North India Excessive Heatwave Alert: उत्तर भारत इन दिनों भीषण गर्मी और लू की चपेट में है। मौसम विभाग (IMD) ने उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान सहित कई राज्यों में 9 जून से लेकर 11 जून तक के लिए हीटवेव अलर्ट (Heatwave Alert) जारी किया है।
तापमान कई शहरों में 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच चुका है, और “हीट इंडेक्स” यानी शरीर को महसूस होने वाला तापमान 47 डिग्री से भी अधिक दर्ज किया गया है।
जाने किस राज्य में क्या स्थिति है?
उत्तर भारत के विभिन्न राज्यों में गर्मी का प्रकोप चरम पर है। उत्तर प्रदेश के आगरा और झांसी में तापमान 45 डिग्री के आसपास पहुंच गया है, जबकि कानपुर में अधिकतम तापमान 42.3 डिग्री रहा लेकिन महसूस होने वाला तापमान 45 डिग्री के करीब रहा।
राज्य के कई हिस्सों में मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है और 11 जून तक सतर्क रहने की चेतावनी दी है। दिल्ली-एनसीआर में 8 जून को अधिकतम तापमान 42.1 डिग्री रिकॉर्ड किया गया और 10 जून के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है, जहां हीट इंडेक्स 47.2 डिग्री के पार पहुंच गया है।
इसके साथ ही धूल भरी आंधी और उमस ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। पंजाब और हरियाणा में बठिंडा, अम्बाला और गुड़गांव जैसे इलाकों में तापमान 43 से 46 डिग्री तक पहुंच चुका है और इन राज्यों में भी ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
वहीं, राजस्थान के बीकानेर, बाड़मेर, जैसलमेर और गंगानगर में लू का प्रभाव बना हुआ है और कुछ क्षेत्रों में तापमान 46 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया है।
North India Excessive Heatwave Alert-मौसम विभाग की चेतावनी!
मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, उत्तर भारत में Heatwave की स्थिति आगामी दो दिनों तक बनी रह सकती है। खासकर दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक का समय बेहद खतरनाक माना जा रहा है, जब गर्मी का असर चरम पर होता है। विभाग ने अलग-अलग स्तर के Heatwave Alert भी जारी किए हैं।
येलो अलर्ट सामान्य सतर्कता के लिए होता है, जबकि ऑरेंज अलर्ट गंभीर प्रभाव और बढ़े हुए जोखिम की ओर इशारा करता है। हालांकि, रेड अलर्ट जैसी अत्यधिक गंभीर चेतावनी फिलहाल किसी राज्य में लागू नहीं की गई है।
क्या है “हीट इंडेक्स”?
“हीट इंडेक्स” वह तापमान होता है जिसे मानव शरीर वास्तव में महसूस करता है, जो केवल थर्मामीटर पर दिखने वाले तापमान से अलग होता है। यह तापमान हवा में मौजूद नमी (ह्यूमिडिटी) और वास्तविक तापमान को मिलाकर तय किया जाता है।
जब वातावरण में नमी अधिक होती है, तो शरीर का पसीना ठीक से नहीं सूख पाता, जिससे शरीर की खुद को ठंडा रखने की प्रक्रिया प्रभावित होती है। ऐसे में भले ही थर्मामीटर 42°C दिखा रहा हो, लेकिन शरीर को यह तापमान 47°C या उससे अधिक महसूस हो सकता है। यही “हीट इंडेक्स” कहलाता है।
यह स्थिति बेहद खतरनाक होती है क्योंकि इससे डिहाइड्रेशन (पानी की कमी), हीट एग्जॉशन (थकावट), और हीट स्ट्रोक जैसी समस्याओं का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। विशेष रूप से बच्चों, बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों के लिए हीट इंडेक्स वाली गर्मी जानलेवा भी साबित हो सकती है।
इसीलिए मौसम विभाग जब हीट इंडेक्स का जिक्र करता है, तो यह केवल तापमान की बात नहीं होती, बल्कि गर्मी के असली असर को दर्शाता है, जो हमारी सेहत पर सीधा प्रभाव डालता है।
लू से बचाव के उपाय:
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धूप में बाहर जाने से बचें, विशेषकर दोपहर के समय।
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ढीले, हल्के और सूती कपड़े पहनें।
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भरपूर मात्रा में पानी और तरल पदार्थ पिएं।
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धूप में छाता, टोपी और सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें।
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बच्चों, गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें।
उत्तर भारत में फिलहाल गर्मी की स्थिति बेहद गंभीर बनी हुई है। मौसम विभाग की चेतावनियों को नजरअंदाज न करें। खुद भी सुरक्षित रहें और दूसरों को भी जागरूक करें। अगले कुछ दिन तक विशेष सतर्कता ही बचाव है।
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