PM Modi RSS Headquarters Visit- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 मार्च 2025 को पहली बार नागपुर स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) मुख्यालय का दौरा किया।
यह दौरा उनके प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार हुआ, जिससे यह एक ऐतिहासिक क्षण बन गया। इससे पहले अटल बिहारी वाजपेयी ने 2000 में अपने कार्यकाल के दौरान संघ मुख्यालय का दौरा किया था।
PM Modi RSS Headquarters Visit-पीएम मोदी ने आरएसएस मुख्यालय दौरे पर दी संघ संस्थापकों को श्रद्धांजलि।
पीएम मोदी ने इस दौरे के दौरान डॉ. हेडगेवार स्मृति मंदिर में श्रद्धांजलि अर्पित की और संघ के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार और दूसरे सरसंघचालक एम. एस. गोलवलकर को नमन किया।
उन्होंने संघ को “बरगद का वृक्ष” बताते हुए कहा कि यह संगठन भारतीय संस्कृति और आधुनिकता का प्रतीक है, जो वर्षों से राष्ट्रसेवा में कार्यरत है।
This is really interesting—probably the first time PM Modi and RSS Chief Shri Mohan Bhagwat Ji have been seen laughing together, sharing light moments like this.
A good sign for both BJP and RSS. It will give the cadre a new confidence. pic.twitter.com/pg6M7np1Dg
— Mr Sinha (@MrSinha_) March 30, 2025
इस दौरे के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने ‘माधव नेत्रालय प्रीमियम सेंटर’ की आधारशिला भी रखी। यह सेंटर ‘माधव नेत्रालय आई इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च सेंटर’ का विस्तार होगा, जिसे पूर्व संघ प्रमुख माधवराव गोलवलकर की याद में बनाया जा रहा है।
बीजेपी-आरएसएस के संबंधों को मजबूती
STORY | RSS banyan tree of India’s immortal culture: Modi after visit to Sangh headquarters
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— Press Trust of India (@PTI_News) March 30, 2025
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह दौरा भारतीय जनता पार्टी (BJP) और उसकी वैचारिक संरक्षक RSS के बीच संबंधों को और अधिक प्रगाढ़ करने की दिशा में अहम माना जा रहा है।
पिछले कुछ वर्षों में दोनों के बीच कुछ मतभेदों की खबरें सामने आई थीं, लेकिन इस दौरे ने स्पष्ट संकेत दिया कि संघ और सरकार के बीच मजबूत तालमेल बना हुआ है।
प्रधानमंत्री की लिखी गई हस्तलिखित टिप्पणी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डॉ. हेडगेवार स्मृति मंदिर में अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए एक हस्तलिखित संदेश छोड़ा। उन्होंने लिखा कि यह स्मारक न केवल अतीत की गौरवशाली परंपराओं की याद दिलाता है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को राष्ट्रसेवा के लिए प्रेरित करता रहेगा।
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि संघ के संस्थापकों और स्वयंसेवकों की निस्वार्थ सेवा भारतीय समाज को एकजुट करने और सशक्त बनाने में अहम भूमिका निभा रही है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) भारत की अमर संस्कृति का आधुनिक अक्षय वट है।
– प्रधानमंत्री श्री Narendra Modi जी pic.twitter.com/pu9cKJv1ry
— Prakash Modi (@vijaygold9166) March 30, 2025
पीएम मोदी ने अपने संदेश में यह भी कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का योगदान केवल संगठनात्मक दायरे तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक विचारधारा है जो देशभक्ति, समाज सेवा और आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को मजबूत करती है।
उन्होंने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि संघ के संस्थापकों का त्याग और समर्पण उन सभी लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा, जो भारत को एक सशक्त और विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प के साथ कार्य कर रहे हैं।
दौरे का राजनीतिक और सांस्कृतिक महत्व
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह दौरा सिर्फ एक औपचारिक यात्रा नहीं थी, बल्कि इसका गहरा राजनीतिक और सांस्कृतिक महत्व भी है। यह दौरा यह दर्शाता है कि RSS और केंद्र सरकार के बीच विचारधारा और नीति-निर्माण को लेकर एक ठोस समन्वय बना हुआ है।
VIDEO | Addressing a press conference in Mumbai, Shiv Sena (UBT) leader Sanjay Raut says, “PM Modi went to the RSS office (PM Modi’s visit to Nagpur) to announce his retirement. As per my knowledge, he has never visited the RSS headquarters in 10-11 years. RSS wants change in… pic.twitter.com/YCcjYR5MEX
— Press Trust of India (@PTI_News) March 31, 2025
आरएसएस, जो भारतीय राजनीति और सामाजिक संरचना में एक अहम भूमिका निभाता रहा है, उसके साथ प्रधानमंत्री की इस तरह की नजदीकी उनकी भविष्य की रणनीति का भी संकेत देती है।
इससे न केवल भारतीय जनता पार्टी और संघ के बीच संबंध और अधिक प्रगाढ़ होंगे, बल्कि इससे आने वाले चुनावों और नीति-निर्माण में भी एक विशेष दिशा मिल सकती है।
इसके अलावा, इस दौरे से यह भी स्पष्ट होता है कि प्रधानमंत्री मोदी भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों और परंपराओं को आधुनिकता के साथ जोड़ने के पक्षधर हैं। उन्होंने संघ को “बरगद का वृक्ष” बताते हुए इसकी स्थिरता, विविधता और दीर्घकालिक प्रभाव को रेखांकित किया।
इस दौरे को सामाजिक और राजनीतिक रूप से एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जो आने वाले समय में भारतीय राजनीति और नीति-निर्माण पर गहरा असर डाल सकता है।
Images- Twitter
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