Problems by Air Pollution: आज ऐसी परिस्थति हो गयी है कि शहरों और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में वायु प्रदूषण के कारण सूक्ष्म कण पैदा हो रहे हैं। इन सूक्ष्म कणों के कारण हमारे शरीर में स्ट्रोक, हृदय रोग, फेफड़ों का कैंसर और साँस संबंधी बीमारियाँ उत्पन्न हो रही हैं।
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Problems by Air Pollution: वायु प्रदूषण से कैसे बचें
वायु प्रदूषण क्या है?
वायु प्रदूषण से तात्पर्य वायु में पाए जाने वाले दूषित पदार्थों के उत्सर्जन से है। ये दूषित उत्सर्जन मानव स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक हैं। इनका असर हमारे सौरमंडल पर भी पड़ रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एक रिपोर्ट के अनुसार, हर साल, पूरी दुनिया में लगभग सात मिलियन मौतें सिर्फ वायु-प्रदूषण से हो रही हैं।
आज 95 % से ज्यादा आबादी आज डब्ल्यूएचओ के द्वारा जारी स्वच्छ हवा के पैमाने से अधिक हवा में सांस ले रहे हैं। छोटे-छोटे विकासशील देशों में यह समस्या सबसे ज्यादा है और वहाँ के लोग भी सबसे अधिक पीड़ित हैं।
वायु प्रदूषण का मुख्य कारण क्या है?
अधिकांश वायु प्रदूषण विभिन्न प्रकार की ऊर्जा के उपयोग करने से और उसके उत्पादन से होता है। पेट्रोलियम पदार्थों का उपयोग करके कार चलाना, कोयले वाले पॉवर प्लांट चलाना आदि। इन सभी में हम कही ना कही जीवाश्म ईंधन को जला रहें हैं।
इसके उपयोग से ख़तरनाक हानिकारक केमिकल्स और गैसें हवा में छोड़ी जाती हैं। इसी कारण वायु प्रदूषण फ़ैल रहा है। इसका प्रभाव और इससे फैलने वाली बीमारियाँ इतनी ज्यादा हैं कि एक लेख में सबका उल्लेख कर पाना संभव नहीं है।
वायु प्रदूषण के प्रभाव
वायु प्रदूषण को विश्व में मृत्यु के लिए चौथा सबसे बड़ा फैक्टर मन गया है। 2020 में स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर रिपोर्ट के अनुसार, 4.5 मिलियन मौतें घरों के बाहर वाले वायु प्रदूषण और अन्य 2.2 मिलियन मौतें घरों के अंदर फैलने वाले वायु प्रदूषण के कारण हुईं।
आज दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश जिनमें चीन और भारत शामिल हैं वायु प्रदूषण से होने वाली अधिकांश बीमारियों से ग्रसित हैं। मानव के शरीर पर वायु प्रदूषण का प्रभाव अलग-अलग तरीके से पड़ता है। यह उत्सर्जन के कारकों पर निर्भर करता है।
धुंध और कालिख
वायु प्रदूषण में ये दो सबसे प्रचलित प्रकार हैं। स्मॉग या धुंध तब होता है जब जीवाश्म ईंधन से निकलने वाला उत्सर्जन सूर्य के प्रकाश के साथ प्रतिक्रिया करता है। कालिख एक प्रकार का कण है। यह कण विभिन्न प्रकार के रसायनों, मिट्टी, धुएं, धूल या एलर्जी के छोटे कणों से बनता है जो हवा में फैल जाते हैं।
स्मॉग और कालिख के स्रोत समान हैं। दोनों कारों और ट्रकों, कारखानों, बिजली संयंत्रों, इंजनों आदि से उत्पन्न होते हैं। साधारण भाषा में बोले तो ये किसी भी ऐसी चीज़ से आते हैं जिनमें कोयला, गैसोलीन या प्राकृतिक गैस जैसे जीवाश्म ईंधन को जलाया जाता है।
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स्मॉग आंखों और गले में जलन पैदा करने के साथ-साथ हमारे फेफड़ों को भी नुकसान पहुंचा सकता है। इसमें मुख्य रूप से बच्चे, बुजुर्ग और बाहर काम करने वाले लोग शामिल होते हैं। यह उन लोगों के लिए और भी बुरा है जिन्हें अस्थमा या किसी प्रकार की एलर्जी होती है।
