Pope Francis Health News- ईसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस इन दिनों अस्पताल में जिंदगी और मौत से लड़ रहे हैं। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक पोप फ्रांसिस को कई दिनों से सांस लेने में दिक्कत हो रही है। डॉक्टरों के अनुसार उनको गंभीर बीमारी है जिसकी वजह से वे सही से सांस नहीं ले पा रहे हैं।
Pope Francis Health News- पोप फ्रांसिस की तबियत बिगड़ी, किडनी फेल होने की संभावना
क्या है बीमारी
पूरी दुनिया के कैथोलिक ईसाईयों के सबसे बड़े धर्मगुरु पोप फ्रांसिस रोम के एक हॉस्पिटल में भर्ती हैं। उन्हें सांस लेने में दिक्कत के कारण भर्ती किया गया था।
तबियत ज्यादा खराब होने पर जब जांच की गई तो पता चला कि पोप को बाइलेटरल निमोनिया है। डॉक्टरों ने बताया है कि इस बीमारी में शरीर के फेफड़ों में पानी की मात्रा बढ़ जाती है। जिसकी वजह से सांस लेने में दिक्कत होने लगती है।
फिलहाल हैं ऑक्सीजन सपोर्ट पर
पोप फ्रांसिस को सांस लेने में दिक्कत की वजह से अभी ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है। नेचुरल तरीके से ब्लड नहीं साफ होने के कारण उनके ब्लड को साफ करने के लिए लगातार ब्लड का ट्रांसफ्यूजन किया जा रहा है। 88 साल के पोप को कुछ दिनों में स्वास्थ्य कारणों से अपना पद छोड़ना भी पड़ सकता है।
Tonight at 9pm Rome time the Vatican Secretary of State, Cardinal Parolin will be leading a prayer service and rosary for Pope Francis in Saint Peter’s Square. Though it isn’t the first time they have called for prayers for the popes health, This time it feels more urgent and… pic.twitter.com/JQ0iJEguKL
— Raymond Arroyo (@RaymondArroyo) February 24, 2025
क्या है बाइलेटरल निमोनिया
आइए जानते हैं कि ईसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस जिस बाइलेटरल निमोनिया से पीड़ित हैं, वह कितनी गंभीर बीमारी है और इस बीमारी से क्या नुकसान होता है।
दरअसल बाइलेटरल निमोनिया एक इन्फेक्शन होता है जो फेफड़ों में सूजन पैदा करके पानी की मात्रा को बढ़ाता है। इसकी वजह से मरीज को सांस लेने में बहुत ज्यादा परेशानी होने लगती है।
इसके साथ ही सांस ना ले पाने पर तेज खांसी, बुखार और कमजोरी भी महसूस होती है। निमोनिया वैसे तो एक प्रकार का फंगस होता है जो खांसी या हवा के माध्यम से या संक्रमित व्यक्ति के नाक, मुंह को छूने से फैल सकता है।
यही इन्फेक्शन जब दोनों फेफड़ों में होता है तो उसको बाइलेटरल निमोनिया कहा जाता है। एक्सपर्ट डॉक्टरों के मुताबिक जिनकी इम्युनिटी कमजोर होती है या जो 65 साल से ज्यादा उम्र के होते हैं, ऐसे लोगों को निमोनिया से ज्यादा खतरा होता है।
इसके अलावा जिन्हें कभी भी सांस से संबंधित बीमारी हुई होती है, उन्हें भी निमोनिया के गंभीर खतरे का सामना करना पड़ता है। डॉक्टर्स पोप को सेप्सिस होने का खतरा बता रहे हैं जोकि ब्लड इन्फेक्शन की एक गंभीर बीमारी है। इसकी भी अभी जांच चल रही है।
लाखों लोगों की होती है मौत
कुछ डॉक्टर्स के मुताबिक बाइलेटरल निमोनिया उतना भी खतरनाक नहीं होता। लेकिन एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2021 में सिर्फ बाइलेटरल निमोनिया की वजह से ही पूरी दुनिया में 30 करोड़ से ज्यादा लोग बीमार हुए थे और इनमें से 20 लाख से ज्यादा की मौत हो गई थी।
पोप की लगातार बिगड़ती तबियत के बीच डॉक्टर्स उनकी किडनी के फेल होने की आशंका भी जता रहे हैं। हालांकि अभी इस बात की पुष्टि नहीं हुई है और उनकी देखरेख में डॉक्टरों की पूरी टीम लगी हुई है।
पूरी दुनिया में लोग कर रहे हैं प्रार्थना
ईसाई धर्म को मानने वाले पूरी दुनिया में करोड़ों लोग हैं। पोप फ्रांसिस की बिगड़ती तबियत की खबर मिलते ही लोग पोप के जल्दी स्वस्थ होने की कामना कर रहे हैं।
अमेरिका से लेकर यूरोप और रूस में भी ईसाई लोग रहते हैं। पोप फ्रांसिस की नाजुक हालत के बीच सभी को पोप के लिए प्रार्थना करते हुए देखा गया है।
The Vatican on Monday announced the start of nighttime prayers for the health of Pope Francis in St. Peter’s Square, and invited Romans and others to join in, as the 88-year-old pontiff battled a complex lung infection and complications. https://t.co/fv5eUImkMP
— News 3 Now / Channel 3000 (@WISCTV_News3) February 24, 2025
छोड़ सकते हैं पोप का पद
पोप फ्रांसिस की लगातार बिगड़ती तबियत के बीच यह खबर भी तेजी से फैल रही है कि वे पोप का पद छोड़ सकते हैं। उनकी जगह किसी दूसरे को ईसाई धर्मगुरु यानी पोप बनाया जा सकता है।
हालांकि किसी ने भी अभी तक इस बारे में कोई घोषणा नहीं की है। ईसाई धर्म के लगभग 2 हजार साल के इतिहास में कई पोप ने अपना पद किसी ना किसी वजह से छोड़ दिया था।
इमेज सोर्स: Twitter
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