एंडरसन की शुरुआती पढ़ाई कनेक्टिकट में हुई थी। कनेक्टिकट यूनिवर्सिटी से ही उन्होंने इंटरनेशनल बिजनेस की डिग्री हासिल की।
एक बिजनेस पॉडकास्ट के दौरान नॉथन ने बताया था कि उन्होंने कुछ समय तक इजराइल में भी काम किया था। बाद में न्यूयॉर्क आकर उन्होंने अपनी पहली कंपनी क्लेरिटीस्प्रिंग की शुरुआत की थी। हालांकि वह कंपनी ज्यादा नहीं चली।
शुरू किया हिंडनबर्ग को
पहली कंपनी के बंद होने के बाद एंडरसन ने दूसरी कंपनी हिंडनबर्ग की शुरुआत की। इसका मुख्य काम दुनिया की अलग अलग कंपनियों के लिए फोरेंसिक रिपोर्ट बनाना था। इस आधार पर वे बड़ी कंपनियों में हो रहे धोखाधड़ी को पकड़ते थे और बिजनेस को फायदा पहुंचाते थे।
हालांकि कुछ ही समय के बाद नॉथन एंडरसन की हिंडनबर्ग रिसर्च ने भारत के स्टॉक एक्सचेंज पर आधारित कई रिपोर्टों को पेश किया। इन रिपोर्ट्स में शेयर मार्केट में विशेष रूप से गौतम अडानी ग्रुप में हो रही हेर फेर का जिक्र किया गया था।
Markets need accountability, not chaos. Hindenburg claimed to expose fraud but left behind a trail of disruption. Their closure is just the beginning. #HindenburgShutDown pic.twitter.com/CNpxYdOS6M
— Sagar Mondal (@sagarmondal_7) January 16, 2025
इन रिपोर्ट्स के पब्लिक के बीच आने के बाद अडानी ग्रुप को भारी नुकसान उठाना पड़ा था। हालांकि इस कंपनी ने इसका फायदा उठाते हुए शेयरों की शॉर्ट सेलिंग की और करोड़ों का मुनाफा कमाया।
डोनाल्ड ट्रंप की वजह से हो रही है कंपनी बंद
अमेरिका में 20 जनवरी को डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति पद की शपथ लेने वाले हैं। वे एक बड़े बिजनेसमैन भी हैं। इसलिए यह बात तय है कि राष्ट्रपति बनते ही ट्रंप बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए कई बड़े फेरबदल कर सकते हैं। ट्रंप के साथ ही एलन मस्क भी बड़े बिजनेसमैन हैं।
वहीं हिंडनबर्ग रिसर्च पूरी दुनिया में सिर्फ बड़े बिजनेसमैन को ही टारगेट करती है। इस स्थिति में देखा जाय तो हिंडनबर्ग से ट्रंप और एलन मस्क दोनों को ही नुकसान हो सकता है। भारत में भी ये कंपनी भारी नुकसान करा चुकी है। ऐसे में कंपनी के फाउंडर नॉथन एंडरसन पर चारों तरफ से बहुत ज्यादा प्रेशर है।
एंडरसन ने किया अफवाहों से इनकार
हिंडनबर्ग रिसर्च के बंद होने की सही वजह तो सामने नहीं आई है लेकिन फाउंडर एंडरसन ने कंपनी बंद होने के पीछे ट्रंप या किसी और वजह से इंकार किया है। नॉथन एंडरसन ने एक लेटर में लिखा है कि कंपनी बंद करने के पीछे कोई खास वजह नहीं है। मुझे किसी से ना ही खतरा है और ना ही मेरी तबियत खराब है। अब कुछ और बड़ा करने की जरूरत है और इसीलिए हिंडनबर्ग को बंद करना जरूरी हो गया है।
A Personal Note From Our Founderhttps://t.co/OOMtimC0gV
— Hindenburg Research (@HindenburgRes) January 15, 2025
माना जा रहा है कि हिंडनबर्ग को बंद कराने में अमेरिकी और भारतीय स्टॉक रेगुलेटर्स की तरफ से कड़े नियम लागू किए गए हैं। हालांकि ऐसी कोई भी जानकारी मीडिया में नहीं आई है। हिंडनबर्ग रिसर्च के बंद होने की खबर मिलते ही आज स्टॉक मार्केट में अडानी ग्रुप के शेयरों में उछाल भी देखा गया।
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