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President Murmu Approved The Waqf Amendment Bill- वक्फ संशोधन बिल को मिली राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की मंजूरी, अस्तित्व में आया नया कानून

President Murmu Approved The Waqf Amendment Bill- वक्फ संशोधन बिल को मिली राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की मंजूरी, अस्तित्व में आया नया कानून

President Murmu Approved The Waqf Amendment Bill

President Murmu Approved The Waqf Amendment Bill- भारी विरोध और लंबी बहस के बाद संसद के दोनों सदनों से वक्फ बिल पास हो गया था। अब इसे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की तरफ से भी सहमति मिल गयी है। इसके बाद यह एक नया कानून बन गया है।

President Murmu Approved The Waqf Amendment Bill- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी से अस्तित्व में आया नया कानून

President murmu approved the waqf amendment bill

आखिर क्या है वक्फ विधेयक

वक्फ विधेयक, विशेष रूप से वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025, भारत में एक ऐसा कानून है जिसका उद्देश्य वक्फ (Waqf Amendment Bill) संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार और उसे सुव्यवस्थित करना है।

वक्फ की परिभाषा:

  • “वक्फ” एक इस्लामी कानूनी बंदोबस्ती है जहाँ कोई व्यक्ति धार्मिक या धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए संपत्ति (चल या अचल) समर्पित करता है।
  • इन संपत्तियों का उद्देश्य समुदाय को लाभ पहुँचाना है, जिनका उपयोग अक्सर मस्जिदों, स्कूलों, कब्रिस्तानों और अन्य सामाजिक कल्याण गतिविधियों के लिए किया जाता है।

विधेयक का उद्देश्य:

  • वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 इन वक्फ संपत्तियों के शासन और प्रशासन में सुधार करना चाहता है।
  • संपत्ति प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाना।
  • वक्फ संपत्तियों को अतिक्रमण और दुरुपयोग से बचाना।
  • वक्फ संपत्तियों के उचित उपयोग के माध्यम से सामाजिक कल्याण पहलों को बढ़ावा देना।
  • वक्फ बोर्डों और स्थानीय अधिकारियों के बीच समन्वय को सुव्यवस्थित करना।
  • विविध मुस्लिम संप्रदायों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना तथा मुस्लिम महिलाओं की आर्थिक और सामाजिक स्थिति में सुधार करना।

नए संशोधन होंगे शामिल

वक्फ अधिनियम में अब पुराने नियमों की जगह पर कुछ बदलाव किये गए हैं। मंजूरी मिलने के बाद से ये संशोधित नियम लागू होंगे। नए नियम निम्न हैं –

  • विधेयक का उद्देश्य वक्फ प्रशासन की प्रणाली को आधुनिक बनाना है।
  • इसमें बेहतर रिकॉर्ड रखने, ऑडिट करने और अवैध लेनदेन को रोकने के प्रावधान शामिल हैं।
  • इसमें वक्फ भूमि का प्रबंधन करने वाले बोर्डों में गैर मुस्लिम सदस्यों को शामिल करना भी शामिल है।
  • विधेयक ने मुस्लिम वक्फ अधिनियम 1923 को भी निरस्त कर दिया।

क्यों है इतना महत्वपूर्ण


वक्फ संपत्तियों का महत्वपूर्ण मूल्य है, और उनकी देखभाल लोगों के कल्याण के लिए जरुरी है। नए बिल में हुए संशोधन का मुख्य उद्देश्य भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन को ठीक करना है, जो पहले विकास में बाधा बने हुए थे।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने वक्फ (संशोधन) विधेयक को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही वक्फ संशोधन बिल (Waqf Amendment Bill) अब कानून बन गया है।

दोनों सदनों में हुई थी तीखी बहस

इससे पहले लोकसभा और राज्यसभा से वक्फ (संशोधन) विधेयक गरमागरम बहस के बाद पारित कर दिया था। वहीं, नए कानून को कांग्रेस, एआईएमआईएम और आम आदमी पार्टी (आप) ने अलग-अलग याचिकाओं के साथ सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।


मैराथन बहस के बाद संसद के दोनों सदनों से पारित विधेयक को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने शनिवार देर रात मंजूरी दे दी। सरकार ने एक अधिसूचना में कहा कि संसद से पारित वक्फ संशोधन अधिनियम, 2025 को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है।

पूरे देश में लागू होगा नया वक्फ कानून

नए कानून का उद्देश्य पक्षपात, वक्फ संपत्तियों का दुरुपयोग और वक्फ संपत्तियों पर अतिक्रमण को रोकना है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की सरकार ने कहा है कि यह कानून (Waqf Amendment Bill) मुस्लिम विरोधी नहीं है। वहीं, राष्ट्रपति मुर्मु के हस्ताक्षर के बाद वक्फ (संशोधन) विधेयक कानून बन गया है। अब पूरे देश में नया वक्फ कानून लागू हो जाएगा।

पुराने नियम को किया निरस्त

संयुक्त समिति की रिपोर्ट के बाद लोकसभा और राज्यसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक- 2025 (Waqf Amendment Bill) पारित किया गया। इस विधेयक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार, वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन से जुड़े मामलों को जल्द से जल्द सुलझाने और प्रक्रिया में सुधार लाना है। इसके अलावा वक्फ अधिनियम- 1923 को भी निरस्त कर दिया गया है।

चली लंबी बहस


राज्यसभा में इस बिल पर करीब 13 घंटे तक चर्चा चली। यह विधेयक लोकसभा में करीब 12 घंटे तक चली मैराथन बहस के बाद पारित हुआ था। इसके बाद विधेयक को कानून बनने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पास उनकी मंजूरी के लिए भेजा गया था, जिस पर उन्होने हस्ताक्षर कर कानून बनाने को मंजूरी दे दी है।

जेपी नड्डा ने वक्फ अधिनियम से निपटने के तरीके को लेकर कांग्रेस पर कड़ा प्रहार किया था और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने इस कानून को इस तरह से बनाया है जिससे कथित तौर पर भू-माफियाओं को मदद मिल रही है।

ओवैसी ने फाड़ दी थी बिल की कॉपी

एआइएमआइएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने इसे मुसलमानों पर हमला बताते हुए लोकसभा में विधेयक की प्रति फाड़ दी थी। बिल का विरोध करने वालों को चेतावनी देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा था कि यह संसद द्वारा बनाया गया कानून है और इसे सभी को मानना पड़ेगा।


यदि कांग्रेस ने 2013 में वक्फ कानूनों को अति कठोर नहीं बनाया होता, तो आज यह संशोधन लाने की जरूरत ही नहीं पड़ती। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा था कि वक्फ विधेयक से विपक्षी पार्टियां मुसलमानों को डरा रही हैं। उनका कहना था कि दुनिया में अल्पसंख्यकों के लिए भारत से ज्यादा सुरक्षित कोई देश नहीं है।


इमेज सोर्स: Twitter 

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