कालिख में सबसे छोटे वायुजनित कण विशेष रूप से खतरनाक होते हैं क्योंकि वे फेफड़ों और रक्तप्रवाह में प्रवेश कर सकते हैं और ब्रोंकाइटिस को खराब कर सकते हैं। ये दिल के दौरे की मुख्य वजह बन सकते हैं और यहां तक कि इससे मौत भी हो सकती है।
फफूंद भी एक मुख्य कारक
पेड़ों, खरपतवारों और घास से निकलने वाली फफूंद और एलर्जी भी हवा में फैल जाती है और जलवायु परिवर्तन का एक कारक बनती है। ये भी हमारे स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकते हैं।
फफूंद के संपर्क में आने से अस्थमा का दौरा पड़ सकता है और कई तरह की एलर्जी भी हो सकती है। कुछ फफूंद विभिन्न तरह के विषैले पदार्थ भी पैदा करते हैं।
वायु प्रदूषण को कैसे नियंत्रित करें
वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने का सबसे अच्छा और सबसे प्रभावी तरीका स्वच्छ ईंधन का उपयोग करना है। विभिन्न प्रकार के ऊर्जा स्रोतों (जैसे पवन और सौर ऊर्जा) पर निर्भरता को बढ़ाकर, अपनी कारों और ट्रकों को इलेक्ट्रिक करने से हम वायु प्रदूषण को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। इसके साथ ही हम ग्लोबल वार्मिंग को भी कम कर सकते हैं जो कई स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ाता है।
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स्वच्छ ईंधन के विकल्प को चुनना
हमें ट्रांसपोर्टेशन के अच्छे और स्वच्छ ईंधन के विकल्प को चुनना चाहिए। जब तक संभव हो, पैदल चलें या पब्लिक ट्रांसपोर्ट का उपयोग करें। ड्राइविंग के लिए, ऐसी कार या बाइक चुनें जिसमें आपको बढ़िया एवरेज मिलता हो। वर्तमान में इलेक्ट्रिक व्हीकल का उपयोग बढ़ता जा रहा है। आप भी इसका उपयोग करके वायु प्रदूषण को कम मदद कर सकते हैं।
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बिजली की आपूर्ति के लिए आप सरकार से मिलने वाली सोलर ऊर्जा की योजनाओं का उपयोग कर सकते हैं। वर्तमान में विश्व की सभी सरकारों द्वारा सौर ऊर्जा को बढ़ावा दिया जा रहा है और इसके लिए विभिन्न प्रकार की योजनाओं को भी शुरू किया गया है।
स्वास्थ्य की सुरक्षा
आज जब भी आप समाचार देखते हैं या न्यूज़-पेपर पढ़ते हैं तो आपको यह सुनने को मिल जाता है कि आज इस शहर में प्रदूषण का स्तर अधिक है, या फॉग की स्थिति बन गयी है। आज-कल जब बच्चे बाहर खेलने जाते हैं तो प्रदूषण की वजह से होने वाली बीमारियों के कारण हम उनको बाहर जाने से रोकते है।
इसलिए आज-कल बच्चों का घरों में सीमित हो जाना आम हो गया है। आप सुबह टहलने जाते हैं तो आपको हवा साफ दिख सकती है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वह प्रदूषण मुक्त है।
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सुबह की हवा में भी धूल के कण मौजूद रहते हैं और यह आपके शरीर में सांस के माध्यम से आ सकते हैं। यदि आप ऐसे क्षेत्र में रहते हैं या काम करते हैं जहां जंगल की आग का खतरा है, तो जहां तक संभव हो हानिकारक धुएं से दूर रहें। \यदि आप एयर कंडीशनर का उपयोग करते हैं, तो अंदर जाने वाली प्रदूषित हवा की मात्रा को सीमित करने के लिए रीसर्क्युलेटिंग सेटिंग का उपयोग कीजिये।
अपने स्वास्थ्य की देखभाल कीजिए और स्वथ्य रहिए।
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