Simple Ways to Please Lord Shiva- सावन में शिव जी की पूजा का बहुत महत्व है। साल के अन्य महीनों की तुलना में सावन में भगवान भोलेनाथ की पूजा विधि विधान से की जाती है। सावन का महीना भगवान शिव का प्रिय महीना माना जाता है।
पुरानी किताबें, दादी-नानी की कहानियां और शास्त्र बताते हैं कि अगर आप सावन में इन 14 चीजों को शिवलिंग पर चढ़ा देते हैं, तो भोलेनाथ एकदम खुश हो जाते हैं। इससे आपकी मनचाही मुरादें पूरी और लाइफ में चल रही टेंशन दूर हो जाती है।
Simple Ways to Please Lord Shiva- सावन में भगवान शिव को प्रसन्न करने के कुछ अचूक उपाय
पूजा के लिए प्रयोग किए जाने वाले ये चढ़ावे न केवल आध्यात्मिक शांति देते हैं, बल्कि जीवन की बाधाओं को दूर कर सुख-समृद्धि भी लाते हैं। आइए जानते हैं वे कौन सी 14 चीजें हैं जो भगवान शिव को तुरंत प्रसन्न कर देती हैं।
- जलः यह सबसे सरल और शिव जी को सबसे प्रिय है। अगर पूजा का कुछ भी सामान उपलब्ध न हो, तो बस एक लोटा जल ही भोलेनाथ को प्रसन्न कर देता है। कहा जाता है, ‘जल ही जीवन है’ और महादेव जल से ही संतुष्ट हो जाते हैं।
- पंचामृतः जल चढ़ाने से पहले महादेव को पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और चीनी का मिश्रण) अर्पित करना अत्यंत शुभ माना जाता है। यह भगवान शिव को स्नान कराने जैसा है जो महादेव की दिव्यता को दर्शाता है।
- दूधः दूध भी शिवजी को अत्यंत प्रिय है। दूध का अभिषेक करने से शारीरिक कष्ट दूर होते हैं और आरोग्य की प्राप्ति होती है।
- दही: दही अर्पित करने से जीवन में स्थिरता और समृद्धि आती है।
- घी: घी चढ़ाने से शक्ति और तेज बढ़ता है और जीवन में प्रकाश आता है।
- शहदः शहद अर्पित करने से वाणी में मिठास आती है और जीवन में मधुरता घुल जाती है।
- इत्र (सुगंध): भगवान महादेव को इत्र बहुत पसंद है। इसे चढ़ाने से मन शांत होता है और पॉजिटिव ऊर्जा का संचार होता है।
- बेलपत्रः बेलपत्र भगवान शिव को सबसे प्रिय है। मान्यता है कि बेलपत्र में ब्रह्मा, विष्णु और महेश का निवास होता है। बेलपत्र चढ़ाने से जन्म-जन्मांतर के पापों का नाश होता है।
- धतूराः धतूरा भगवान शिव का प्रिय माना जाता है क्योंकि यह विषपान का प्रतीक है जो भगवान शिव ने संसार की रक्षा के लिए किया था। इसे चढ़ाने से आपके दुश्मनों में कमी आती है।
- आक या चमेली का फूलः आक के फूल भगवान शिव को बहुत पसंद हैं। इसे चढ़ाने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। चमेली का फूल सौभाग्य और प्रेम का प्रतीक है जो आपसी संबंधों में मधुरता लाता है।
- गन्ने का रसः गन्ने के रस से अभिषेक करने से भगवान भोलेनाथ तो प्रसन्न होते ही है। इससे आपके जीवन में सुख-समृद्धि और धन में वृद्धि होती है।
- गंगाजलः गंगाजल को मोक्ष और पवित्रता का प्रतीक माना गया है। सावन में भोलेनाथ को गंगाजल चढ़ाने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है।
