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Symptoms and Treatment of Viral Meningitis- क्या है वायरल मैनिंजाइटिस और क्या है इससे बचने का सही तरीका ?

Symptoms and Treatment of Viral Meningitis- क्या है वायरल मैनिंजाइटिस और क्या है इससे बचने का सही तरीका ?

Symptoms and Treatment of Viral Meningitis

Symptoms and Treatment of Viral Meningitis- इंसानों में कई तरह की बीमारियां देखने को मिलती हैं। इनमें कुछ के लक्षण तो एक जैसे ही दिखाई देते हैं, लेकिन ये ही आगे चलकर बहुत खतरनाक हो जाते हैं और हमारे स्वास्थ्य को काफी नुकसान पहुंचाते हैं।

कुछ बीमारियों के लक्षण तो एक जैसे ही दिखते हैं और ये पता ही नहीं चल पाता कि ये दिमाग से संबंधित बीमारी है या हार्ट की या पेट संबंधी कोई बीमारी। इन्हीं में से एक बीमारी है मैनिंजाइटिस। इस बीमारी के छोटे बच्चों में होने की संभावना ज्यादा होती है।

Symptoms and treatment of viral meningitis

इसे वायरल मैनिंजाइटिस के नाम से भी जाना जाता है। इस पोस्ट में हम वायरल मैनिंजाइटिस के कुछ लक्षणों के साथ बचाव और रोकथाम के लिए उपयोगी उपचार के बारे में जानेंगे।

Symptoms and Treatment of Viral Meningitis- क्या है वायरल मैनिंजाइटिस

क्या होता है वायरल मेनिनजाइटिस

मैनिंजाइटिस एक प्रकार की दिमाग से संबंधित बीमारी है। इसमें दिमाग और रीढ़ की हड्डी को प्रोटेक्ट करने वाली झिल्ली में सूजन हो जाती है। यह सूजन एक संक्रमित वायरस के कारण होती है।

वायरल मैनिंजाइटिस के कारण हुई सूजन से कई तरह के न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर होने की संभावना काफी बढ़ जाती है। मैनिंजाइटिस के लिए कई तरह के वायरस भी जिम्मेदार होते हैं जो इसे काफी खतरनाक और जानलेवा बना देते हैं।

खतरनाक वायरस जिनसे फैलता है मेनिनजाइटिस (Viral Meningitis)

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एंटरोवायरस

मैनिंजाइटिस के लगभग 80% मामलों में इस वायरस की मुख्य भूमिका होती है। यह संक्रमित व्यक्ति के लार और सांस के जरिए फैलता है। इस वायरस से संक्रमित व्यक्ति में मैनिंजाइटिस के खतरे बहुत ज्यादा बढ़ जाते हैं।

हर्पीजवायरस

चिकनपॉक्स और दाद के फैलने में हर्पीजवायरस की मुख्य भूमिका होती है। HSV (हर्पीज सिम्प्लेक्स वायरस) और VZV ( वेरिसेला जोस्टर वायरस) की वजह से वायरल मैनिंजाइटिस की समस्या हो सकती है।

वेस्ट नाइल वायरस

Symptoms and treatment of viral meningitis

दिमागी बुखार के लिए जिम्मेदार कुछ वायरसों से भी मैनिंजाइटिस की समस्या होती है। हालांकि इसके लक्षण शुरुआत में दिखाई नहीं देते। मच्छरों से फैलने वाली बीमारियों में दिमागी बुखार, इंसेफेलाइटिस जैसी समस्या ज्यादा होती है।

इन्फ्लूएंजा वायरस

ऐसा बहुत ही कम देखने की मिला है कि इन्फ्लूएंजा से पीड़ित व्यक्ति को वायरल मैनिंजाइटिस की भी समस्या होती हो। लेकिन कभी कभी इन्फ्लूएंजा को फैलाने वाले वायरस से भी दिमाग और रीढ़ की हड्डी के बीच सूजन की समस्या हो सकती है।

क्या होते हैं वायरल मेनिनजाइटिस के प्रमुख लक्षण

 

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इंसानों में फैलने वाली अधिकतर बीमारियों के लक्षण (Symptoms of Viral Meningitis) शुरू शुरू में एक जैसे ही दिखते हैं। लेकिन धीरे धीरे बीमारी के गंभीर रूप लेने पर लक्षण बदलने लगते हैं।

यही समय होता है कि हम लक्षणों को पहचान कर अच्छे डॉक्टर से सलाह और उचित उपचार कर सकें। वायरल मैनिंजाइटिस में भी कुछ लक्षण मुख्य रूप से दिखाई दे सकते हैं। ये निम्न हैं:

  • तेज सिरदर्द का बने रहना
  • गर्दनों में खिंचाव महसूस करना
  • हल्के बुखार के साथ ठंडी लगना
  • अंधेरे में ज्यादा से ज्यादा टाइम बिताना और रोशनी से बचना
  • थकान के साथ उल्टी और कमजोरी महसूस करना
  • छोटे बच्चों में बहुत ज्यादा चिड़चिड़ेपन की समस्या बढ़ना

