Measles Cases in India: खसरा एक ऐसी बीमारी होती है जो वायरल संक्रमण के द्वारा होती है। यह बीमारी गंभीर भी हो सकती है खसरा ज्यादातर बच्चों को होता है। यह बीमारी अक्सर हवा के द्वारा फैलती है ये बच्चों में आसानी से एक दूसरे तक फैलती है। यह वाइरस रूबेला नाम के वायरस के कारण होता है और यह विश्व के सबसे संक्रामक रोगों में से एक है। इसमें 90% संभावना होती है कि उस व्यक्ति के आसपास के लोग भी इससे संक्रमित होते हैं। जानिए क्या होता है खसरा की बीमारी ?
Image Credit: Freepik
Measles Cases in India,मध्य प्रदेश में फिर से बढ़ रहा है खसरा की बीमारी।
WHO के रिपोर्ट के मुताबिक़ बीते साल यानी साल 2023 में दुनिया भर में खसरा के मामलों में 79% तक बढ़ोतरी हुई। जिसमें 3लाख 6हज़ार अधिक मरीज़ मिले। जिसमें खसरे से 1,36,216 लाख लोगो की मृत्यु हुई वही अब इसका असर मध्य प्रदेश में देखने को मिल रहा हैं बीते कुछ दिन से मध्य प्रदेश में खसरा के मामले बढ़ने की जानकारी मिली हैं।
जानिए क्या है खसरा की बीमारी और इसके लक्षण, कारण और उपचार ?
Measles Cases in India: खसरा एक बहुत ही गंभीर वायरल संक्रमण है जो विभिन्न सर्दी जैसे लक्षणों और एक विशिष्ट दाने का कारण बनता है। खसरा हवा से फैलने वाली बीमारी है। यह बच्चों में आसानी से फैल सकता है। इसी तरह, खसरे का वायरस छींकने और खांसने से हवा में फैली छोटी-छोटी बूंदों के जरिए एक-दूसरे में फैल सकता है। इसमें मरीज को सर्दी, खांसी, तेज बुखार, चकत्ते जैसे लक्षणों का सामना करना पड़ता है, यह दुनिया की सबसे संक्रामक बीमारियों में से एक है।
खसरा के लक्षण।
खसरे के लक्षण लोगों में जल्दी नहीं दिखती है और यह संपर्क में आने के बाद भी 10 से 14 दिनों तक दिखायी नहीं देते हैं। खसरे के लक्षण कुछ इस तरह होते हैं।
- गले में खराश ।
- सिर दर्द ।
- दस्त , रोशनी से परेशानी होना ।
- बुख़ार ,सुखी ख़ासी ।
- बहती नाक ।
- आँख का आना ।
- मांसपेशियो में दर्द ।
- त्वचा पर चक्कते (दाने) जो की ददोरे व धब्बों से बनते हैं।
- गालों पर और मुंह के अंदर लाल सतह पर नीले-सफेद केंद्रों वाले छोटे सफेद धब्बे।
खसरा का कारण ।
Measles Cases in India:खसरा रूबेला वायरस के कारण होता है जो ज्यादातर बच्चों को संक्रमित करता है। यह नाक और गले में प्रतिकृति बनाता है। खसरे के रोगियों को सांस लेने की सुविधा अवश्य देनी चाहिए। खसरे में, जब खसरे से पीड़ित व्यक्ति खांसता या छींकता है या बात करता है, तो संक्रमित बूंदें हवा में फैल जाती हैं, जिससे अन्य लोग सांस लेने के दौरान अंदर ले लेते है वही संक्रमित बूंदे किसी भी सतह पर भी आ सकता है जहां वह कई घंटों तक सक्रिय और संक्रामक रहता है।
जब कोई व्यक्ति उस संक्रमित सतह को छूता है और अपने मुंह या नाक को छूता है या अपनी आंखों को रगड़ता है, तो वह संक्रमित हो सकता है। यह वायरस छोटे बच्चों में निमोनिया, डायरिया और क्रुप का कारण भी बनता है। वृद्ध लोगों में भी इसके गंभीर होने की संभावना है।
इसे भी देखें: 5 Best Fat Burning Drinks: वजन और Belly Fat कम करने वाली 5 बेस्ट ड्रिंक।
खसरा का उपचार ।
बीमारी के बाद टीकाकरण: MR वैक्सीन की खुराक लेने से खसरा और रूबेला जैसी खतरनाक बीमारियों से बच्चे की जान बचाई जा सकती है। उन शिशुओं और उन लोगों को खसरा वायरस के खिलाफ टीका नहीं लगाया गया है। उन्हें यह बीमारी होने के 72 घंटे के अंदर टीका लगवा लेना चाहिए ताकि वे इस बीमारी से सुरक्षित रहें। यदि खसरा अभी भी बढ़ता है, तो यह आमतौर पर हल्का और अल्पकालिक होगा।
इसे भी देखें: 10 Amazing Facts About Money Plant: मनी प्लांट के बारे में 10 अमेजिंग फैक्ट्स
पल्लवी को लाइफस्टाइल की अच्छी समझ है, वह हेल्थ, लाइफस्टाइल, मनोरंजन से संबंधित पोस्ट लिखना पसंद करती हैं।