Supreme Court Decision on Child Pornography: देश में बच्चों और महिलाओं के प्रति अपराध दिन ब दिन बढ़ते ही जा रहे हैं। ऐसे में कानून में बदलाव करने और उसको और भी सख्त बनाने की मांग लगातार उठ रही है। इसी को ध्यान में रखकर सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया है। इसमें बच्चों से जुड़े अपराध और अश्लील कंटेंट शामिल है।
Supreme Court Decision on Child Pornography: चाइल्ड पोर्नोग्राफी को लेकर सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला
क्या है सुप्रीम कोर्ट का फैसला
प्राप्त जानकारी के मुताबिक मद्रास हाई कोर्ट के एक मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पारदी वाला और जस्टिस मनोज की बेंच ने बच्चों से जुड़े यौन अपराधों को एक गंभीर मामला बताया है। बेंच ने किसी भी तरह के चाइल्ड पोर्नोग्राफी कंटेंट को देखने और उसे डाउनलोड करने पर उसे अपराध की श्रेणी में रखा है।
Supreme Court sets aside Madras High Court decision on child pornography, downloading and viewing child porn now an offence under POCSO Act@ashishKB76 reports pic.twitter.com/1amYIVFsSZ
— NDTV (@ndtv) September 23, 2024
मिल सकती है सजा
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद यदि कोई ऐसे कंटेंट को देखते हुए पाया जाता है तो उसके खिलाफ पॉक्सो के अंतर्गत केस दर्ज हो सकता है और जेल भी हो सकती है। वहीं सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के अनुसार यदि चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़ा कंटेंट कोई डाउनलोड करता है या अपने मोबाइल या किसी अन्य गैजेट में रखता है तो उसको भी जेल हो सकती है।
ऐसे में यदि किसी के पास ऐसे कंटेंट हों तो वे उन्हें तत्काल डिलीट कर दे। पकड़े जाने पर कोई सुनवाई नहीं की जायेगी और ऐसे लोगों पर तुरंत पॉक्सो एक्ट के अंतर्गत कार्यवाही होगी।
किस फैसले को बनाया आधार
आपको बता दें कि पूर्व में मद्रास हाई कोर्ट में एक मामले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा था कि पोर्न कंटेंट को अकेले में देखना अपराध नहीं माना जायेगा। कोर्ट के मुताबिक यदि कोई ऐसे कंटेंट को समाज में फैलाता है तो उसे 3 साल तक की जेल या जुर्माना या दोनों हो सकते है। इसी फैसले को आधार मानते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला दिया है।
सर्वोच्च न्यायालय ने कहा, बच्चों से संबंधित अश्लील वीडियो देखना पॉक्सो अधिनियम का उल्लंघन है। शीर्ष अदालत ने देशभर की सभी अदालतों से कहा है कि वे किसी भी न्यायिक आदेश या फैसले में चाइल्ड पोर्नोग्राफी शब्द का प्रयोग नहीं करें। #POCSOAct pic.twitter.com/9xvLA4trte
— आकाशवाणी समाचार (@AIRNewsHindi) September 23, 2024
शब्द के इस्तेमाल पर भी पाबंदी
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने फैसले को बदलने के साथ ही सरकार को पॉक्सो एक्ट में चाइल्ड पोर्नोग्राफी शब्द को बदलने का भी सुझाव दिया है। कोर्ट ने इसके बदले एक्ट में “चाइल्ड सेक्सुअली अब्यूजिव एंड एक्सप्लोइटेटिव मैटेरियल” शब्द का इस्तेमाल करने को कहा है।
बेंच ने तकनीक के बढ़ते इस्तेमाल के बीच इस प्रकार की गलत हरकतों और अपराधों को रोकने के लिए सरकार को कड़े कानून बनाने को भी कहा है।
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