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Sela Tunnel: दुनिया की सबसे लंबे टनल के बारे में कुछ महत्वपूर्ण फैक्ट्स जो इसे खास बनाते हैं।

Sela Tunnel: दुनिया की सबसे लंबे टनल के बारे में कुछ महत्वपूर्ण फैक्ट्स जो इसे खास बनाते हैं।

Sela Tunnel: भारत चीन सीमा से करीब 25 मिल दूरी पर स्थित तवांग जिले में हमारे देश के माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 मार्च को अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम तवांग जिले में 13000 फीट की ऊंचाई पर बनी सेला टनल का उद्घाटन किया।

यह इतनी ऊंचाई पर बनी दुनिया की सबसे लंबी डबल लेन टनल है। आज के ब्लॉग पोस्ट में हम देखेंगे दुनिया की सबसे लंबे टनल के बारे में कुछ महत्वपूर्ण फैक्ट्स जो इसे खास बनाते हैं।

Sela tunnel

दुनिया की सबसे लंबे Sela Tunnel के बारे में कुछ महत्वपूर्ण फैक्ट्स।

  •  सेला टनल 3000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है जो की असम में गुवाहाटी और अरुणाचल प्रदेश में तवांग के बीच हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करती है।
  •  यह टनल 13000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है और यह पूरे विश्व स्तर पर सबसे लंबी डबल लेन टनल के रूप में मान्यता प्राप्त है।
  •  सेला पास से 400 मीटर नीचे स्थित, यह सुरंग चुनौती पूर्ण इलाकों और प्रतिकूल मौसम को स्तिथि में रणनीतिक लाभ प्रदान करती है।
  • इस टनल की नीव प्रधानमंत्री मोदी ने फरवरी 2019 में रखी थी जिसकी लागत 697 करोड़ रुपए आंकी गई थी। हालांकि को बीते कुछ वर्षों में यह कार्य पूरा हो जाता लेकिन कोरोना काल के साथ साथ कई अन्य कारणो को वजह से भी इसके निर्माण कार्य में देरी हुई।
  •  सेला के नजदीक इस टनल की काफी जरूरत थी क्युकी तेज बारिश की वजह से बर्फबारी और भूस्खलन होने पर बालिपरा और चौदुर तवांग रोड साल में लंबे टाइम तक बंद रहता है।
  • इतना ही नहीं यह सुरंग संवेदनशील चीन भारत सीमा पर सैनिकों हथियारों और मशीनरी की आवाजाही में तेजी लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
  •  यह सुरंग नवनिर्मित 12.4 किलोमीटर की सड़क द्वारा नेशनल हाईवे 13 से जुड़ा हुआ है। क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ाते हुए दिरांग और तवांग के बीच की दूरी को प्रभावी ढंग से 10 किलोमीटर कम कर दिया गया है।
  •  सीमा सड़क संगठन (Border Road Organisation) ने परियोजना को सफलतापूर्वक पूरा करके रणनीतिक बुनियादी ढांचे के विकास में अपने कौशल का प्रदर्शन किया।

Sela Tunnel का महत्व

The economic times

Image Credit: The Economic Times

सेला टनल का निर्माण कार्य और उद्घाटन पूरा होना क्षेत्रीय कनेक्टिविटी और रणनीतिक बुनियादी ढांचे के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। 9 मार्च 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन किया गया यह सीमा बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए देश की प्रतिबद्धता के प्रमाण के रूप में खड़ा है।

Image Credit: Indian Express

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