Mahakumbh Magh Purnima Sangam Snan-माघ पूर्णिमा स्नान के अवसर पर आज बुधवार को प्रयागराज के त्रिवेणी संगम में लाखों श्रद्धालुओं ने पवित्र डुबकी लगाई।
मान्यता है कि इस दिन संगम में स्नान करने से समस्त पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ घाटों पर उमड़ पड़ी। उत्तर प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन ने श्रद्धालुओं के लिए विशेष इंतजाम किए थे।
सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए, जिसमें हजारों पुलिसकर्मी और एनडीआरएफ की टीमें तैनात रहीं। संगम क्षेत्र में साफ-सफाई और मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं।
माघ मेला के तहत यह अंतिम प्रमुख स्नान था। इसके बाद श्रद्धालु कल्पवास समाप्त कर अपने घरों को लौटेंगे। साधु-संतों और कल्पवासियों ने भी इस अवसर पर विशेष पूजा-अर्चना की।
Mahakumbh Magh Purnima Sangam Snan- हेलिकॉप्टर से बरसाए गए श्रद्धालुओं पर फूल।
महाकुंभ में माघ पूर्णिमा के मौके पर संगम में स्नान का सिलसिला जारी है। श्रद्धालुओं की भीड़ इतनी ज्यादा है कि संगम से लेकर करीब 15 किमी तक लोगों का जनसैलाब नजर आ रहा है।
प्रशासन की रिपोर्ट के मुताबिक, दोपहर 4 बजे तक लगभग दो करोड़ श्रद्धालु पवित्र डुबकी लगा चुके हैं। अनुमान है कि शाम तक यह संख्या ढाई करोड़ को पार कर जाएगी।
‘Pushp varsha’ or showering of flower petals being done on devotees and ascetics as they take holy dip in Sangam waters on the auspicious occasion of Magh Purnima during the ongoing #MahaKumbh2025. pic.twitter.com/uSoUysBMkm
— TIMES NOW (@TimesNow) February 12, 2025
श्रद्धालुओं के स्वागत में विशेष तैयारियां की गईं। हेलिकॉप्टर से कई क्विंटल फूलों की वर्षा की गई, जिससे माहौल और भी भक्ति-भाव से भर गया। भाईचारे की मिसाल तब देखने को मिली जब काटजू रोड स्थित मस्जिद के पास नमाजियों ने भी श्रद्धालुओं पर फूल बरसाकर उनका स्वागत किया।
ट्रैफिक प्लान में बदलाव
श्रद्धालुओं की भीड़ के कारण प्रयागराज जाने वाले रास्तों पर भीषण जाम लग गया। इसे देखते हुए प्रशासन ने ट्रैफिक प्लान में बदलाव किया है। शहर में वाहनों की एंट्री बंद कर दी गई है। मेला क्षेत्र में किसी भी वाहन को जाने की अनुमति नहीं है।
#WATCH | Lucknow: UP CM Yogi Adityanath closely monitors #MaghPurnima ‘Snan’ at Triveni Sangam, Prayagraj, from the War Room at his residence.
Starting at 4 AM, CM Yogi, along with top officials, reviewed live updates, issued real-time instructions, and ensured seamless… pic.twitter.com/eGdn9LCjvu
— Organiser Weekly (@eOrganiser) February 12, 2025
श्रद्धालुओं को संगम तक पहुंचने के लिए 8 से 10 किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ रहा है। प्रशासन ने पार्किंग से संगम तक पहुंचाने के लिए शटल बसें चलाई हैं, लेकिन उनकी संख्या काफी सीमित है, जिससे लोगों को पैदल सफर करना पड़ रहा है।
माघ पूर्णिमा का धार्मिक महत्व
माघ पूर्णिमा का दिन हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र और शुभ माना गया है। यह माघ मास की अंतिम पूर्णिमा होती है, जिसे पुण्य अर्जित करने का विशेष अवसर कहा जाता है।
शास्त्रों में बताया गया है कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान, दान और तपस्या करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
Maha Kumbh on Magh Purnima 🚩
Om Har Har Har Har Har Har Mahadev Shivshambhu
🔥🔥🔥This grand gathering of Sanatan is truly amazing
Even after a month, crores of people are equally enthusiastic and taking a dip in the confluence with spirituality 🙏 pic.twitter.com/zKmM8c1g11— Oxomiya Jiyori 🇮🇳 (@SouleFacts) February 12, 2025
माघ पूर्णिमा के दिन गंगा, यमुना और सरस्वती के पवित्र संगम में स्नान करने की परंपरा है। श्रद्धालु सूर्योदय से पहले स्नान कर भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करते हैं। इसके बाद दान-पुण्य किया जाता है।
अन्न, वस्त्र, तिल, गुड़, घी और कंबल का दान विशेष रूप से फलदायी माना जाता है। कई लोग इस दिन गरीबों को भोजन कराकर पुण्य कमाते हैं।
माघ मास और कल्पवास की परंपरा
माघ माह में प्रयागराज के संगम तट पर कल्पवास करने की परंपरा भी है। कल्पवासी पूरे महीने संगम किनारे रहकर साधना, व्रत और भजन-कीर्तन करते हैं। वे साधारण जीवन जीते हैं और नियमों का सख्ती से पालन करते हैं। माना जाता है कि माघ में स्नान और तपस्या से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
माघ पूर्णिमा का संबंध केवल धार्मिक अनुष्ठानों से ही नहीं, बल्कि व्यक्ति की आत्मिक शुद्धि से भी है। मान्यता है कि इस दिन स्नान करने से मनुष्य के विचारों की शुद्धि होती है, और उसके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है। यही कारण है कि इस दिन लाखों श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाते हैं।
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