Russia and Ukraine Agree Ceasefire in Black Sea- रूस और यूक्रेन काला सागर सहित कुछ क्षेत्रों में युद्ध रोकने पर राजी हो गए हैं। अमेरिका सहित भारत और अन्य देशों के प्रयास के बाद रूस और यूक्रेन अब युद्ध को रोकने के लिए तैयार हो रहे हैं। इसकी शुरुआत दोनों देश ब्लैक सी ( काला सागर ) से कर रहे हैं।
Russia and Ukraine Agree Ceasefire in Black Sea- रूस और यूक्रेन काला सागर में युद्ध विराम पर हुए राजी
कैसे बनी बात
आपको बता दें कि पिछले लगभग तीन साल से रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध चल रहा है। ऐसे में दोनों देशों के साथ पूरे विश्व में कई प्रमुख चीजों के इंपोर्ट एक्सपोर्ट पर रोक लगी हुई है।
इसके कारण होंगी नुकसान को देखते हुए भारत सहित अमेरिका लगातार युद्ध को रोकने और बातचीत पकड़ने पर जोर देते रहे हैं। साल 2025 में डोनॉल्ड ट्रंप के अमेरिका के प्रेसिडेंट बनने के बाद अमेरिका ने रूस और यूक्रेन के बीच बातचीत को और भी तेज करने का काम किया है।
इसकी वजह से ही दोनों देशों के प्रतिनिधि सऊदी अरब में कई मीटिंग कर चुके हैं। इन मीटिंग के चलते ही रूस और यूक्रेन काला सागर के साथ साथ एक दूसरे के सैन्य ठिकानों पर मिसाइल अटैक ना करने को तैयार हो गए हैं।
The Trump administration said it has secured separate deals with Ukraine and Russia to ensure safe navigation in the Black Sea and to implement a ban on strikes against energy facilities in the two countries. https://t.co/3JYZDDIRk6
— The Washington Times (@WashTimes) March 26, 2025
व्हाइट हाउस की भूमिका अहम
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका अमेरिका ने निभाई है। हालांकि भारत के पीएम नरेंद्र मोदी ने भी कई मौकों पर बातचीत के जरिए समस्या को हल करने की बात भी की थी।
कई महत्वपूर्ण व्यापारिक समझौतों के साथ ब्लैक सी में जहाजों के आने जाने को लेकर भी रूस और यूक्रेन के प्रतिनिधि सहमत हो गए हैं।
रूस की है कई मांगे
युद्ध को रोकने को लेकर रूस ने पहले भी अपनी मांगों को अमेरिका और यूक्रेन के सामने रखा था। हालांकि तब अमेरिका ने उसकी सभी मांगों को मानने से मना कर दिया था।
Russia Ukraine Ceasefire 2025: Agreement reached to halt strikes in Black Sea, energy infra#RussiaUkraineConflict #UkraineRussiaWar #ceasefire https://t.co/CM4hv08UFZ
— ET NOW (@ETNOWlive) March 26, 2025
लेकिन काला सागर में युद्ध रोकने पर को लेकर रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि हम इस क्षेत्र में युद्ध रोकने के लिए तैयार हैं, लेकिन अमेरिका और यूक्रेन को समझौते के नियमों का पालन करना होगा।
रूस और यूक्रेन एक दूसरे के एनर्जी इन्फ्रास्ट्रक्चर के ऊपर भी हमला नहीं करने को लेकर राजी हुए हैं। इसके अनुसार रूस या यूक्रेन एक दूसरे के एनर्जी के प्रमुख सोर्सेज पर हमला नहीं करेंगे।
क्यों जरूरी है काला सागर
रूस और यूक्रेन दोनों के लिए ही काला सागर ( Black Sea ) की बहुत अहमियत है। काला सागर के जरिए ही यूक्रेन मिडिल ईस्ट और एशिया के कई देशों में अनाज की सप्लाई करता है।
इससे यूक्रेन की अर्थव्यवस्था मजबूत होती है। वहीं रूस काला सागर के माध्यम से यूरोप के देशों के साथ कई महत्वपूर्ण वस्तुओं को भेजता है। इसके लिए कार्गो शिप का इस्तेमाल किया जाता है।
कुछ जगहों पर हो रहे हैं हमले
रूस और यूक्रेन के बीच 30 दिनों के सीजफायर की पहले ही घोषणा हो चुकी थी, लेकिन मॉस्को और कीव दोनों तरफ से एक दूसरे पर हमले लगातार जारी थे, जिससे बहुत नुकसान हो रहा है।
ऐसे में यह समझौता रूस और यूक्रेन के लिए एक नई शुरुआत ला सकता है। इसके लिए दोनों देशों के साथ साथ अमेरिका को भी सहयोग करना होगा।
Ukraine and #Russia Agree to Black Sea Ceasefire Following Peace Talks in #SaudiArabia
Read more: https://t.co/PIOiYnk9R5#UkraineRussiaWar pic.twitter.com/os9Bt3TgqJ— Leaders MENA (@leadersmena) March 25, 2025
सऊदी अरब में हुई रूस, अमेरिका और यूक्रेन के प्रतिनिधियों की मीटिंग के बाद यह बात तय हो चुकी है कि अमेरिका शांति का मार्ग अपनाना चाह रहा है। इसके लिए लिए वह अलग अलग स्तर पर मीटिंग कर रहा है।
वहीं मीटिंग के बाद यूक्रेन के प्रेसिडेंट जेलेंस्की ने कहा कि वह यूक्रेन के कुछ और भी स्थानों की सुरक्षा चाहते हैं। उनके अनुसार रूस को रेलवे और समुद्री पोर्ट पर भी हमले को रोकना चाहिए। अब यह आने वाले समय में पता चल पाएगा कि अमेरिका, रूस और यूक्रेन शांति के इन प्रयासों में कितना आगे तक जा पाते हैं।
इमेज सोर्स: Twitter
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