Sadhguru Isha Foundation News: भारत एक आध्यात्मिक देश है। विदेशों से हजारों लोग यहां आध्यात्म को समझने आते हैं। भारत के कोने कोने में कई आध्यात्मिक केंद्र बने हुए हैं, जहां रहकर लोग आध्यात्म मार्ग को समझते हैं।
प्रमुख आध्यात्मिक केंद्रों में वाराणसी के अलावा दक्षिण भारत के कई केंद्र लोगों के बीच बेहद प्रसिद्ध हैं। इनमें गुरु रविशंकर का आश्रम और ईशा फाउंडेशन मुख्य हैं। ईशा फाउंडेशन की स्थापना जग्गी वासुदेव उर्फ सदगुरु ने की है। ईशा फाउंडेशन पर एक पिता ने अपनी दो बेटियों को बंधक बनाने का आरोप लगाया है।
Sadhguru Isha Foundation News: सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाई कोर्ट के फैसले को बदलते हुए ईशा फाउंडेशन में पुलिस जांच को रोका
जानिए क्या है पूरा मामला
प्राप्त जानकारी के मुताबिक रिटायर्ड प्रोफेसर एस कामराज ने कुछ दिनों पहले कोर्ट में एक पिटीशन दाखिल करते हुए यह आरोप लगाया था कि ईशा फाउंडेशन में उनकी दो बेटियों को बंधक बना कर रखा गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए मद्रास हाईकोर्ट ने ईशा फाउंडेशन पर लगे आरोपों की जांच के आदेश दिए थे।
पुलिस कर रही थी जांच
हाईकोर्ट के आदेश के बाद पुलिस आश्रम में घुसकर लोगों से पूछताछ और जांच कर रही थी। जिस पर आपत्ति जताते हुए सदगुरु ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की। उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाई कोर्ट के फैसले को रोकते हुए सभी जांच और तलाशी को रोकने को कहा है। इसके अलावा ईशा फाउंडेशन से जुड़े सभी मामलों को सुप्रीम कोर्ट अब खुद देखेगी।
In a significant relief for spiritual leader Sadhguru, the Supreme Court has stayed a Madras High Court order that directed the Tamil Nadu police to investigate cases involving the Isha Foundation.@NandiniSiinghh #IshaFoundation #SupremeCourt #Sadhguruhttps://t.co/YcoaNnH6jk pic.twitter.com/zSje8g02af
— Business Standard (@bsindia) October 3, 2024
दोनों बेटियों से हुई बात
प्रोफेसर कामराज की दोनों बेटियों ने हाईकोर्ट में इस बात को स्वीकार किया था कि वे दोनों वर्ष 2008 में ईशा फाउंडेशन में योग सीखने आई थीं। योग और आध्यात्म सीखने के दौरान ही उन दोनों ने संन्यास का मार्ग चुन लिया। उन्हें किसी ने भी प्रेरित नहीं किया है।
दोनों ने यह भी बताया कि ईशा फाउंडेशन कभी भी किसी को भी संन्यासी बनने पर जोर नहीं देता है। यह व्यक्ति का खुद का निर्णय होता है कि वह आध्यात्मिक मार्ग चुनता है या नहीं।
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क्यों प्रसिद्ध है ईशा फाउंडेशन
सदगुरु उर्फ जग्गी वासुदेव द्वारा स्थापित ईशा फाउंडेशन के दुनियाभर में लगभग 300 से ज्यादा सेंटर हैं। दुनिया के कोने कोने से तकरीबन 20 लाख से ज्यादा लोग इस फाउंडेशन से जुड़े हुए हैं और आध्यात्म को सीख और समझ रहे हैं।
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कोयंबटूर में स्थित ईशा फाउंडेशन में एक बहुत बड़ी भगवान शिव की प्रतिमा के साथ साथ शिवलिंग भी स्थापित है। इस प्रतिमा को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी शामिल किया गया है।
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Image: इंस्टाग्राम
ब्लॉगिंग को पैशन की तरह फॉलो करने वाले आशीष की टेक्नोलॉजी, बिज़नेस, लाइफस्टाइल, ट्रैवेल और ट्रेंडिंग पोस्ट लिखने में काफी दिलचस्पी है।