- सरसों का तेलः सरसों का तेल चढ़ाने से शनि दोष शांत होते हैं और रोगों का नाश होता है।
- कुशा जलः कुशा से बने जल को अर्पित करने से शारीरिक और मानसिक शुद्धता प्राप्त होती है।
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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सावन में अगर शिवलिंग पर ये 14 चीजें आपने चढ़ा दीं तो समझो जिंदगी के सारे झंझट बीमारियां, दुख, दुश्मन, पुराने पाप सब दूर हो गए। इसके बाद नाम-शोहरत, अच्छे बच्चे, तगड़ी सेहत, तेज दिमाग, ढेर सारा प्यार, गाड़ी, बंगला मतलब ऐश्वर्य की हर चीज मिलने लगती है।
भूलकर भी न चढ़ाएं शिवलिंग पर ये 4 चीजें
जिस प्रकार कुछ चीजें महादेव को अत्यंत प्रिय हैं उसी प्रकार कुछ चीजें ऐसी भी हैं जिन्हें शिव पूजा में बिलकुल वर्जित माना गया है। इन्हें चढ़ाने से पूजा का फल नहीं मिलता और भगवान रुष्ट हो सकते हैं:
- कुमकुम (सिंदूर): शिव पुराण के अनुसार,भगवान शिव पर सिंदूर चढ़ाना वर्जित है। सिंदूर को सौभाग्य और सुहाग का प्रतीक माना जाता है जिसका उपयोग महिलाएं करती हैं। चूंकि भगवान शिव वैरागी हैं और वे सौंदर्य या सौभाग्य के लौकिक प्रतीकों से परे हैं, इसलिए उन्हें कुमकुम नहीं चढ़ाया जाता।
- हल्दीः ज्योतिष के अनुसार, हल्दी का संबंध सौभाग्य, सौंदर्य और भगवान विष्णु से है। जबकि शिवलिंग को पौरुष और वैराग्य का प्रतीक माना जाता है। इसलिए शिवलिंग पर हल्दी चढ़ाना भी अशुभ माना जाता है।
- केतकी का फूलः पौराणिक कथाओं के अनुसार, केतकी के फूल को भगवान शिव ने श्राप दिया था। ब्रह्मा और विष्णु के बीच श्रेष्ठता को लेकर विवाद हुआ था। ब्रह्मा जी ने झूठ बोला कि उन्होंने शिव के सिर का अंत देख लिया है और इस झूठ में केतकी के फूल ने उनकी गवाही दी थी। इससे क्रोधित होकर शिव ने केतकी को श्राप दिया कि उसे कभी उनकी पूजा में इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। इसीलिए शिव पूजा में केतकी का फूल वर्जित है।
- नारियल पानीः ज्योतिष के अनुसार, नारियल को देवी लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। चूंकि भगवान शिव पर सिर्फ ‘शुद्ध’ चीजें ही अर्पित की जाती हैं और नारियल को भोग के रूप में ग्रहण किया जाता है, इसलिए शिवलिंग पर नारियल पानी नहीं चढ़ाना चाहिए। भगवान शिव पर केवल वही चीजें चढ़ाई जाती हैं, जिन्हें बाद में स्वयं ग्रहण नहीं किया जाता (जैसे गंगाजल, बेलपत्र आदि)।
पूरा सावन का महीना ही जप-तप-ध्यान के लिए श्रेष्ठ होता है लेकिन सावन के सोमवार का विशेष महत्व है। सोमवार मतलब चांद का दिन और चांद के स्वामी खुद शिवजी हैं। अब ऐसे में सोमवार को पूजा-पाठ करने पर सिर्फ चांद ही नहीं, भगवान भोलेनाथ की भी दया बरसती है।
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ब्लॉगिंग को पैशन की तरह फॉलो करने वाले आशीष की टेक्नोलॉजी, बिज़नेस, लाइफस्टाइल, ट्रैवेल और ट्रेंडिंग पोस्ट लिखने में काफी दिलचस्पी है।