MR Srinivasan Passed Away- भारत के रक्षा कार्यक्रमों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले होमी जहांगीर भाभा के साथ काम करने वाले प्रसिद्ध परमाणु वैज्ञानिक डॉ. एम. आर. श्रीनिवासन का निधन हो गया है।
MR Srinivasan Passed Away- परमाणु वैज्ञानिक एमआर श्रीनिवासन का हुआ निधन
कहां हुआ निधन
परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व अध्यक्ष श्रीनिवासन 95 वर्ष के थे। उनका निधन तमिलनाडु के उधगमंडलम में हुआ। भारत में न्यूक्लियर रिएक्टर के निर्माण में डॉ. श्रीनिवासन की महत्वपूर्ण भूमिका रही। उन्होंने प्रसिद्ध भारतीय वैज्ञानिक डॉ. होमी जहांगीर भाभा के साथ मिलकर भारत में पहला परमाणु अनुसंधान रिएक्टर अप्सरा का निर्माण किया।
कई रिएक्टरों के विकास में रहा महत्वपूर्ण योगदान
परमाणु ऊर्जा के बारे में बेहद सटीक जानकारी के कारण डॉ. श्रीनिवासन 1955 में भारत के परमाणु ऊर्जा विभाग (DAE) में शामिल हुए। भारत के रक्षा कार्यक्रमों के जनक के रूप में प्रसिद्ध होमी जहांगीर भाभा के साथ मिलकर डॉ. श्रीनिवासन ने कई न्यूक्लियर रिएक्टरों को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
18 रिएक्टरों को किया डेवलप
M.R. Srinivasan, a pioneer of India’s nuclear energy programme and key architect of the nation’s atomic development, passed away at the age of 95. His contributions to advancing India’s nuclear capabilities will endure as a lasting legacy.#MRSrinivasan #NuclearEnergy #India pic.twitter.com/jZMIGOYJNm
— DD News (@DDNewslive) May 20, 2025
डॉ. भाभा के सतह मिलकर देश का पहला न्यूक्लियर रिएक्टर बनाने वाले डॉ. श्रीनिवासन को वर्ष 1987 में परमाणु ऊर्जा आयोग का अध्यक्ष बनाया गया। इसी साल डॉ. एम. आर. श्रीनिवासन ने भारत के न्यूक्लियर प्रोग्राम को बढ़ाते हुए एनपीसीआईएल ( Nuclear Power Corporation of India Limited ) की स्थापना की।
इसके बाद से भारत के परमाणु कार्यक्रमों में तेजी आई और कई परमाणु रिएक्टरों को विकसित किया गया। इनमें डॉ. श्रीनिवासन के नेतृत्व में भारत में 18 रिएक्टरों को शुरू किया गया, जिनमें से अधिकतर आज भी चल रही हैं।
पद्म भूषण से हुए सम्मानित
Veteran scientist MR Srinivasan who played a key role in country’s indigenous nuclear energy programme passed away in Ooty. pic.twitter.com/6mkAkHnKmq
— News Arena India (@NewsArenaIndia) May 20, 2025
भारत के परमाणु शिल्पी कहे जाने वाले डॉ. श्रीनिवासन को न्यूक्लियर एनर्जी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था। यह श्रीनिवासन की ही देन थी कि भारत में परमाणु तकनीक का इस्तेमाल कैंसर और खेती में भी किया जाने लगा। उनकी इस तकनीक की वजह से लाखों लोगों को फायदा हुआ।
कई प्रमुख नेताओं ने दी श्रद्धांजलि
‘Nuclear power stations testimonies to his contributions’: Ramesh condoles Srinivasan’s demisehttps://t.co/XfvR3kofd6#Srinivasan #Demise #NuclearEnergy #Congress #JairamRamesh #JayantNarlikar @Jairam_Ramesh pic.twitter.com/SMUatj3QoT
— NewsDrum (@thenewsdrum) May 20, 2025
डॉ. श्रीनिवासन के निधन पर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश सहित पीएम मोदी ने भी दुःख व्यक्त किया है। सोशल मीडिया पर अपने एक भावुक पोस्ट में जयराम रमेश ने लिखा कि मैं उन्हें लंबे समय से जानता था। अपनी समझ, काम के प्रति समर्पण और जुनून की वजह से ही उन्होंने भारत को एक न्यूक्लियर पॉवर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
Deeply saddened by the passing of Dr. MR Srinivasan, a stalwart of India’s nuclear energy program. His instrumental role in developing critical nuclear infrastructure has been foundational to our being self-reliant in the energy sector. He is remembered for his inspiring…
— Narendra Modi (@narendramodi) May 20, 2025
वहीं पीएम मोदी ने भी डॉ. श्रीनिवासन के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि भारत के परमाणु ऊर्जा की नींव रखने में डॉ. श्रीनिवासन की प्रमुख भूमिका रही है। उनके योगदान को देश कभी नहीं भूल पाएगा।
इमेज सोर्स: Twitter
जानिए गर्मियों में बढ़ने वाले यूटीआई के बारे में
ब्लॉगिंग को पैशन की तरह फॉलो करने वाले आशीष की टेक्नोलॉजी, बिज़नेस, लाइफस्टाइल, ट्रैवेल और ट्रेंडिंग पोस्ट लिखने में काफी दिलचस्पी है।