Rashtrapati Bhavan Hall Name Changed: भारत का राष्ट्रपति भवन एक सरकारी आवास ही नहीं है बल्कि यह विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र की पहचान और मूल्यों को बताता है। राष्ट्रपति भवन भारत के राष्ट्रपति का सरकारी आवास है। राष्ट्रपति को भारत का प्रथम नागरिक भी कहा जाता है। रायसीना हिल के नाम से मशहूर राष्ट्रपति भवन दिल्ली में लगभग 300 एकड़ से भी बड़े क्षेत्र में बनाया गया है।
Rashtrapati Bhavan Hall Name Changed: राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल और अशोक हॉल को मिला नया नाम
कितना बड़ा है राष्ट्रपति भवन
राष्ट्रपति भवन में 350 से ज्यादा कमरे, लगभग 15 एकड़ क्षेत्रफल में फैला गार्डन, टेनिस कोर्ट, गोल्फ का बड़ा मैदान, कई फाउंटेन और बड़े बड़े हॉल भी बने हुए हैं। इन बड़े हॉलों में कई पुरस्कार समारोह के अलावा शपथ ग्रहण समारोह का भी आयोजन किया जाता है। इनमें दरबार हॉल और अशोक हॉल मुख्य हैं। आज राष्ट्रपति भवन की तरफ से जारी एक प्रेस रिलीज़ में इन दोनों हॉलों के नाम बदलने की घोषणा की गयी।
क्या हैं नए नाम
प्रेस रिलीज़ के मुताबिक विभिन्न राष्ट्रीय सम्मानों के आयोजन के मुख्य केंद्र दरबार हॉल को अब गणतंत्र मंडप के नाम से जाना जायेगा। वहीं कई विदेशी प्रतिनिधियों से मिलने के लिए प्रसिद्ध अशोक हॉल को अब अशोक मंडप के नाम से जाना जायेगा। (Rashtrapati Bhavan Hall Name Changed)
Honouring the cultural values and ethos of Bharat!🇮🇳
President Droupadi Murmu renames Rashtrapati Bhavan’s ‘Durbar Hall’ and ‘Ashok Hall’ as ‘Ganatantra Mandap’ and ‘Ashok Mandap,’ respectively.#AshokHall #DurbarHall@rashtrapatibhvn pic.twitter.com/RrDsha5YXn
— Ministry of Information and Broadcasting (@MIB_India) July 25, 2024
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दोनों हॉल के नाम बदले जाने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि राष्ट्रपति भवन भारत की संस्कृति को दर्शाने वाला सबसे बड़ा प्रतीक है। इसलिए इसके हॉल के नाम भी अंग्रेजों के समय के अनुसार ना होकर वर्तमान भारत को परिभाषित करने वाले होने चाहिए। इससे भारत का प्रत्येक नागरिक राष्ट्रपति भवन से अपना जुड़ाव महसूस करेगा। हॉल की जगह मंडप नाम रखने से भारत की लोकतान्त्रिक और सांस्कृतिक भावना को मजबूती मिलती है।
क्यों प्रसिद्ध है दरबार हॉल
राष्ट्रपति भवन के सबसे बड़े और सेंट्रल हॉल को ही दरबार हॉल के नाम से जाना जाता है। इसको आज से गणतंत्र मंडप के नाम से जाना जायेगा। 40 फ़ीट से ज्यादा ऊँची इस गोलाकार हॉल की खूबसूरती देखते ही बनती है। इस हॉल में घुसने पर आपको एक रॉयल अहसास होता है। कई ब्रिटिश वास्तुकला एक्सपर्ट ने भी इस हॉल की बहुत तारीफ की है।
Rashtrapati Bhavan Hall Name Changed: हॉल में ऊँचे पिलर्स के साथ ही बेहद वजनी झूमर भी लगा हुआ है जो रात के समय इस हॉल की खूबसूरती में चार चाँद लगा देता है। इस हॉल का फर्श विश्व प्रसिद्ध मकराना के संगमरमर से बना हुआ है। इसके अलावा यहाँ विदेशों से भी पत्थरों को लाकर खूबसूरत नक्काशी की गयी है। गणतंत्र हॉल (दरबार हॉल) में बुद्ध की एक मूर्ति भी देखने को मिलती है।
गणतंत्र हॉल (दरबार हॉल) में अब राष्ट्रीय और सेना के जवानों को पुरस्कार दिया जाता है जिसके कारण इस हॉल को दरबार कहना उतना सही नहीं लगता था। दरबार शब्द अंग्रेजों के समय में दिया गया था क्यूकि अंग्रेज वायसराय यहाँ पर बैठक करते थे। परन्तु वर्तमान में पुरस्कारों के वितरण समारोह के आयोजन के कारण दरबार नाम को बदलना जरुरी था। इससे भारतीय गणतंत्र की झलक मिलेगी।
अशोक हॉल की कुछ खासियत
राष्ट्रपति भवन के सबसे आकर्षक और भव्य हॉल में अशोक हॉल है। इस हॉल में बेल्जियम के बड़े कांच के झूमर के अलावा सदियों पुरानी पेंटिंग्स और दीवारों पर बनी कलाकारी देखने योग्य है। राष्ट्रपति भवन की तरफ से जारी प्रेस रिलीज़ में अशोक हॉल के नाम को अशोक मंडप कर दिया गया है।
Rashtrapati Bhavan Hall Name Changed: चूँकि अशोक भारत के महानतम सम्राट में से एक थे, इसलिए उनके नाम को नहीं बदला गया है। सम्राट अशोक को उनके महान शासन के लिए जाना जाता है। इसीलिए सिर्फ हॉल की जगह पर मंडप नाम बदल दिया गया है।
अशोक मंडप (अशोक हॉल) दिखने में बहुत ही भव्य और खूबसूरत है। इसमें राष्ट्रपति से मिलने विदेशों से आने वाले प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया जाता है। इसके अलावा अशोक हॉल में छोटे आयोजन भी किये जाते हैं। इस हॉल में एक पेंडुलम घड़ी भी है, जो इस हॉल की सुंदरता को बढ़ाती है।
अशोक मंडप के एक कमरे में एक बड़ी डाइनिंग टेबल भी है जहाँ एक साथ 100 से भी ज्यादा मेहमान एक साथ बैठ सकते हैं। इस कमरे को बैंक्वेट हॉल कहा जाता है। इस कमरे में भारत के पूर्व राष्ट्रपतियों की तस्वीरें दीवारों पर लगी हुई हैं। इसके अलावा अशोक हॉल में आपको बड़े बड़े झूमर भी देखने को मिलेंगे।
इसके पहले भारत में और भी कई रास्तों और इमारतों के नाम में बदलाव किया गया है। इनमे से कुछ तो दिल्ली में ही है, तो वहीं कुछ उत्तर प्रदेश में भी स्थित हैं। दिल्ली में राजपथ को अब कर्तव्य पथ के नाम से जाना जाता है। वहीं उत्तर प्रदेश के कई जिलों के नाम भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बदल दिए हैं।
इमेज सोर्स: राष्ट्रपति भवन ऑफिसियल वेबसाइट & Twitter
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