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Deepmind Says AGI Could Arrive in 2030- एआई ख़त्म कर सकता है मानव जीवन, डीपमाइंड के सीईओ ने दी चेतावनी

Deepmind says agi could arrive in 2030

Deepmind Says AGI Could Arrive in 2030- पूरे विश्व में एआई को लेकर टेक कंपनियों में होड़ मची हुई है। सभी कंपनियां एआई को तेजी से प्रोग्राम करने और डेवलप करने में जुटी हुई हैं।

इसका असर भी सोशल मीडिया पर देखने को मिल रहा है। रोज ही कोई ना कोई नया एआई टूल इंटरनेट पर चर्चा में आ रहा है। इन सबके बीच डीपमाइंड की एक रिपोर्ट चौंकाने वाली आई है।

Deepmind Says AGI Could Arrive in 2030- अगले 5 सालों में इंसानों की तरह सोचेगा एजीआई, मानव जीवन के लिए बड़ा खतरा

बेहद खतरनाक है एआई (DeepMind Warns of AGI Risk)

Deepmind says agi could arrive in 2030

डीपमाइंड गूगल की ही एक सब्सिडरी कंपनी है। इसका मुख्य काम AI और मशीन लर्निंग के क्षेत्र में रिसर्च करके उसे यूजर के लिए और भी बेहतर बनाना है।

Google Deepmind अपने रिसर्च को मनुष्यों की भलाई के लिए उपयोग में ला रही है। लेकिन हाल ही में कंपनी ने एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने रखी।

कंपनी के सीईओ Demis Hassabis के मुताबिक पूरे विश्व में बड़ी बड़ी टेक कम्पनियां तेजी से एआई के ऊपर काम कर रही हैं। यह लोगों के जीवन को आसान तो कर रही है, लेकिन आने वाले समय में इसके बहुत ही खतरनाक परिणाम देखने को मिलेंगे।

AI से ज्यादा खतरनाक AGI


डीपमाइंड के सीईओ ने बताया कि अभी तो AI को बेहतर बनाया जा रहा है, जिससे लोगों का काम आसान हो सके। लेकिन अगले 5 से 10 सालों में जैसे ही AGI को कंपनियां डेवलप करेंगी, खतरा (DeepMind Warns of AGI Risk) कई गुना बढ़ जाएगा।

एआई की तुलना में AGI बहुत ज्यादा खतरनाक टेक्नीक होगी। गलत इस्तेमाल से यह मानव जाति को समाप्त भी कर सकती है।

आखिर क्या है AGI

Google Deepmind के सीईओ के अनुसार अभी हम जिस आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का इस्तेमाल कर रहे हैं, उसमें कुछ लिमिटेशन हैं। AI को इस तरह से डिजाइन और प्रोग्राम किया गया है कि वह केवल कुछ कमांड और Prompt के अनुसार काम कर सके।

इसमें अलग अलग तरह के प्रश्नों के उत्तर के अलावा लिमिटेड टाइप के इमेज बनाने और ऑनलाइन सर्च में मदद लेने जैसी सुविधा ही है। लेकिन आने वाले समय में AGI के डेवलप होने पर यह अपने आप से ही खुद को प्रोग्राम कर सकता है।

Deepmind warns of agi risk

इंसानों के बीच में रहकर एकदम इंसानों की तरह ही एक्टिविटी को अपना सकता है। इसके अलावा जैसे इंसान अपनी बुद्धि का इस्तेमाल करते हैं, उसी प्रकार से AGI ( Artificial General Intelligence ) में खुद से भाषाओं को सीखने, खाना पकाने, डांस करने, सोचने और किसी भी काम को सरल तरीके से करने की क्षमता होगी।

अभी AI पर है मुख्य फोकस

डीपमाइंड के मुताबिक अभी फिलहाल सभी बड़ी टेक कंपनियों का ध्यान एआई को ही और भी ज्यादा डेवलप करने पर है। लेकिन एक समय के बाद ये कंपनियां AGI को भी डेवलप जरूर करेंगी। कई कंपनियां तो इसके प्रोटोटाइप भी बना कर टेस्टिंग कर रही हैं।

AGI से मानव जाति को बड़ा खतरा

Deepmind की रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया गया है कि यदि आने वाले समय में AGI को सही तरीके से डेवलप नहीं किया गया तो यह मानव जाति के लिए एक बड़ा खतरा (DeepMind Warns of AGI Risk) साबित हो सकती है।

 

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AGI (Artificial General Intelligence) के कई खतरों को डीपमाइंड ने अपनी रिपोर्ट में बताया है, जिनमें से कुछ प्रमुख निम्न हैं –

  • मिसयूज करना – टेक्नोलॉजी के समय में AGI का गलत इस्तेमाल किया जा सकता है। बड़े देश हथियारों की बजाय साइबर वॉर या रोबोट वॉर से एक दूसरे पर हमला कर सकते हैं।
  • गलत चीजें सिखाना – एडवांस्ड AGI को गलत चीजें सिखाने पर उनका खतरनाक रूप सामने आ सकता है, जो आने वाली पीढ़ी के लिए विनाश का कारण बन सकता है।
  • पर्यावरण को नुकसान – आज इंसान भी पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचा रहा है। यही आदत AGI भी सीख सकता है, जो धरती के पर्यावरण के लिए खतरे का संकेत है।

इसके अलावा लोग AGI का इस्तेमाल बड़े लेवल के फ्रॉड, क्राइम आदि में भी कर सकते हैं। चूंकि ये क्राइम एक रोबोट (AGI) से होगा, तो वास्तविक क्रिमिनल आसानी से बच सकता है। इसलिए AGI को डेवलप करते समय बेहद सावधानी और सतर्कता (DeepMind Warns of AGI Risk) बरतनी होगी।

Deepmind ने यह भी खुलासा किया है कि अभी AGI के जो भी प्रोटोटाइप बनाए गए हैं, उनमें से अधिकतर 70% से ज्यादा सही रिजल्ट दे रहे हैं। आने वाले कुछ वर्षों में यह परसेंटेज बढ़ने की पूरी संभावना है।


डीपमाइंड के सीईओ ने AI और AGI के साथ साथ मशीन लर्निंग जैसी एडवांस्ड टेक्नोलॉजी पर काम करने वाली कंपनियों को एक साथ मिलकर काम करने और AI के विकास के लिए एक संस्था बनाने पर भी जोर दिया है।

अभी फिलहाल गूगल का Gemini, OpenAI का ChatGPT, माइक्रोसॉफ्ट का Copilot तो लोगो में पॉपुलर है ही, इसके अलावा सैकड़ों ऐसे एआई टूल्स भी फ्री में इंटरनेट पर अवेलेबल हैं जो कई तरह के उपयोग में आ रहे हैं और लोगों की प्रोडक्टिविटी को बढ़ा रहे हैं।


इमेज सोर्स: Twitter 

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