Cyclone Remal Latest Update: भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की मानें तो अभी 5 से ज्यादा राज्यों में हीट वेव ने कहर मचा रखा है। इनमें दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश , गुजरात हरियाणा और मध्य प्रदेश जैसे राज्य प्रभावित हैं। इस प्रचंड गर्मी के बीच बंगाल की खाड़ी में दबाव के कारण एक गंभीर तूफ़ान रेमल के रौद्र रूप लेने की पूरी संभावना है।
मौसम विज्ञानियों के अनुसार यह चक्रवाती तूफान रेमल अभी सिर्फ बंगाल की खाड़ी तक ही सीमित है परन्तु जिस प्रकार से गर्मी बढ़ रही है, उसके बाद जल्द ही इसके पश्चिम बंगाल के तट से लेकर बांग्लादेश के आस-पास के इलाकों तक पहुंचने की आशंका जताई जा रही है।
इसके अलावा अगले कुछ दिनों में इस चक्रवाती तूफ़ान रेमल के कारण दिल्ली, उत्तर प्रदेश और बिहार राज्यों में भारी बारिश होने की संभावना मौसम विभाग ने जताई है।
Cyclone Remal Latest Update: तबाही मचाने आ रहा है चक्रवाती तूफान रेमल
भारतीय मौसम विज्ञानियों की चेतावनी
मौसम विभाग के अनुसार रेमल तूफ़ान 25 मई को होने वाले लोकसभा चुनाव के छठे चरण के दिन से तेज हो सकता है। 25 मई को पूरे देश के कई राज्यों में चुनाव होना है। इस दिन ही सिर्फ पश्चिम बंगाल में आठ निर्वाचन क्षेत्रों के लिए मतदान किया जायेगा।
मौसम विभाग की मानें तो जब रेमल तूफ़ान अपने उच्च स्तर पर होगा तो बंगाल की खाड़ी के ऊपर लगभग 60-70 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की संभावना है। हवा की यह गति धीरे धीरे 80 से 120 किमी प्रति घंटे तक भी पहुंच सकती है।
तेज हवा से प्रभावित होंगे ये राज्य
बंगाल की खाड़ी से चलने वाली 50 – 60 किमी प्रति घंटे रफ़्तार वाली तेज हवा से बांग्लादेश, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के समुद्री तटों के प्रभावित होने की संभावना जताई जा रही है। इसके लिए मौसम विभाग ने चेतावनी जारी करके मछुआरों को समुद्र में जाने से मना कर दिया है।
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भारी बारिश होने की संभावना
आईएमडी यानि भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने 26 और 27 मई के लिए तेज हवा साथ साथ भारी बारिश की भी चेतावनी जारी की है। जिन राज्यों में बारिश हो सकती है उनमें पश्चिम बंगाल, ओडिशा के तटीय जिलों के अलावा मिजोरम, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश और बिहार के कुछ जिलों में हल्की से भारी बारिश होने का अनुमान व्यक्त किया है।
ऑरेंज अलर्ट जारी
आईएमडी ने तेज हवा के साथ हल्की से मध्यम बारिश की संभावना के कारण राज्यों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इसके साथ ही सभी बचाव दलों को तैयार रहने के लिए ही बोल दिया गया है जिससे कहीं भी आपात स्थिति में हरसंभव मदद की जा सके।
कैसे पड़ा रेमल नाम
मौसम विभाग के अनुसार रेमल चक्रवात इस प्री-मॉनसून सीज़न का पहला चक्रवात है। जब भी किसी चक्रवात को कोई नाम दिया जाता है तो उसके लिए एक मानक नामकरण परंपरा का पालन किया जाता है।
एशिया में कुल 12 प्रमुख मौसम विज्ञान केंद्र हैं, जो अलग अलग देशों में स्थित हैं। इन सबसे सलाह लेने के बाद ही किसी चक्रवात नाम रखा जाता है। भारतीय मौसम विज्ञानं केंद्र (आईएमडी) भी अन्य मौसम विज्ञान केंद्रों से परामर्श करने के बाद ही उष्णकटिबंधीय चक्रवातों को नाम देता है।
इस प्री-मॉनसून सीज़न के पहले चक्रवात का नाम प्रकार से तय किया गया है। ‘रेमल’ नाम ओमान के द्वारा रखा गया है, जिसका अरबी में अर्थ ‘रेत’ होता है। नाम रखने की यह प्रक्रिया सभी की सहमति से लागू की जाती है।
क्यों आते हैं चक्रवात
मौसम विज्ञानियों की मानें तो महासागरों का अत्यधिक गर्म होना चक्रवातों के आने का एक प्रमुख कारण है। अब बात आती है कि महासागर गर्म क्यों हो रहे हैं। तो इसका मुख्य कारण ग्रीनहाउस गैसों का निर्माण और बड़ी संख्या में पेड़ पौधों और जंगलों में होने वाली कटान है।
इसके परिणामस्वरुप मैदानी इलाकों में गर्मी का स्तर बढ़ जाता है और हवा भी गर्म हो जाती है। जो धीरे धीरे समुद्र की सतह को गर्म करने लगती है। आईएमडी के वरिष्ठ वैज्ञानिक ने बताया कि समुद्र की सतह के बहुत गर्म तापमान का मतलब अधिक नमी है, जो चक्रवातों के लिए बेहद अनुकूल होता है।
भयंकर तूफान कम से कम आये इसके हम सभी को मौसम को हरा भरा करने की जरुरत है। इसके लिए हमें अधिक से अधिक संख्या में पौधे लगाने होंगे और उनकी देखभाल भी करनी होगी जिससे वे बड़े हो सकें और प्राकृतिक संतुलन को फिर से सही कर सकें।
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