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Sawan Shiv Puja Vidhi 2025- सावन में भगवान शिव की पूजा में रखें इन बातों का ध्यान, जानें पूजा विधि और महत्वपूर्ण जानकारी

Sawan Shiv Puja Vidhi 2025- सावन में भगवान शिव की पूजा में रखें इन बातों का ध्यान, जानें पूजा विधि और महत्वपूर्ण जानकारी

Sawan Shiv Puja Vidhi 2025

Sawan Shiv Puja Vidhi 2025- सावन का महीना भगवान शिव की आराधना के लिए विशेष रूप से पवित्र माना जाता है। इस महीने में शिवभक्त व्रत, उपवास और विशेष पूजा-पाठ करके भगवान शिव को प्रसन्न करते हैं।

सावन माह में शिव भक्तों में गजब का उत्साह देखने को मिलता है। इस पूरे महीने शिव मंदिरों में भक्तों की लंबी कतारें देखी जाती हैं, जो भोलेनाथ का जलाभिषेक करने को आतुर रहते हैं।

ऐसी मान्यता है कि सावन में स्वयं महादेव धरती पर आते हैं और सृष्टि का संचालन करते हैं। ऐसे में सावन के इस विशेष महीने में शिवलिंग पर रुद्राभिषेक करना और भोलेनाथ को उनकी प्रिय चीजें अर्पित करना मनोवांछित फल देता है।

Sawan shiv puja vidhi 2025

Sawan Shiv Puja Vidhi 2025- सावन में भगवान शिव की पूजा में रखें इन बातों का ध्यान

सावन माह भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है और इस महीने में उनकी पूजा-अर्चना का विशेष महत्व होता है। सावन में भगवान शिव की पूजा विधि इस प्रकार है:

पूजा की तैयारी और आवश्यक सामग्री

स्नान और साफ वस्त्र: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

पूजा स्थान की सफाई: घर के मंदिर या पूजा स्थान को साफ करें।

पूजा के लिए जरूरी सामग्री: पूजा के लिए आवश्यक सामग्री को पहले ही एकत्र कर लेना चाहिए। इनमें निम्न प्रमुख हैं:

  • जल (गंगाजल हो तो उत्तम)
  • कच्चा दूध, दही, घी, शहद, शक्कर (पंचामृत बनाने के लिए)
  • बेलपत्र, धतूरा, भांग, कनेर का फूल, सफेद फूल, अक्षत (अखंडित चावल)
  • चंदन (सफेद चंदन, पीला चंदन), भस्म
  • धूप, दीप (घी का दीपक), अगरबत्ती
  • फल, मिठाई (नैवेद्य के लिए)
  • सुपारी, लौंग, इलायची,
  • मौली, रोली, जनेऊ
  • पान का पत्ता और रुद्राक्ष (यदि हो)
  • कथा की पुस्तक (यदि व्रत रख रहे हों)

पूजा की सभी सामग्री एकत्र करके बैठ कर भगवान शिव के ध्यान करना चाहिए और मन ही मन भोलेनाथ के नाम का जाप करते रहना चाहिए।

पूजा की विधि

  • संकल्प लेना: यदि आप व्रत रख रहे हैं, तो हाथ में पवित्र जल, फूल और अक्षत लेकर व्रत रखने का संकल्प लें।
  • अभिषेक करना: सबसे पहले शिवलिंग पर गंगाजल या ताजा जल अर्पित करें। ध्यान रहे, शिवलिंग पर जल हमेशा बैठकर और शांत मन से धीरे-धीरे अर्पित करें। खड़े होकर जल नहीं चढ़ाना चाहिए। जल चढ़ाते समय आपका मुख उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए। पश्चिम या दक्षिण दिशा की ओर मुख नहीं करना चाहिए।
  • पंचामृत से स्नान: इसके बाद पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, शक्कर का मिश्रण) से शिवलिंग को स्नान कराएं। पंचामृत के बाद पुनः जल से स्नान कराएं।

 

कुछ मान्यताओं के अनुसार, जलहरी में सबसे पहले दाहिनी ओर जल चढ़ाएं (गणपति बप्पा का स्थान), फिर बाईं ओर (कार्तिकेय का स्थान), और अंत में शिवलिंग के बीच में जल चढ़ाएं। अभिषेक के लिए तांबे या चांदी के लोटे का प्रयोग करना शुभ माना जाता है। स्टील के पात्र का प्रयोग न करें।

Puja vidhi

  • श्रृंगार और अर्पण: अभिषेक के बाद शिवलिंग पर चंदन का तिलक लगाएं। बेलपत्र, धतूरा, भांग, सफेद फूल अर्पित करें। दूर्वा, शमी का पत्ता, हरी मूंग दाल भी अर्पित कर सकते हैं। माता पार्वती को श्रृंगार का सामान अर्पित करें। धूप,दीप और अगरबत्ती जलाएं।
  • मंत्र जाप और पाठ: पूजा के दौरान लगातार शिव मंत्रों का जाप करते रहें। आप चाहें तो महामृत्युंजय मंत्र का जाप भी कर सकते हैं:

“ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।”

शिव चालीसा का पाठ करें। यदि व्रत रख रहे हैं, तो सावन सोमवार व्रत की कथा सुनें या पढ़ें।

  • आरती और प्रसाद: पूजा पूरी होने के बाद भगवान शिव और माता पार्वती की आरती करें। मिठाई, फल, मखाने की खीर, मिश्री आदि से भगवान शिव और माता पार्वती को भोग लगाएं।
  • परिक्रमा करना: यदि मंदिर में पूजा कर रहे हैं, तो शिवलिंग की पूरी परिक्रमा न करें। शास्त्र के अनुसार जलहरी को लांघना नहीं चाहिए। शिवलिंग पर चढ़ाए हुए जल को थोड़ा-सा लोटे में भरकर घर लाएं और छिड़क दें, ऐसा माना जाता है कि इससे यश, कीर्ति बढ़ती है।

अन्य महत्वपूर्ण जानकारी

  • सावन माह में भगवान शिव को जल मात्र अर्पित करने से भी वे प्रसन्न हो जाते हैं।
  • टूटे हुए चावल, हल्दी, केतकी के फूल, सिंदूर, नारियल पानी और तुलसी के पत्ते शिवलिंग पर नहीं चढ़ाने चाहिए।
  • सावन में सोमवार का व्रत सूर्योदय से प्रारंभ होकर तीसरे पहर तक किया जाता है। व्रत करने वाले को दिन में एक बार भोजन करना चाहिए और अन्न का सेवन नहीं करना चाहिए, फलहार करना चाहिए।
  • व्रत के दिन सोना नहीं चाहिए।
  • नियमित रूप से “ॐ नमः शिवाय” और “महामृत्युंजय मंत्र” का जाप करना चाहिए।

इन विधियों का पालन करते हुए सावन माह में भगवान शिव की पूजा करने से उनकी कृपा जल्द प्राप्त होती है और सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।


इमेज सोर्स: Instagram

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