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Monkey Pox a Global Pandemic: मंकी पॉक्स को WHO ने ग्लोबल महामारी घोषित किया, जानें मंकी पॉक्स के बारे में

Monkey Pox a Global Pandemic: मंकी पॉक्स को WHO ने ग्लोबल महामारी घोषित किया, जानें मंकी पॉक्स के बारे में

Monkey Pox a Global Pandemic

Monkey Pox a Global Pandemic: मंकी पॉक्स एक ऐसी बीमारी है जिसका इलाज तो संभव है परन्तु ये बहुत तेजी से इंसानों में फैलता है। पिछले कुछ समय में अत्यधिक तेजी से फैलने के कारण डब्ल्यूएचओ ने इसे एक ग्लोबल महामारी घोषित कर दिया है।

Monkey pox a global pandemic
चेहरे पर दाने होना

आमतौर पर इंसानों से इंसानों के बीच फैलने वाले मंकी पॉक्स को लेकर WHO ने पूरे विश्व में अलर्ट जारी कर दिया है। किसी भी प्रकार के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लेने और ट्रैवेल ना करने की हिदायत दी गयी है।

Monkey Pox a Global Pandemic: WHO ने मंकी पॉक्स को ग्लोबल महामारी घोषित किया, जानें मंकी पॉक्स के बारे में

किन देशों में फ़ैल रहा है मंकी पॉक्स

डब्ल्यूएचओ की एक रिपोर्ट के मुताबिक मंकी पॉक्स के ज्यादा केस अफ्रीकन देशों में देखने को मिल रहे है। पिछले कुछ दिनों में मंकी पॉक्स के कुछ मामले यूरोपियन देशों में भी सामने आये हैं। भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी मंकी पॉक्स के कुछ मामले देखने को मिले हैं।


हालाँकि एक्सपर्ट डॉक्टरों के मुताबिक इस बीमारी से घबराने की जरुरत नहीं है। साफ – सफाई का ध्यान रखने पर यह बीमारी 15 से 21 दिनों में ठीक हो जाती है। मंकी पॉक्स के लिए पहले से ही वैक्सीन बनी हुई है।

अफ्रीका के कांगो सहित 13 देशों में फैला

मंकी पॉक्स जिसे एमपॉक्स भी कहा जाता है,  अफ्रीका के कांगो में भयंकर रूप से फ़ैल गयी है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार मंकी पॉक्स के अधिकतर मामले कांगो और उसके आस – पास के देशों जैसे बुरुंडी, केन्या, रवांडा और युगांडा आदि में एक महामारी के रूप में देखने को मिले हैं। पूरे विश्व में सिर्फ 2024 में मंकी पॉक्स के लगभग 17 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से 500 से ज्यादा लोगों की मौत सिर्फ मंकी पॉक्स की वजह से ही हो चुकी है।

मंकी पॉक्स के लक्षण

मंकी पॉक्स एक वायरल इन्फेक्शन वाली बीमारी है। मंकी नाम होने से यह बंदरों से नहीं फैलता है बल्कि यह स्मॉल पॉक्स का ही एक अलग रूप है। मंकी पॉक्स होने पर कुछ निम्न लक्षण दिखाई देते हैं –

  1. मरीज को हल्का बुखार होने लगता है।
  2. शरीर और मांसपेशियों में दर्द के साथ सूजन की समस्या होती है।
  3. चेहरे पर दाने निकल जाते हैं। जो धीरे धीरे पूरे शरीर पर फ़ैल सकते हैं।
  4. इंसानों से इंसानों में फैलने वाली इस बीमारी में स्किन पर पीले चकत्ते भी पड़ने की संभावना होती है।
  5. कई मामलों में मरीज के अंदर 15 से 20 दिन में मंकी पॉक्स के लक्षण दिखाई देते हैं।

मंकी पॉक्स फैलने की मुख्य वजह

मंकी पॉक्स एक प्रकार का संक्रामक रोग है। यह इंसानों के द्वारा संपर्क में आने पर ही फैलता है। जब भी कोई संक्रमित व्यक्ति किसी दूसरे के संपर्क में आता है तो मंकी पॉक्स का वायरस आँख, नाक, मुँह के जरिये शरीर में पहुंच जाता है। इसके बाद धीरे धीरे व्यक्ति के शरीर पर लाल और पीले चकत्ते देखने को मिलते हैं। जो 10 से 15 दिनों के अंदर छोटे दानों का रूप ले लेते हैं। ध्यान ना देने पर इन दानों में फफोले पड़ जाते हैं और ये गंभीर रूप ले सकते हैं।

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हाथों में दाने और फफोले पड़ना

डॉक्टर्स के मुताबिक मंकी पॉक्स की वैक्सीन उपलब्ध है परन्तु शरीर पर पड़ने वाले दानों के निशान जीवन भर आपके शरीर पर रह सकते हैं। इसलिए समय पर इस बीमारी का इलाज कराना चाहिए।

मंकी पॉक्स से बचाव के कुछ तरीके

मंकी पॉक्स से बहुत ही कम लोगों की मौत होती है। ज्यादातर मामलों में यह 20 से 25 दिन में अपने आप ठीक हो जाता है। परन्तु यदि कोई व्यक्ति लम्बे समय से मंकी पॉक्स से पीड़ित है तो उस व्यक्ति की मृत्यु हो सकती है क्योंकि यह वायरस उस व्यक्ति के डीएनए को हानि पहुंचाता है। मंकी पॉक्स से बचने के कुछ उपाय निम्न हैं –

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हाथों की सफाई करना
  • अपने आस-पास साफ सफाई रखें।
  • संक्रमित व्यक्ति से दूरी बना कर रखें।
  • हाथों को समय से साफ़ करते रहें।
  • अगर आपने अभी तक इसकी वैक्सीन नहीं लगवाई है तो तुरंत ही नजदीकी अस्पताल में जाकर मंकी पॉक्स की वैक्सीन लगवाएं।
  • शरीर पर दाने होने पर उसे खुजलाये नहीं, इससे इंफेक्शन बढ़ सकता है।
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टीका लगवाना

डब्ल्यूएचओ ने क्यों घोषित किया महामारी

अफ़्रीकी देश कांगो में मंकी पॉक्स के कई वेरिएंट मिले हैं। इनमें एक कम खतरनाक तो दूसरा तेजी से फैलने वाला वेरिएंट है। यह वेरिएंट संक्रमित व्यक्तियों से दूसरे देशों में भी फ़ैल गया है। कांगो के आस – पास के 13 से ज्यादा देशों में यह तेजी से फैला है।


हालाँकि डब्ल्यूएचओ ने स्थिति को कंट्रोल में बताया है। परन्तु दुनिया के सभी देशों को इस बीमारी से सतर्क रहने को कहा है। अभी तक मंकी पॉक्स के मरीज अफ्रीका में ही मिल रहे थे, परन्तु पिछले कुछ दिनों में इसके मरीज यूरोप के कुछ देशों के अलावा एशियाई देश पाकिस्तान में भी पाए गए हैं।


मंकी पॉक्स को फैलने से रोकने के लिए हम सभी को साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए।


इमेज सोर्स: Freepik  & Twitter 

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