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इसके अलावा कुछ अन्य लक्षणों में काम में मन ना लगना, फोकस में कमी, याददाश्त में बदलाव के अलावा डिप्रेशन, आंखों पर असर और मूड स्विंग की भी समस्या दिखाई देती है।

कराएं सही जांच और सलाह लें डॉक्टर की

WHO की एक रिपोर्ट के अनुसार हर साल पूरे विश्व में लगभग 25 लाख से ज्यादा लोगों में मेनिनजाइटिस के लक्षण पहचाने जाते हैं। इनमें से अधिकतर का समय से सही इलाज कर दिया जाता है।

लेकिन आज भी अधिकतर लोगों को यह पता ही नहीं है कि मैनिंजाइटिस की बीमारी क्या है और इससे कैसे बचा जा सकता है। एक्सपर्ट डॉक्टरों के अनुसार मैनिंजाइटिस (Treatment of Viral Meningitis)से बचने के लिए कुछ जांच के साथ ही सावधानी रखना बेहद जरूरी है।

कुछ प्रमुख उपायों को अपनाकर वायरल मैनिंजाइटिस से बचा जा सकता है।

बॉडी चेकअप कराना

Symptoms and treatment of viral meningitis

हममें से अधिकतर लोग चेकअप को उतनी प्राथमिकता नहीं देते। लेकिन डॉक्टर्स के अनुसार साल में एक बार पूरी बॉडी का चेकअप जरूर कराना चाहिए।

इससे आपके शरीर में विभिन्न पोषक तत्वों की कमी के साथ साथ विटामिन की कमी और किसी गंभीर बीमारी के लक्षणों का पता आसानी से लगाया जा सकता है।

ब्लड टेस्ट

Symptoms and treatment of viral meningitis

अगर आप बॉडी चेकअप नहीं करा पा रहे हैं तो आपको हर कुछ महीनों पर ब्लड टेस्ट जरूर कराना चाहिए। इससे आपके ब्लड के किसी वायरस से इंफेक्शन का पता लगाया जा सकता है।

अन्य टेस्ट

वायरस के साथ साथ लक्षणों का पता लगाने के लिए डॉक्टर द्वारा कुछ और भी जांच कराई जा सकती है। इन जांचों से हमें वायरस का पता चल जाता है। जिससे सही उपचार करने में मदद मिलती है।

अपनाएं बचाव के प्रमुख नियम

Symptoms and Treatment of Viral Meningitis- वायरल मैनिंजाइटिस के कुछ लक्षण ऐसे होते हैं कि इनमें किसी भी तरह की दवा का ज्यादा असर नहीं होता। इसी वजह से डॉक्टर भी सावधानी बरतने पर ज्यादा ध्यान देते हैं।

आराम करने की सलाह

डॉक्टर के अनुसार मैनिंजाइटिस की समस्या होने पर आपको अधिक से अधिक आराम की सलाह दी जाती है। चूंकि इस बीमारी में सूजन होती है जिसके आराम करने से ही सही होने की संभावना ज्यादा होती है।

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इसके अलावा वायरल मैनिंजाइटिस से ग्रसित रोगी को पर्याप्त मात्रा में पानी पीने को भी कहा जाता है। डॉक्टर अधिकतर मामलों में हल्के पेन किलर को हो देते हैं।

शुरुआती लक्षणों वाले मरीज के 7 से 10 दिन में ठीक होने की ज्यादा संभावना होती है। वहीं अगर ठीक होने में ज्यादा समय लग रहा है तो यह बीमारी खतरनाक रूप भी ले सकती है।

टीका लगवाना

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टीका लगवाना

वायरस के प्रभाव को कम करने के लिए हम सभी को खसरे, रुबेला, चिकनपॉक्स और इन्फ्लूएंजा का टीका जरूर लगवाना चाहिए। टीके लगवाने से वायरस का प्रभाव हमारे शरीर पर बहुत कम पड़ता है।

साफ सफाई का विशेष ध्यान

मैनिंजाइटिस से बचने के लिए हम सभी को साफ सफाई का ध्यान देने की विशेष जरूरत होती है। चूंकि यह बीमारी इंफेक्शन से फैलती है, इसलिए अपने हाथों की सफाई के साथ छींकते या खांसते समय मुंह को जरूर ढकना चाहिए।

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मच्छरों से बचाव

वायरल मैनिंजाइटिस के फैलने की एक वजह मच्छर भी हैं। इसलिए मच्छरों से बचाव के सभी उपायों को अपनाना चाहिए। अपने घर के आस पास पानी इकठ्ठा ना होने दें। समय समय पर दवा का छिड़काव भी कराते रहें।

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ऊपर बताए गए लक्षणों में से अगर आपको कोई भी लक्षण अपने शरीर में दिखाई पड़ता है तो तुरंत ही किसी अच्छे डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

शुरुआती लक्षणों के दिखने पर ही सही इलाज से बीमारी के गंभीर रूप से बचा जा सकता है। एक अच्छे और सही डॉक्टर की सलाह से ही किसी भी प्रकार की दवा का इस्तेमाल करना चाहिए।


इमेज क्रेडिट: Freepik

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