Nag Panchami 2025 Date and Time- नागपंचमी हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो नाग देवताओं की पूजा को समर्पित है। यह श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, यह आमतौर पर जुलाई या अगस्त के महीने में पड़ता है।
Nag Panchami 2025 Date and Time- जुलाई में इस दिन है नागपंचमी, जानें सही जानकारी
नागपंचमी क्यों मनाई जाती है?
नागपंचमी मनाने के पीछे कई पौराणिक कथाएँ और मान्यताएँ हैं। मुख्य कारणों में से एक है नागों के प्रति सम्मान और उनकी पूजा, क्योंकि उन्हें भगवान शिव का आभूषण और भगवान विष्णु का शयन माना जाता है। नागपंचमी मनाने के कुछ प्रमुख कारण इस प्रकार हैं –
नागों का महत्व: हिंदू धर्म में नागों को पूजनीय माना जाता है। उन्हें पृथ्वी के संतुलन, धन-धान्य और वर्षा का प्रतीक माना जाता है। मान्यता है कि नाग देव पाताल लोक में निवास करते हैं और पृथ्वी को अपने फन पर धारण करते हैं।
शिव और विष्णु से संबंध: हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार नाग भगवान शिव के गले का हार हैं और भगवान विष्णु शेषनाग पर शयन करते हैं। इस प्रकार, नागों की पूजा सीधे तौर पर इन प्रमुख देवताओं से जुड़ी हुई है।
सर्प दोष निवारण: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुंडली में सर्प दोष या कालसर्प दोष होने पर नागपंचमी के दिन पूजा करने से इसके नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है।
फसलों की रक्षा में सहयोगी: किसानों के लिए नागों का महत्व इसलिए भी है क्योंकि वे खेतों में चूहे और अन्य कीटों को नियंत्रित करके फसलों की रक्षा करते हैं।
विभिन्न पौराणिक कथाएँ
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कालिया नाग दमन: भगवान कृष्ण ने यमुना नदी को दूषित करने वाले कालिया नाग का वध किया था और उसे प्रण दिलाया था कि वह नागपंचमी के दिन किसी को हानि नहीं पहुँचाएगा। इसी दिन से नागों की पूजा की जाने लगी।
समुद्र मंथन: समुद्र मंथन के दौरान वासुकी नाग का उपयोग रस्सी के रूप में किया गया था, जिससे देवताओं और असुरों को अमृत प्राप्त हुआ।
नागों का क्रोध शांत करना: जन्मेजय ने अपने पिता राजा परीक्षित की मृत्यु का बदला लेने के लिए सर्प यज्ञ का आयोजन किया था, जिसमें हजारों नाग भस्म हो रहे थे। तब आस्तिक मुनि ने इस यज्ञ को रोककर नागों के जीवन की रक्षा की थी। इस घटना को भी नागपंचमी से जोड़ा जाता है।
कब मनाई जाएगी नागपंचमी
नागपंचमी श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है। Nag Panchami 2025 की तिथि 29 जुलाई, 2025 (मंगलवार) को पड़ेगी। Nag Panchami 2025 की तिथि 28 जुलाई, 2025 को शाम 07:11 बजे शुरू होगी और 29 जुलाई, 2025 को शाम 07:05 बजे समाप्त होगी। पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 29 जुलाई को सुबह 05:40 बजे से सुबह 08:24 बजे तक रहेगा।
कैसे मनाई जाती है नागपंचमी
नागपंचमी के दिन नागों की पूजा पारंपरिक रीति-रिवाजों और भक्ति-भाव के साथ की जाती है। पूजा विधि इस प्रकार है-
साफ़ सफाई और तैयारी: नागपंचमी के दिन प्रातः काल उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। घर और पूजा स्थल को साफ करें।
नाग देवता की प्रतिमा की स्थापना: पूजा के लिए मिट्टी, धातु या गोबर से बने नाग देवता की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। कुछ लोग नागों के बिलों की पूजा भी करते हैं, लेकिन अब शहरी क्षेत्रों में यह कम प्रचलित है।
