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7 अक्टूबर को पूरे देश में मनाई जाएगी रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि की जयंती, यूपी में सार्वजनिक अवकाश घोषित

7 अक्टूबर को पूरे देश में मनाई जाएगी रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि की जयंती, यूपी में सार्वजनिक अवकाश घोषित

Maharishi Valmiki Jayanti 2025

Maharishi Valmiki Jayanti 2025: महर्षि वाल्मीकि जयंती 2025 को लेकर देशभर में श्रद्धा और उत्साह का माहौल है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल आश्विन मास की पूर्णिमा तिथि को यह पावन पर्व मनाया जाता है। इस वर्ष पूर्णिमा तिथि 6 अक्टूबर को दोपहर 12:24 बजे से शुरू होकर 7 अक्टूबर सुबह 9:17 बजे तक रहेगी। पंचांग की गणना के अनुसार, महर्षि वाल्मीकि जयंती 2025 का पर्व 7 अक्टूबर, मंगलवार को मनाया जाएगा।

Maharishi Valmiki Jayanti 2025: महर्षि वाल्मीकि के प्रति आस्था का पर्व

महर्षि वाल्मीकि को संस्कृत महाकाव्य रामायण के रचयिता के रूप में जाना जाता है। उन्हें आदिकवि अर्थात् प्रथम कवि भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि वाल्मीकि जी ने भगवान श्रीराम के आदर्श जीवन और मर्यादा का वर्णन कर समाज को धर्म, सत्य और नैतिकता का मार्ग दिखाया। इस दिन उनके उपदेशों और कृतियों का स्मरण करते हुए देशभर में धार्मिक आयोजन किए जाते हैं।

उत्तर प्रदेश सरकार ने 7 अक्टूबर को घोषित किया सार्वजनिक अवकाश

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने इस वर्ष महर्षि वाल्मीकि जयंती के अवसर पर राज्य में सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है। इस दिन प्रदेश के सभी सरकारी कार्यालय, विद्यालय और बैंक बंद रहेंगे। सरकार ने सभी जिलों को निर्देश दिए हैं कि वे इस दिन सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन करें ताकि समाज में वाल्मीकि जी के आदर्शों का प्रसार हो सके।

राज्य के चित्रकूट, वाराणसी, लखनऊ और कानपुर जैसे शहरों में विशेष भक्ति कार्यक्रमों की तैयारियां चल रही हैं। चित्रकूट के लालापुर क्षेत्र में सुबह 11 बजे वाल्मीकि जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण, पूजन, रामायण पाठ और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का आयोजन किया जाएगा।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों से गूंजेगा प्रदेश

योगी सरकार ने सभी जिलों के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वाल्मीकि जयंती पर स्वच्छता अभियान, दीपदान, रामायण पाठ और भजन-कीर्तन जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जाएं।

इस दौरान स्थानीय कलाकारों को भी मंच दिया जाएगा ताकि लोकसंस्कृति को प्रोत्साहन मिल सके। प्रशासन ने साफ-सफाई, प्रकाश व्यवस्था और सुरक्षा के विशेष इंतजाम करने के आदेश दिए हैं।

हरियाणा और राजस्थान में भी खास आयोजन

केवल उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान में भी इस पावन अवसर पर विशेष आयोजन होंगे। हरियाणा के रेवाड़ी जिले में 6 अक्टूबर को जिला स्तर पर बड़ा समारोह होगा, जिसमें स्वच्छता कर्मियों को “सफाई योद्धा सम्मान” प्रदान किया जाएगा। वहीं राजस्थान के कोटपूतली में वाल्मीकि समाज ने राज्य सरकार से महर्षि वाल्मीकि जयंती पर राजकीय अवकाश घोषित करने की मांग की है।

महर्षि वाल्मीकि का जीवन संदेश आज भी प्रासंगिक

वाल्मीकि जी का जीवन इस बात का प्रमाण है कि कोई भी व्यक्ति अपने कर्मों और सत्कर्म से महान बन सकता है। डाकू रत्नाकर से आदिकवि बनने की उनकी जीवन यात्रा आज भी लोगों को प्रेरित करती है। उन्होंने समाज को यह संदेश दिया कि ज्ञान, तप और सदाचार से हर इंसान अपनी दिशा बदल सकता है।

देशभर में मनाई जाएगी श्रद्धा और भक्ति से भरी जयंती

दिल्ली, पंजाब, मध्य प्रदेश, बिहार और महाराष्ट्र सहित देश के कई राज्यों में वाल्मीकि जयंती पर शोभायात्राएं निकाली जाएंगी। मंदिरों में भजन-कीर्तन, रामायण पाठ और लंगर का आयोजन होगा। कई शहरों में वाल्मीकि समाज के लोग रैली और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से महर्षि के उपदेशों का प्रचार करेंगे।

महर्षि वाल्मीकि जयंती 2025 केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि आस्था, साहित्य और संस्कृति के संगम का प्रतीक है। रामायण की रचना के माध्यम से उन्होंने मानव जीवन को दिशा दी और यह सिखाया कि कर्म, भक्ति और सत्य के मार्ग पर चलना ही जीवन का सबसे बड़ा धर्म है। 7 अक्टूबर को देशभर में श्रद्धालु इस पावन दिवस को भक्ति और उल्लास के साथ मनाएंगे।

FAQs

महर्षि वाल्मीकि जयंती 2025 कब मनाई जाएगी?

महर्षि वाल्मीकि जयंती इस वर्ष 7 अक्टूबर 2025, मंगलवार को मनाई जाएगी। यह दिन आश्विन मास की पूर्णिमा तिथि पर पड़ रहा है।

महर्षि वाल्मीकि जयंती का महत्व क्या है?

यह दिन रामायण के रचयिता और आदिकवि महर्षि वाल्मीकि जी के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने समाज को सत्य, धर्म और मानवता का संदेश दिया।

क्या इस दिन सरकारी अवकाश रहेगा?

हां, उत्तर प्रदेश सरकार ने 7 अक्टूबर 2025 को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है। इस दिन सरकारी कार्यालय, स्कूल और बैंक बंद रहेंगे।

महर्षि वाल्मीकि को आदिकवि क्यों कहा जाता है?

उन्हें आदिकवि कहा जाता है क्योंकि उन्होंने संस्कृत का प्रथम महाकाव्य रामायण लिखा था, जो आज भी भारतीय संस्कृति का आधार है।

इस दिन क्या-क्या आयोजन किए जाते हैं?

वाल्मीकि जयंती पर मंदिरों में रामायण पाठ, भजन-कीर्तन, दीपदान और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। कई स्थानों पर शोभायात्राएं और स्वच्छता अभियान भी होते हैं।

इमेज सोर्स: Twitter

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