Indira Ekadashi Vrat 2024 Puja Vidhi: हिंदू धर्म में श्राद्ध पक्ष की एकादशी को बहुत ही खास माना गया है। ये एकादशी आश्विन माह के कृष्ण पक्ष में आती है। जिसे इंदिरा एकादशी के नाम से जाना जाता है। इसबार इंदिरा एकादशी 28 सितंबर 2024 दिन शनिवार को मनायी जायेगी ।
इस एकादशी के दिन व्रत और पूजा करने से इसका फल पितरों को भी मिलता है।जिससे उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है।यदि आप भी अपने पितरों का आशीर्वाद पाना चाहते हैं, यदि आप भी चाहते हैं आपके पितरों को मोक्ष मिले और आपके घर में सदा सुख समृद्धि का वास हो। तो इस इंदिरा एकादशी व्रत को पूरे विधि से जरूर करें।
इंदिरा एकादशी का व्रत रखने के बाद उसका सारा पुण्य यदि अपने पितरों को अर्पण कर दिया जाए तो पितृ न केवल तृप्त होते हैं। बल्कि भगवान श्री विष्णु के बैकुंठ धाम को जाते हैं और पितरों की कृपा से कभी घर में परिवार में कोई परेशानी नहीं आती, कोई दुख नहीं आता, जो भी ग्रह बधाए होती है वो भी दूर हो जाती है।
बता दे इस बार इंदिरा एकादशी का व्रत बहुत ही शुभ सहयोग को में रखा जाएगा । आईए जानते हैं इंदिरा एकादशी का महत्व और पूजा विधि मुहूर्त के बारे में।
Indira Ekadashi Vrat 2024 Puja Vidhi: इंदिरा एकादशी का महत्व।
एकादशी के व्रत को सभी व्रतों में श्रेष्ठ व्रत माना गया है।इसलिए शास्त्रों में इस व्रत को व्रतराज कहा गया है, मतलब व्रतों का राजा। तो अगर कोई भी व्रत ना किया जाए सिर्फ एकादशी का व्रत ही किया जाए, तो आपको सभी व्रत का फल प्राप्त हो जाता है और सभी देवी देवताओं की कृपा भी आपको प्राप्त हो जाती है। इसलिए शास्त्रों के अनुसार एकादशी के व्रत को करना अनिवार्य माना गया है।
कृष्ण पक्ष की एकादशी को इंदिरा एकादशी कहा जाता है।शास्त्रों के अनुसार प्रत्येक एकादशी का अपना विशेष महत्व होता है। जब भी कोई व्रत धारण करता है एकादशी का उसके समस्त प्रकार के पाप कर्म समाप्त हो जाते हैं, सभी प्रकार की कामनाएं भी पूर्ण होती है और एकादशी का व्रत करने वाले को भगवान श्री हरी विष्णु की असीम कृपा भी प्राप्त होती है।
इंदिरा एकादशी का व्रत धारण करने से न सिर्फ व्रत करने वाले को बल्कि उनके समस्त जो पितृ होते हैं उन पितरों को भी मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है। ऐसा कहते हैं कि जो पितृपक्ष की इंदिरा एकादशी के व्रत को धारण करते हैं। उनके पितरों को भी मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है।
उनके सात पीढ़ियों तक के पितर तर जाते हैं। इसलिए ये एकादशी बहुत महत्वपूर्ण है। पितरों की कृपा प्राप्ति के लिए ,पितृ दोषों के मुक्ति के लिए और पितरों के आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए।
इंदिरा एकादशी तिथि और शुभ मुहूर्त।
इंदिरा एकादशी आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 27 सितंबर शुक्रवार को दोपहर 1:20 बजे शुरू होगी।और शनिवार,28 सितंबर को दोपहर 2:49 बजे समाप्त होगी।
ऐसे में उदयातिथि के अनुसार इंदिरा एकादशी व्रत 28 सितंबर,शनिवार को रखा जाएगा और 29 सितंबर सुबह 6:13 से 8:36 तक रविवार को पारण किया जाएगा।
इंदिरा एकादशी पूजा विधि।
इंदिरा एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठें, स्नानआदि के बाद स्वच्छ कपड़े धारण करें। घर के मंदिर के साथ सफाई करें, एक छोटी चौकी पर पीले वस्त्र बिछाएं। अब इस पर विष्णु जी और मां लक्ष्मी के प्रतिमा स्थापित करें। श्री हरि विष्णु जी का ध्यान करें और व्रत का संकल्प ले।
विष्णु जी और मां लक्ष्मी के प्रतिमा के समक्ष दीपक जलाएं।अब उन्हें फूल, फल ,हल्दी ,अक्षत ,धूप, दीप अर्पित करें। विष्णु जी के मंत्रों का जाप करें। अंत में सभी देवी देवताओं के साथ विष्णु जी और मां लक्ष्मी जी की आरती करें।
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