पूजा सामग्री: दूध, जल, हल्दी, कुमकुम, चावल, फूल (विशेष रूप से चमेली), धूप, दीप, मिठाई (जैसे मीठा दूध, खीर, या लावे), और चंदन का लेप जैसी सामग्री तैयार रखें।
क्या है पूजा विधि
- सबसे पहले नाग देवता को दूध और जल से स्नान कराएँ।
- इसके बाद उन्हें हल्दी, कुमकुम और चंदन का लेप लगाएँ।
- अक्षत (चावल), फूल और दूर्वा अर्पित करें।
- धूप और दीप प्रज्वलित करें।
- मीठे दूध और लावे का भोग लगाएँ। लावे को विशेष रूप से नागों को प्रिय माना जाता है।
- नाग मंत्रों का जाप करें, जैसे
“ॐ भुजंगेशाय विद्महे, सर्पराजाय धीमहि, तन्नो नागः प्रचोदयात्।” या “ॐ नाग देवतायै नमः”
- आरती करें और अपनी मनोकामनाएँ पूर्ण करने की प्रार्थना करें।
- इस दिन कई भक्त ब्रह्मचर्य का पालन भी करते हैं।
नागपंचमी के दिन भूमि की खुदाई न करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि इससे नागों को नुकसान पहुँच सकता है। इसके अलावा कुछ लोग नागपंचमी के दिन सपेरों से नाग खरीदकर उन्हें दूध पिलाते हैं, लेकिन इसे अब पशु पक्षियों के लिए क्रूर माना जाने लगा है।
नाग दूध नहीं पीते और जबरन दूध पिलाने से वे बीमार हो सकते हैं या मर भी सकते हैं। इसके बजाय, नागों की प्रतिमा या चित्र की पूजा करना अधिक उपयुक्त और अहिंसक तरीका है।
नागपंचमी का महत्व (Importance of Nag Panchami 2025)
नागपंचमी का त्योहार कई दृष्टियों से महत्वपूर्ण है:
प्राकृतिक संतुलन में सहयोगी: नागपंचमी का त्योहार हमें प्रकृति के साथ सामंजस्य स्थापित करने और जीवों के प्रति सम्मान की भावना विकसित करने की प्रेरणा देता है। नाग पर्यावरण के लिए महत्वपूर्ण हैं, और उनकी पूजा हमें इस संतुलन को बनाए रखने का संदेश देती है।
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भय पर विजय: नाग अक्सर भय और मृत्यु से जुड़े होते हैं। नागपंचमी के दिन उनकी पूजा करके, मनुष्य अपने भय पर विजय प्राप्त करने का प्रयास करता है और उनसे सुरक्षा की कामना करता है।
आध्यात्मिक लाभ: इस दिन नागों की पूजा करने से व्यक्ति को सर्प दोष से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। मान्यता है कि नागपंचमी के दिन पूजा करने से घर में साँप के काटने का भय नहीं रहता।
कृषि में महत्वपूर्ण भूमिका: यह त्योहार विशेष रूप से कृषि समुदायों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि नाग खेतों को कीटों से बचाकर फसल को सुरक्षित रखने में मदद करते हैं।
सांस्कृतिक धरोहर: नागपंचमी भारतीय संस्कृति और परंपरा का एक अभिन्न अंग है, जो पीढ़ियों से चली आ रही है। यह त्योहार हमें अपनी जड़ों और प्राचीन मान्यताओं से जोड़े रखता है।
Nag Panchami 2025 एक ऐसा त्योहार है जो हमें प्रकृति के प्रति श्रद्धा, अहिंसा और आध्यात्मिक शुद्धता का संदेश देता है। यह हमें यह याद दिलाता है कि इस ग्रह पर हम अकेले नहीं हैं और सभी जीवों का सम्मान करना हमारा कर्तव्य है। इस दिन नाग देवताओं की पूजा करके हम उनके आशीर्वाद प्राप्त करते हैं और अपने जीवन में शांति और समृद्धि की कामना करते हैं।
इमेज क्रेडिट: Freepik
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ब्लॉगिंग को पैशन की तरह फॉलो करने वाले आशीष की टेक्नोलॉजी, बिज़नेस, लाइफस्टाइल, ट्रैवेल और ट्रेंडिंग पोस्ट लिखने में काफी दिलचस्पी है।