India to Develop Own Generative AI Model- पिछले कुछ सालों में एआई का तेजी से विकास हुआ है। इंटरनेट की दुनिया में शायद ही कोई ऐसा होगा जो ChatGPT या एआई से अंजान हो।
अमेरिकी कंपनी OpenAI के ChatGPT के लॉन्च करने के बाद बहुत ही तेजी से अलग अलग तरह के एआई मॉडल को बनाया जा रहा है। इनमें कुछ तो ऐसे हैं जिनसे आप अपनी पसंदीदा इमेज और वीडियो को कुछ ही सेकेंड्स में बना सकते हैं।
India to Develop Own Generative AI Model- भारत भी बनाएगा DeepSeek और ChatGPT जैसा एआई मॉडल, 10 महीने में हो सकता है तैयार
चीन ने भी बनाया है एआई मॉडल
पिछले 2–3 सालों में चीन ने टेक्नोलॉजी में काफी तेजी से काम किया है। कुछ समय पहले ही चीन ने जहां लेटेस्ट टेक्नीक वाले फाइटर जेट को दुनिया के सामने दिखाया था तो वहीं स्मार्टफोन और रोबोटिक्स की दुनिया में भी चीन ने कई अमेरिकी कंपनियों को कड़ी टक्कर दे रखी है। चीन अपने सस्ते AI मॉडल DeepSeek से OpenAI के चैट जीपीटी को कड़ी टक्कर दे रहा है।
Explained: Chai & The DeepSeek Link
Union Minister Ashwini Vaishnaw has confirmed that DeepSeek will soon be available on Indian servers to protect data from being transferred to China. @AshmitTejKumar explains how the platform would work in India over a cup of tea!… pic.twitter.com/HGYrAoSVpX
— CNBC-TV18 (@CNBCTV18News) January 30, 2025
इस बीच केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ओडिशा कॉनक्लेव में मीडिया को बताया कि दूसरे देशों पर निर्भरता को भारत जल्द ही खत्म करने के लिए तत्पर है। भारत का अपना एआई मॉडल 8 से 10 महीनों के अंदर बन कर तैयार हो सकता है।
कई कंपनियों से बातचीत हुई शुरू
केंद्रीय मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि भारत खुद का 15 हजार से 18 हजार जीपीयू वाला AI मॉडल अगले 8 से 10 महीनों में बना सकता है। इसके लिए 10 से ज्यादा प्रमुख टेक्नोलॉजी कंपनियों से सरकार की बात चल रही है। इन कंपनियों के डेवलपर्स 15 हजार से 18 हजार जीपीयू वाला एआई मॉडल बना सकते हैं।
क्यों जरूरी हैं जीपीयू
आपको बता दें कि जब भी किसी नई कंप्यूटर लैंग्वेज को बनाया जाता है तो उसको सही से चलाने के लिए ग्राफिक्स की बहुत ज्यादा जरूरत पड़ती है। जैसे कई कंप्यूटर गेम को सही से चलाने के लिए एक बढ़िया ग्राफिक्स वाले कंप्यूटर की जरूरत पड़ती है।
उसी तरह से जितना कॉम्प्लेक्स नई लैंग्वेज का कोड होता है, उसे भी सही से चलाने के लिए बेहतरीन और हाइ ग्राफिक्स की जरूरत पड़ती है। भारत के अपने एआई मॉडल को बनाने के लिए पहले ही Nvidia के साथ डील हो चुकी है और एनवीडिया भारत के साथ मिलकर काम करने को बेहद उत्सुक है।
भारत में ही होगा सर्वर
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि भारत के एआई मॉडल का सर्वर भारत के बाहर नहीं बनाया जाएगा। इसके सर्वर को भारत में ही स्थापित किया जाएगा। इसके लिए भी कई टेलीकॉम कंपनियों से बातचीत चल रही है।
चीन का DeepSeek है बेहद सस्ता
चीन ने अपने जेनरेटिव एआई मॉडल DeepSeek को अभी सबके लिए फ्री रखा है। बेहद सटीक आंसर के साथ DeepSeek अन्य कंपनियों जैसे – गूगल के Gemini, OpenAI के ChatGPT को कड़ी टक्कर दे रहा है।
एक ओपन सोर्स प्लेटफार्म पर बना चीन का DeepSeek अन्य एआई मॉडल की तुलना में बहुत तेज और यूजर फ्रेंडली है। आपको बता दें कि चीन ने अपने AI मॉडल DeepSeek को बहुत ही कम लागत में बना दिया है। इसे बनाने में लगभग 5 मिलियन डॉलर खर्च हुए हैं।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मीडिया से बातचीत में कहा कि भारत के एआई मॉडल को भारत की भाषाओं के अनुसार बनाया जाएगा। यह अन्य AI मॉडलों से बहुत अलग होगा। आने वाले कुछ समय में भारत का खुद का एआई मॉडल पूरी दुनिया के सामने होगा जो भारत को टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में एक नई मजबूती प्रदान करेगा।
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